रिकॉर्ड रक्षा निर्यात वृद्धि
भारत के रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में ₹23,622 करोड़ (~$2.76 बिलियन) तक पहुँच गए, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। यह आँकड़ा पिछले वर्ष (₹21,083 करोड़) की तुलना में 12.04% अधिक है।
पिछले दशक में रक्षा निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है—2013-14 में मात्र ₹686 करोड़ से अब 34 गुना बढ़कर मौजूदा स्तर पर पहुँचा है।
Static GK तथ्य: भारत की पहली Defence Production Policy वर्ष 2011 में जारी की गई थी।
निजी क्षेत्र और DPSUs का योगदान
निजी क्षेत्र ने अहम भूमिका निभाई, जिसने FY 2024-25 में ₹15,233 करोड़ मूल्य का निर्यात किया।
रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों (DPSUs) ने ₹8,389 करोड़ का योगदान दिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 42.85% वृद्धि है।
दोनों का सम्मिलित प्रयास यह दर्शाता है कि भारत बड़े पैमाने के रक्षा प्रणालियों के साथ-साथ उच्च–तकनीकी छोटे उत्पादों में भी अपनी क्षमता सिद्ध कर रहा है।
Static GK तथ्य: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत का सबसे बड़ा DPSU है, जिसकी स्थापना 1940 में हुई थी।
वैश्विक पहुँच का विस्तार
आज भारत लगभग 80 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करता है। इसमें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, राडार, मिसाइल, समुद्री प्रणाली और सुरक्षा उपकरण शामिल हैं।
सरकार ने 2029 तक ₹50,000 करोड़ रक्षा निर्यात का लक्ष्य तय किया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम है।
Static GK टिप: Defence Acquisition Council (DAC), जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री करते हैं, भारत में सभी प्रमुख रक्षा अधिग्रहणों को मंजूरी देता है।
प्राधिकरण और निर्यातकों में वृद्धि
FY 2024-25 में कुल 1,762 निर्यात प्राधिकरण जारी किए गए, जो पिछले वर्ष (1,507) की तुलना में 16.92% अधिक हैं।
इसके साथ ही, पंजीकृत रक्षा निर्यातकों की संख्या में 17.4% वृद्धि हुई, जो बढ़ते उद्योग सहभागिता का संकेत है।
Static GK तथ्य: भारत में रक्षा निर्यात प्राधिकरण का नियमन DGFT (Directorate General of Foreign Trade) द्वारा किया जाता है।
रणनीतिक महत्व
रक्षा निर्यात का बढ़ना केवल आर्थिक पहलू नहीं है, बल्कि रणनीतिक कूटनीति का भी हिस्सा है। विभिन्न देशों को रक्षा उपकरण सप्लाई करके भारत रक्षा साझेदारी मजबूत कर रहा है, क्षेत्रीय सुरक्षा में योगदान दे रहा है और अपनी वैश्विक स्थिति को मज़बूत कर रहा है।
निरंतर नीतिगत सहयोग, उद्योग की भागीदारी और स्वदेशी तकनीक की बढ़ती मांग से भारत आने वाले दशक में प्रमुख रक्षा निर्यातक बनने की दिशा में बढ़ रहा है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| 2024-25 में रक्षा निर्यात | ₹23,622 करोड़ (~$2.76 बिलियन) |
| 2023-24 की तुलना में वृद्धि | 12.04% |
| 2013-14 से वृद्धि | 34 गुना (₹686 करोड़ से) |
| निर्यात गंतव्य | लगभग 80 देश |
| 2029 का लक्ष्य | ₹50,000 करोड़ |
| निजी क्षेत्र का योगदान | ₹15,233 करोड़ |
| DPSU योगदान | ₹8,389 करोड़ |
| DPSU निर्यात वृद्धि | 42.85% |
| जारी निर्यात प्राधिकरण | 1,762 (16.92% अधिक) |
| निर्यातकों में वृद्धि | 17.4% |





