यह बीमारी क्या है
प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) एक घातक मस्तिष्क संक्रमण है जो मुक्त-जीवित अमीबा नेग्लेरिया फॉउलेरी (Naegleria fowleri) के कारण होता है। इसे सामान्यतः “ब्रेन-ईटिंग अमीबा” कहा जाता है। यह गर्म झीलों, तालाबों और गीली मिट्टी में जीवित रहता है। यह नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है और फिर मस्तिष्क तक पहुँच जाता है। लक्षण अचानक प्रकट होते हैं—सिरदर्द, बुखार और उल्टी, जिसके बाद तंत्रिका तंत्र तेजी से खराब होता है।
Static GK तथ्य: नेग्लेरिया फॉउलेरी संक्रमण का पहला मामला 1965 में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में दर्ज किया गया था।
संक्रमण कैसे फैलता है
अधिकांश संक्रमण गर्म ताजे पानी में तैरने या स्नान करने से होते हैं, जब दूषित पानी नाक में चला जाता है। इसे पीने से संक्रमण नहीं होता। हाल ही में बच्चों में आए मामलों से यह भी संकेत मिला है कि संक्रमण मिट्टी या धूल से भी हो सकता है। एक अन्य जीवाणु एकैंथअमीबा (Acanthamoeba) भी मस्तिष्क संक्रमण पैदा कर सकता है, लेकिन उसकी ऊष्मायन अवधि लंबी होती है।
Static GK टिप: नेग्लेरिया फॉउलेरी 25°C से ऊपर और 46°C तक तापमान में जीवित रह सकता है।
केरल में स्थिति
केरल में पहला मामला 2016 में सामने आया था। इसके बाद से वृद्धि दर्ज की गई। 2024 में 36 मामले और 9 मौतें, जबकि 2025 में अब तक 8 मामले और 2 मौतें हुई हैं। जहाँ विश्व स्तर पर मृत्यु दर लगभग 97% है, वहीं केरल ने इसे घटाकर 25% तक कर दिया है। वर्ष 2024 में 14 वर्षीय कोझिकोड के बालक की PAM से रिकवरी भारत की पहली और विश्व की गिनी-चुनी 11 सफलताओं में शामिल रही।
Static GK तथ्य: केरल अपने सशक्त स्वास्थ्य मॉडल और उच्च डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात के लिए प्रसिद्ध है।
मामले क्यों बढ़ रहे हैं
मामलों में वृद्धि के कारण हैं:
- AES (एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) के लिए बेहतर परीक्षण।
- जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान से अनुकूल वातावरण।
- शहरी प्रदूषण और ठहरा हुआ पानी।
चिकित्सा प्रतिक्रिया में प्रगति
PAM का निदान कठिन है क्योंकि इसके लक्षण बैक्टीरियल या वायरल मेनिंजाइटिस जैसे लगते हैं। अब केरल में आणविक परीक्षण तकनीक का उपयोग हो रहा है। राज्य ने विशेष उपचार प्रोटोकॉल लागू किया है जिसमें एंटीफंगल दवाइयाँ, एंटीबायोटिक्स और गहन देखभाल शामिल है।
सरकारी कार्रवाई और सावधानियाँ
केरल स्वास्थ्य विभाग ने:
- ताजे जल स्रोतों की निगरानी
- एहतियाती दिशा–निर्देश जारी
- अस्पतालों की तैयारी बढ़ाई
- जन–जागरूकता अभियान शुरू किए हैं।
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को PAM के लक्षणों की पहचान और त्वरित उपचार के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| बीमारी | प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) |
| कारक जीव | नेग्लेरिया फॉउलेरी |
| केरल में पहला मामला | 2016 |
| 2024 के मामले | 36 मामले, 9 मौतें |
| 2025 के मामले (अगस्त तक) | 8 मामले, 2 मौतें |
| वैश्विक मृत्यु दर | 97% |
| केरल मृत्यु दर | 25% |
| भारतीय जीवित मरीज | 14 वर्षीय, कोझिकोड, 2024 |
| तुलनात्मक अमीबा | एकैंथअमीबा |
| राज्य पहल | विशेष डायग्नोस्टिक और ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल |





