भारत के नए अंतरिक्ष लक्ष्य
भारत ने वर्ष 2035 तक अपना स्वयं का भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2040 तक पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य तय किया है। यह घोषणा संसद में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा की गई। यह लक्ष्य विकसित भारत 2047 की परिकल्पना से जुड़ा है।
यह घोषणा भारत की अंतरिक्ष यात्रा को वैश्विक सहयोग से आगे बढ़ाकर स्थायी मानव अंतरिक्ष उड़ान ढांचे की दिशा में एक बड़ा कदम दर्शाती है।
Static GK तथ्य: पहला स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन मीर (Mir) सोवियत संघ द्वारा 1986 में प्रक्षेपित किया गया था।
ऐतिहासिक ISS मिशन से प्रेरणा
यह घोषणा उस समय आई जब ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला सफलतापूर्वक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने। यह उपलब्धि भारत की वैश्विक पहचान को दर्शाती है और स्वदेशी दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखती है।
अंतरिक्ष सुधारों से बनी नींव
पिछले 11 वर्षों में प्रमुख अंतरिक्ष क्षेत्र सुधारों ने भारत की दिशा बदल दी। नीतिगत बदलावों ने निजी कंपनियों को उपग्रह निर्माण और प्रक्षेपण में भाग लेने की अनुमति दी। इससे स्पेस–टेक स्टार्टअप्स और शोध पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिला।
Static GK टिप: निजी अंतरिक्ष गतिविधियों को विनियमित और प्रोत्साहित करने के लिए IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorisation Centre) की स्थापना वर्ष 2020 में हुई।
प्रमुख तकनीकी उपलब्धियाँ
इन सुधारों ने अनुसंधान और विकास को गति दी। ऑपरेशन सिंदूर जैसे प्रयासों ने यह साबित किया कि भारत अंतरिक्ष अनुसंधान को राष्ट्रीय सुरक्षा और जनहित में बदलने की क्षमता रखता है।
इसरो का चंद्रयान-3 (2023) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने वाला विश्व का पहला मिशन रहा, जिसने मानवयुक्त अभियानों के प्रति भारत का आत्मविश्वास बढ़ाया।
सार्वजनिक कल्याण में अंतरिक्ष तकनीक
डॉ. सिंह ने जोर दिया कि अंतरिक्ष विज्ञान केवल अन्वेषण तक सीमित नहीं है। उपग्रह डेटा कृषि योजना, आपदा प्रबंधन और शहरी विकास में मदद करता है। नेविगेशन सिस्टम लॉजिस्टिक्स को सुदृढ़ करते हैं जबकि रिमोट सेंसिंग पर्यावरणीय निगरानी में सहायक है।
Static GK तथ्य: भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट वर्ष 1975 में सोवियत सहयोग से प्रक्षेपित हुआ।
विकसित भारत 2047 की राह
योजना अनुसार भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्र मिशन, विकसित भारत 2047 की वैज्ञानिक परिकल्पना का हिस्सा हैं। ये पहल भारत को वैश्विक अंतरिक्ष नेतृत्व में अग्रणी बनाती हैं और विज्ञान से लेकर सामाजिक-आर्थिक प्रगति तक व्यापक लाभ पहुँचाती हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन लक्ष्य वर्ष | 2035 |
मानवयुक्त भारतीय चंद्र मिशन लक्ष्य वर्ष | 2040 |
घोषणा की | डॉ. जितेंद्र सिंह |
विज़न जुड़ा हुआ | विकसित भारत 2047 |
पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री (ISS पर) | ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला |
निजी क्षेत्र को अवसर मिला | 2014 से आगे |
निजी अंतरिक्ष गतिविधियों का नियामक | IN-SPACe (2020) |
ऑपरेशन सिंदूर महत्व | स्वदेशी तकनीक का प्रयोग |
चंद्रयान-3 उपलब्धि | 2023, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अवतरण |
पहला भारतीय उपग्रह | आर्यभट्ट, 1975 |