राष्ट्रीय रोजगार प्रवृत्तियाँ
भारत की बेरोजगारी दर जुलाई 2025 में घटकर 5.2% हो गई है। यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) से मिली। जून 2025 की 5.6% दर की तुलना में यह सुधार श्रम बाजार की धीमी लेकिन स्थिर रिकवरी को दर्शाता है। ग्रामीण भारत ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहाँ कृषि और सहायक गतिविधियों ने बड़ी संख्या में श्रमिकों को रोजगार दिया।
ग्रामीण रोजगार वृद्धि
ग्रामीण क्षेत्रों में स्व–रोजगार प्रमुख स्रोत बनकर उभरा। यहाँ आधे से अधिक पुरुष और लगभग तीन-चौथाई महिलाएँ स्व-रोजगार में लगी हैं। कृषि अब भी सबसे बड़ा ग्रामीण नियोक्ता है, जो यह दिखाता है कि ग्रामीण आजीविका के लिए खेती पर निर्भरता बनी हुई है।
Static GK तथ्य: कृषि भारत के सकल मूल्य वर्धन (GVA) का लगभग 18% योगदान करती है और 43% कार्यबल को रोजगार देती है।
शहरी रोजगार पैटर्न
शहरी श्रम बाजार का स्वरूप भिन्न है। यहाँ नियमित वेतनभोगी नौकरियाँ सेवा क्षेत्र में अधिक हैं। लगभग 47.5% पुरुष और 55.1% महिलाएँ वित्त, आईटी, व्यापार और आतिथ्य सेवाओं में कार्यरत हैं। सेवाएँ स्थिरता तो देती हैं, लेकिन इन पर अत्यधिक निर्भरता भारत को वैश्विक बाजार जोखिमों के प्रति संवेदनशील बनाती है।
त्रैमासिक और मासिक संकेतक
PLFS त्रैमासिक बुलेटिन (अप्रैल–जून 2025) के अनुसार, श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 55% रही—ग्रामीण में 57.1% और शहरी में 50.6%। कार्यकर्ता जनसंख्या अनुपात (WPR) कुल मिलाकर 52% दर्ज हुआ।
जुलाई 2025 में LFPR 54.9% और बेरोजगारी दर 5.2% रही, जिससे रोजगार वृद्धि पर आशावाद बढ़ा।
Static GK टिप: भारत ने अप्रैल 2017 में पहला PLFS शुरू किया, जिसने पाँच-वर्षीय रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षणों को प्रतिस्थापित किया।
रोजगार में लैंगिक अंतर
PLFS डेटा ने लैंगिक असमानताओं को उजागर किया। महिलाओं का WPR केवल 31.6% रहा, जबकि पुरुषों का 73.1%। इसका कारण औपचारिक नौकरियों तक असमान पहुँच, सांस्कृतिक बाधाएँ और सहयोगी नीतियों की कमी है। इस अंतर को कम करना समान और समावेशी विकास के लिए आवश्यक है।
अद्यतन PLFS पद्धति
जनवरी 2025 से लागू नई PLFS पद्धति मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक आँकड़े प्रदान करती है। 1.34 लाख परिवारों और 5.7 लाख व्यक्तियों को कवर करने वाला यह सर्वेक्षण वास्तविक समय में बदलावों को पकड़ने और त्वरित नीतिगत प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में सहायक है।
नीतिगत महत्व
यह सर्वेक्षण भारत के विकास मार्ग पर अहम संदेश देता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था ने दिखाया कि कृषि झटकों को संभाल सकती है, वहीं शहरी रोजगार का सेवा क्षेत्र पर अत्यधिक निर्भर होना विविधीकरण की आवश्यकता दर्शाता है। महिलाओं की श्रम भागीदारी बढ़ाना संतुलित विकास के लिए अनिवार्य है। साथ ही, PLFS जैसे डेटा-आधारित शासन से साक्ष्य–आधारित नीतिनिर्माण को बल मिलता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| बेरोजगारी दर (जुलाई 2025) | 5.2% |
| बेरोजगारी दर (जून 2025) | 5.6% |
| ग्रामीण बेरोजगारी दर (अप्रैल–जून 2025) | 4.8% |
| शहरी बेरोजगारी दर (अप्रैल–जून 2025) | 6.8% |
| श्रम बल भागीदारी दर (अप्रैल–जून 2025) | 55% कुल |
| कार्यकर्ता जनसंख्या अनुपात (अप्रैल–जून 2025) | 52% कुल |
| महिला WPR | 31.6% |
| पुरुष WPR | 73.1% |
| PLFS संशोधन | जनवरी 2025 |
| PLFS कवरेज (अप्रैल–जून 2025) | 1.34 लाख परिवार, 5.7 लाख व्यक्ति |





