विश्वबंधु भारत की दृष्टि
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम विश्वबंधु दर्शन को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक साझेदारी पर बल है। नवीन मिशनों और खुले ज्ञान–साझाकरण के माध्यम से भारत मानवता की सेवा करने और राष्ट्रीय क्षमताओं को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।
Static GK तथ्य: विश्वबंधु का अर्थ है “दुनिया का मित्र”, जो प्राचीन भारतीय विचार वसुधैव कुटुम्बकम् से जुड़ा है।
वैश्विक सहयोग
NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR) परियोजना भारत की वैज्ञानिक साझेदारी की प्रतिबद्धता दर्शाती है। इसे “भारत का वैज्ञानिक हैंडशेक” कहा जाता है। यह मिशन वैश्विक पृथ्वी अवलोकन सहयोग सुनिश्चित करेगा और अंतरराष्ट्रीय डॉकिंग व इंटरऑपरेबिलिटी मानकों के अनुरूप होगा।
Static GK टिप: NISAR पहला राडार इमेजिंग उपग्रह होगा जो L-बैंड और S-बैंड दोनों फ्रीक्वेंसी का उपयोग करेगा।
अंतरिक्ष डेटा की खुली पहुँच
भारत डेटा का लोकतंत्रीकरण बढ़ावा देता है, जिससे विश्वभर के वैज्ञानिक पृथ्वी अवलोकन संसाधनों तक पहुँच सकते हैं। यह मॉडल विशेषकर विकासशील देशों को कृषि, जलवायु अध्ययन और आपदा पूर्वानुमान में मदद करता है। भारत अंतरिक्ष को वैश्विक साझा संपत्ति मानकर ज्ञान योगदानकर्ता की पहचान मजबूत कर रहा है।
वैश्विक चुनौतियों का समाधान
अंतरिक्ष आधारित निगरानी आपदा प्रबंधन, ग्लेशियर ट्रैकिंग, फसल उपज आकलन और जलवायु निगरानी में अहम है। भारत के कम लागत वाले उपग्रह बाढ़, चक्रवात और पर्यावरणीय ह्रास जैसी साझा समस्याओं के समाधान उपलब्ध कराते हैं।
Static GK तथ्य: भारतीय राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग (IRS) कार्यक्रम 1988 में IRS-1A से शुरू हुआ, और यह विश्व का सबसे बड़ा नागरिक रिमोट सेंसिंग कार्यक्रम है।
अंतरिक्ष के माध्यम से कूटनीति
भारत तकनीकी सहयोग, क्षमता निर्माण और सतत विकास में साझेदारी के लिए अंतरिक्ष सहयोग का उपयोग करता है। NAVIC नेविगेशन प्रणाली पहले से ही क्षेत्रीय सुरक्षा और व्यापार में सहायक है। ऐसे कदम भारत की स्पेस डिप्लोमेसी को सशक्त बनाते हैं।
कम लागत में तकनीकी दक्षता
इसरो (ISRO) जटिल अंतरिक्ष प्रणालियाँ न्यूनतम लागत पर विकसित करने के लिए प्रसिद्ध है। मंगलयान और चंद्रयान जैसे मिशनों ने गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की दक्षता साबित की है और भविष्य के अंतरराष्ट्रीय सहयोग में विश्वसनीयता बढ़ाई है।
Static GK टिप: भारत का मंगलयान मिशन (Mars Orbiter Mission) लगभग ₹450 करोड़ में पूरा हुआ, जो कई हॉलीवुड फिल्मों से भी सस्ता था।
आगामी प्रमुख पहल
भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में नेतृत्व मजबूत करने हेतु महत्वाकांक्षी योजनाएँ बना रहा है।
- भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS): लक्ष्य वर्ष 2035।
- मानवयुक्त चंद्र मिशन: लक्ष्य वर्ष 2040।
- गगनयान मिशन: भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लो अर्थ ऑर्बिट में भेजना। इसमें क्रू एस्केप सिस्टम और मानवरूपी रोबोट व्योममित्रा का परीक्षण शामिल है।
ये सभी कदम भारत को विश्वबंधु भारत के रूप में स्थापित करने में सहायक होंगे।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| विश्वबंधु | प्राचीन भारतीय अवधारणा, अर्थ – “दुनिया का मित्र” |
| NISAR मिशन | NASA-ISRO संयुक्त पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, ड्यूल-फ्रीक्वेंसी राडार |
| ओपन डेटा नीति | भारत वैश्विक शोधकर्ताओं को उपग्रह डेटा उपलब्ध कराता है |
| ग्लोबल कॉमन्स | भारत सार्वभौमिक हित हेतु ज्ञान व डेटा साझा करता है |
| NAVIC | भारत की क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली, सुरक्षा व व्यापार में सहायक |
| भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन | 2035 तक लक्ष्य |
| मानवयुक्त चंद्र मिशन | 2040 तक लक्ष्य |
| गगनयान | मानव अंतरिक्ष उड़ान, क्रू एस्केप सिस्टम व व्योममित्रा |
| इसरो नवाचार | मंगलयान जैसे कम लागत मिशन दक्षता का उदाहरण |
| IRS कार्यक्रम | 1988 में शुरू, विश्व का सबसे बड़ा नागरिक रिमोट सेंसिंग कार्यक्रम |





