घरेलू पेटेंट का बढ़ता हिस्सा
भारत का नवाचार परिदृश्य तेज़ी से बदल रहा है। 2023 में कुल पेटेंट आवेदनों का 57% भारतीय आवेदकों द्वारा किया गया, जबकि 2000 के दशक की शुरुआत में यह आंकड़ा 20% से भी कम था। यह विदेशी निर्भरता से घरेलू नवाचार तंत्र की ओर स्पष्ट बदलाव दर्शाता है। 2021 तक भारत पेटेंट स्वीकृतियों में अमेरिका को पीछे छोड़कर दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया।
Static GK तथ्य: भारत की पहली पेटेंट प्रणाली 1856 में ब्रिटिश शासन के दौरान शुरू हुई थी।
नीतिगत प्रोत्साहन
सरकार ने इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय IPR नीति और अटल इनोवेशन मिशन (2016, नीति आयोग) ने पेटेंट जागरूकता और विचारों की सुरक्षा को बढ़ावा दिया। त्वरित परीक्षा, डिजिटल फाइलिंग, और स्टार्टअप व शैक्षणिक संस्थानों के लिए 80% फीस में छूट जैसी नीतियों ने बाधाएँ घटाई हैं। इनसे छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों को बौद्धिक संपदा सुरक्षित करने के लिए प्रेरणा मिली है।
पेटेंट फाइलिंग में बदलते क्षेत्र
पेटेंट डेटा से पता चलता है कि भारत अब उन्नत तकनीकी क्षेत्रों पर केंद्रित हो रहा है। कंप्यूटर विज्ञान पेटेंट 2000 में 1.27% से बढ़कर 2023 में 26.5% हो गए। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 16.41%, बायोमेडिकल 10%, और फिजिक्स से जुड़े पेटेंट दोगुने हो गए। यह अंतरविषयी शोध में भारत की मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है।
तेज़ स्वीकृति प्रक्रिया
पहले पेटेंट स्वीकृति में 8–10 वर्ष लगते थे। अब कई आवेदन 2–3 साल में मंजूर हो रहे हैं और कुछ तो उसी वर्ष में भी। हालांकि अब भी लगभग 80% फाइलिंग समीक्षा के इंतजार में हैं, लेकिन यह सुधार तकनीकों को बाज़ार में जल्दी लाने में मदद कर रहा है।
Static GK तथ्य: भारत में पेटेंट का नियमन CGPDTM (Controller General of Patents, Designs & Trade Marks) द्वारा किया जाता है।
आवेदकों की बदलती प्रोफ़ाइल
2000 में कंपनियों ने 43% पेटेंट फाइल किए थे, जो 2023 में घटकर 17% से कम रह गए। वहीं, व्यक्तिगत आवेदकों की हिस्सेदारी 32% और शैक्षणिक संस्थानों की 43% हो गई। कापिला कार्यक्रम ने विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में IPR जागरूकता बढ़ाई है।
शैक्षणिक संस्थान अग्रणी
शीर्ष विश्वविद्यालय और IIT अब पेटेंट के अग्रणी हैं। IIT मद्रास ने 2022 के 156 पेटेंट से 2023 में 300 पेटेंट प्राप्त किए, जबकि IIT बॉम्बे ने 2023–24 में 421 पेटेंट के साथ राष्ट्रीय नेतृत्व किया। संस्थानों में IP सेल और कानूनी सहायता तंत्र ने शोधकर्ताओं को उद्योग से जुड़कर व्यावसायिक उपयोग में मदद दी है।
Static GK तथ्य: IIT खड़गपुर (1951) भारत का पहला IIT है।
R&D फंडिंग की ज़रूरत
तेज़ी से हो रही इस वृद्धि के बावजूद भारत GDP का केवल 0.67% R&D पर खर्च करता है, जबकि अमेरिका 3.5% और चीन 2.5% खर्च करते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत को R&D खर्च को 2% के करीब लाना होगा ताकि गति बनी रहे। यह बुनियादी शोध और उन्नत तकनीकी विकास को मज़बूती देगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| 2023 में भारतीय पेटेंट फाइलिंग का हिस्सा | 57% |
| वैश्विक पेटेंट रैंकिंग | 2021 में भारत अमेरिका से आगे, दूसरा स्थान |
| प्रमुख पहल | राष्ट्रीय IPR नीति, अटल इनोवेशन मिशन, कापिला |
| स्टार्टअप व संस्थानों हेतु फीस छूट | 80% |
| 2023 में कंप्यूटर विज्ञान पेटेंट हिस्सा | 26.5% |
| IIT मद्रास पेटेंट 2023 | 300 |
| IIT बॉम्बे पेटेंट 2023–24 | 421 |
| वर्तमान R&D व्यय | 0.67% GDP |
| अनुशंसित R&D व्यय | 2% GDP |
| पेटेंट प्राधिकरण | CGPDTM (DPIIT के तहत) |





