तमिलनाडु ने केंद्र को सौंपी जलवायु कार्य योजना
तमिलनाडु सरकार ने जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना (SAPCC) को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को मूल्यांकन और स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया है। यह प्रस्तुति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति की समीक्षा के बाद की गई। योजना में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती और जलवायु जोखिमों के अनुकूलन की रणनीतियाँ शामिल हैं।
भारत में जलवायु कार्य की अग्रणी राज्य सरकार
तमिलनाडु भारत का पहला राज्य है जिसने स्वतंत्र जलवायु मिशन के साथ आवंटित बजट शुरू किया। यह SAPCC योजना कृषि, जल प्रबंधन, तटीय सुरक्षा, वन और जैव विविधता जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिससे राज्य को जलवायु लचीला बनाने की रणनीति निर्धारित होती है।
जल संकट से निपटने की प्राथमिकता
तमिलनाडु की योजना में जल संसाधनों के सतत प्रबंधन को विशेष प्राथमिकता दी गई है। भारत की कुल भूमि का 4% और जनसंख्या का 6% रखने वाले तमिलनाडु के पास केवल 2.5% जल संसाधन हैं। राज्य ने 95% सतही जल और 80% भूजल पहले ही उपयोग कर लिया है। प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता सिर्फ 900 घन मीटर है, जबकि राष्ट्रीय औसत 2,200 घन मीटर है—जो गंभीर संरक्षण आवश्यकता को दर्शाता है।
स्कूलों में जलवायु साक्षरता का विस्तार
तमिलनाडु क्लाइमेट समिट 3.0 के दौरान मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्य के हर स्कूल में ईको क्लब और एक जलवायु शिक्षा नीति की घोषणा की। इन पहलों का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरणीय चेतना को मुख्यधारा में लाना और उन्हें जलवायु–उत्तरदायी नागरिक बनाना है।
लू को राज्य आपदा घोषित किया गया
तमिलनाडु सरकार ने लू (हीटवेव) को आधिकारिक तौर पर राज्य आपदा सूची में शामिल किया है। अब लू से मृत्यु होने पर पीड़ित के परिवार को ₹4 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। यह निर्णय जलवायु जनित आपदाओं से लड़ने में तमिलनाडु की प्रगतिशील नीति को दर्शाता है।
उद्योग और अपशिष्ट प्रबंधन में हरित पहल
सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने हरित औद्योगिक पहलों की भी शुरुआत की, जिनमें शामिल हैं:
- उद्योगों की ग्रीन रेटिंग प्रणाली
- ऑनलाइन अपशिष्ट विनिमय पोर्टल
- राजपालायम के लिए स्थानीय डीकार्बोनाइजेशन रोडमैप
इन योजनाओं का उद्देश्य है कि राज्य में सतत औद्योगिक विकास, कार्बन उत्सर्जन में कमी और अपशिष्ट प्रबंधन की पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
स्टैटिक GK स्नैपशॉट: तमिलनाडु की जलवायु पहलें
तथ्य | विवरण |
SAPCC स्वीकृति समिति | तमिलनाडु के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीयरिंग समिति |
प्रस्तुत किया गया मंत्रालय | पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) |
तमिलनाडु की जल हिस्सेदारी | भारत के कुल जल संसाधनों का 2.5% |
प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता | 900 घन मीटर (भारत का औसत: 2,200 घन मीटर) |
शिक्षा पहल | सभी स्कूलों में ईको क्लब + जलवायु शिक्षा नीति |
लू नीति | राज्य आपदा घोषित; मृत्यु पर ₹4 लाख मुआवजा |
हरित औद्योगिक उपाय | ग्रीन रेटिंग, अपशिष्ट पोर्टल, राजपालायम डीकार्बोनाइजेशन योजना |
तमिलनाडु की पहली रामसर साइट | पॉइंट कैलिमेर वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य (2002) |