पुदुकोट्टई में असाधारण खोजें
तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले में स्थित पोर्पनैक्कोट्टई में चल रहे पुरातात्विक उत्खनन से प्राचीन तमिल सभ्यता की उत्कृष्ट शिल्पकला की झलक सामने आई है। मंगलवार को 2 मीटर गहराई (192–196 सेमी) से एक हड्डी से बना बुनाई उपकरण और एक सोने का टुकड़ा प्राप्त हुआ।
7.4 सेमी लंबा और 1 सेमी व्यास वाला यह उपकरण संभवतः धागा कातने या अलग करने के लिए प्रयोग किया जाता था, जो दर्शाता है कि उस समय कपड़ा निर्माण एक परिष्कृत शिल्प था। सोने की खोज इस बात का संकेत है कि यह क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से भी समृद्ध रहा होगा।
मंत्री ने प्राचीन तमिल साहित्य से जोड़ा
वित्त एवं पर्यावरण मंत्री थंगम थेन्नारासु ने इस खोज को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए प्राचीन तमिल महाकाव्य ‘सिलप्पधिकारम्‘ (5वीं–6ठी सदी ईस्वी) का हवाला दिया, जिसमें रेशम, बाल और कपास से बने वस्त्रों का वर्णन है। उन्होंने लिखा कि यह खोज तमिल संस्कृति और बुनाई परंपरा की गहराई को उजागर करती है और राज्य के लिए गौरव का विषय है।
व्यापक उत्खनन से जुड़ाव
यह खोज कोई एकल घटना नहीं है। वेंबक्कोट्टई (विरुधुनगर जिला) में नवंबर 2024 में हुए उत्खनन के तीसरे चरण में 6000 साल पुराने नवपाषाण कालीन उपकरण प्राप्त हुए थे, जिनका प्रयोग आभूषण निर्माण और शिकार में होता था।
पुरातत्व निदेशक पोनुसामी के अनुसार, अब तक 2800 से अधिक कलाकृतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं, जिनमें सोने–तांबे के सिक्के, माटी की मूर्तियाँ, कांच की मनकियाँ और प्राचीन खेल सामग्री शामिल हैं—जो उस समय की जीवनशैली, व्यापार और संस्कृति को दर्शाती हैं।
तमिल इतिहास की खोज जारी
18 जून 2024 से शुरू हुए इस उत्खनन का उद्देश्य तमिलनाडु की प्रारंभिक सभ्यताओं के बारे में अधूरी जानकारी को भरना है। इससे पहले के चरण विजयकरिसालकुलम स्थल पर हुए थे, जहां की खोजों को प्रदर्शनी में दिखाया गया।
तमिलनाडु सरकार का लक्ष्य है कि पुरातात्विक खोजों के माध्यम से इतिहास को जनमानस तक पहुँचाया जाए, जिससे शैक्षणिक और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़े।
स्टैटिक GK स्नैपशॉट: तमिलनाडु पुरातत्व 2024–25
तथ्य | विवरण |
उत्खनन स्थल | पोर्पनैक्कोट्टई, पुदुकोट्टई जिला, तमिलनाडु |
उपकरण की खोज | हड्डी का बुनाई उपकरण (7.4 सेमी, 7.8 ग्राम) |
सोने की खोज | इसी चरण के दौरान प्राप्त |
साहित्यिक सन्दर्भ | सिलप्पधिकारम् (5वीं–6ठी सदी ईस्वी) |
खोज को उजागर करने वाले मंत्री | थंगम थेन्नारासु |
महाकाव्य में वर्णित विषय | रेशम, बाल और कपास से बनी बुनाई |
अन्य उत्खनन स्थल | वेंबक्कोट्टई, विरुधुनगर (नवपाषाण काल) |
अब तक प्राप्त कलाकृतियाँ | 2800+ (सिक्के, मनकियाँ, मूर्तियाँ) |
उत्खनन प्रारंभ तिथि | 18 जून 2024 |
उत्खनन प्रभारी | पोनुसामी, तमिलनाडु पुरातत्व विभाग |