असम राइफल्स और IIIT मणिपुर का सहयोग
असम राइफल्स ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) मणिपुर, मण्ट्रिपुखरी के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए उन्नत ड्रोन तकनीक का विकास करना है। यह समझौता रक्षा क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग की बढ़ती महत्ता को दर्शाता है।
समझौते का विवरण
यह MoU मेजर जनरल रवरूप सिंह (IG, असम राइफल्स – दक्षिण) और IIIT मणिपुर के निदेशक की उपस्थिति में हस्ताक्षरित हुआ। दोनों पक्षों ने आधुनिक युद्ध में ड्रोन की भूमिका, विशेषकर सीमा निगरानी और दूरस्थ क्षेत्रों में लॉजिस्टिक सपोर्ट पर बल दिया। यह समझौता शैक्षणिक अनुसंधान को सशस्त्र बलों की संचालन आवश्यकताओं से जोड़ने का लक्ष्य रखता है।
समझौते के उद्देश्य
इस सहयोग के मुख्य उद्देश्य हैं:
- निगरानी और टोही ड्रोन का विकास।
- असम राइफल्स कर्मियों को उड़ान संचालन और रखरखाव प्रशिक्षण देना।
- DGCA प्रमाणित ड्रोन प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता निर्माण।
- कठिन भूभागों में लॉजिस्टिक सपोर्ट हेतु मानव रहित प्रणालियों का उपयोग।
Static GK तथ्य: असम राइफल्स 1835 में स्थापित भारत की सबसे पुरानी अर्धसैनिक बल है, जो पूर्वोत्तर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम
इस पहल के तहत एडवांस्ड ड्रोन ट्रेनिंग और रिफ्रेशर कोर्स शुरू किया गया है। प्रशिक्षण में ड्रोन संचालन, नेविगेशन, मरम्मत और रखरखाव शामिल हैं। यह कार्यक्रम DGCA विनियमों के अनुरूप है।
पहले सत्र में लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें असम राइफल्स कर्मी और IIIT संकाय सदस्य शामिल थे। इसका उद्देश्य एक कुशल ऑपरेटरों का समूह तैयार करना है जो रक्षा और नागरिक दोनों क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग कर सकें।
रक्षा में ड्रोन की रणनीतिक भूमिका
ड्रोन आज रक्षा और सुरक्षा के लिए शक्ति–वर्धक के रूप में उभरे हैं। ये निगरानी और टोही मिशनों के माध्यम से वास्तविक समय खुफिया जानकारी उपलब्ध कराते हैं। पूर्वोत्तर में ड्रोन दूरस्थ चौकियों तक आपूर्ति पहुँचाकर भौगोलिक चुनौतियों को पार कर सकते हैं।
ये बाढ़, भूस्खलन और भूकंप जैसी आपदाओं के दौरान राहत कार्यों में भी सहायक हैं। इस प्रकार, ड्रोन सैन्य अभियानों के साथ-साथ मानवीय कार्यों में भी महत्वपूर्ण हैं।
Static GK टिप: DGCA (Directorate General of Civil Aviation) भारत में नागरिक उड्डयन की वैधानिक नियामक संस्था है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
भारत की सुरक्षा रूपरेखा को मजबूती
असम राइफल्स और IIIT मणिपुर के बीच यह MoU, आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह सहयोग सीमा सुरक्षा, आतंकवाद–रोधी अभियानों और आपदा प्रबंधन को मजबूत करेगा। शैक्षणिक नवाचार और सैन्य जरूरतों के संयोजन से भारत की रक्षा तकनीक स्वदेशीकरण को नई गति मिलेगी।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| MoU हस्ताक्षरित | असम राइफल्स और IIIT मणिपुर |
| स्थान | मण्ट्रिपुखरी, मणिपुर |
| प्रमुख अधिकारी उपस्थित | मेजर जनरल रवरूप सिंह, IG असम राइफल्स (दक्षिण) |
| शुरू हुआ प्रशिक्षण | एडवांस्ड ड्रोन ट्रेनिंग और रिफ्रेशर कोर्स |
| प्रतिभागियों की संख्या | लगभग 80 |
| प्रमाणन मानक | DGCA विनियम |
| मुख्य उद्देश्य | निगरानी, टोही, लॉजिस्टिक सपोर्ट, रखरखाव |
| रणनीतिक उपयोग | रक्षा अभियान और आपदा प्रबंधन |
| असम राइफल्स तथ्य | 1835 में स्थापित, भारत की सबसे पुरानी अर्धसैनिक बल |
| DGCA तथ्य | नागरिक उड्डयन नियामक, मुख्यालय नई दिल्ली |





