जुलाई 20, 2025 4:56 अपराह्न

भारत रणभूमि दर्शन: भारत में युद्ध पर्यटन को बढ़ावा शौर्य की स्मृति को पर्यटन से जोड़ने की पहल

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Bharat Ranbhoomi Darshan: Promoting Battlefield Tourism in India

भारत रणभूमि दर्शन, 77वें सेना दिवस (15 जनवरी 2025) के अवसर पर आरंभ की गई राष्ट्रीय पहल है जो भारतीय सैन्य इतिहास को पर्यटन से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना रक्षा मंत्रालय, भारतीय सेना, राज्य सरकारों और पर्यटन मंत्रालय के संयुक्त सहयोग से चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य है – 77 प्रमुख शौर्य गंतव्य स्थलों तक नागरिकों की पहुंच बढ़ाना, जो देश की रक्षा यात्रा के अहम मोड़ रहे हैं।

भारत के युद्ध विरासत का डिजिटल अनुभव

यह योजना एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भारत की सैन्य विरासत का वर्चुअल अनुभव प्रदान करती है। इस पोर्टल में हैं—इतिहास आधारित लेख, इंटरेक्टिव रणभूमि walkthrough, यात्रा मार्गदर्शन, और सीमित क्षेत्रों के परमिट की जानकारी। यह तकनीक और देशभक्ति का संगम है, जो आम नागरिकों को सुरक्षित और शिक्षाप्रद यात्रा की सुविधा देता है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को प्राथमिकता

चूंकि कई रणभूमि स्थल संवेदनशील और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित हैं, इसलिए भारतीय सेना ने कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए हैं। पर्यटकों को स्थानीय सैन्य इकाइयों से पूर्व समन्वय करना अनिवार्य है। उच्च जोखिम या दुर्गम स्थलों पर विशेष परमिट और आपातकालीन चिकित्सा प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं।

युद्ध विरासत पर आधारित बुनियादी ढांचे का विकास

राज्य सरकारें अब युद्ध स्थलों के पास स्मारकों, संग्रहालयों, और पर्यटन सुविधाओं को विकसित कर रही हैं। यह पहल शैक्षणिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्राकृतिक संतुलन और विरासत संरक्षण को भी बनाए रखने का प्रयास है—विशेषकर हिमालयी क्षेत्रों में।

प्रमुख युद्ध स्थल: शौर्य और रणनीति की कहानियाँ

भारत रणभूमि दर्शन के अंतर्गत शामिल 77 स्थलों में से कुछ हैं:

  • गलवान घाटी (लद्दाख) – हाल की संघर्ष स्थितियों के लिए प्रसिद्ध
  • लोंगेवाला (राजस्थान) – 1971 के युद्ध की ऐतिहासिक रणभूमि

इन स्थलों की यात्रा न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि है, बल्कि रक्षा इतिहास से सीधे जुड़ने का एक अनूठा अवसर भी है।

सीमा राज्यों को मिला विकास का अवसर

लद्दाख, सिक्किम जैसे सीमावर्ती राज्यों में यह पहल स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न कर रही है। इससे सैन्यसिविल सहयोग को भी बल मिल रहा है, और सरकार की बुनियादी ढांचा निवेश योजनाएं इन क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी

चूंकि कई शौर्य स्थल जलवायुसंवेदनशील क्षेत्रों में हैं, भारत रणभूमि दर्शन में पर्यावरण संरक्षण को प्रमुखता दी गई है। जलवायु परामर्श, सतत पर्यटन दिशानिर्देश, और प्राकृतिक पारिस्थितिकी के संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है।

स्टैटिक GK स्नैपशॉट: भारत रणभूमि दर्शन

तथ्य विवरण
लॉन्च तिथि 15 जनवरी 2025 (77वां सेना दिवस)
पहल का नाम भारत रणभूमि दर्शन
सहयोगी संस्थान भारतीय सेना, रक्षा मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, राज्य सरकारें
कवर किए गए स्थल 77 शौर्य गंतव्य स्थल
उद्देश्य सशस्त्र बलों की वीरता को पर्यटन के माध्यम से सम्मानित करना
प्रमुख स्थल गलवान घाटी (लद्दाख), लोंगेवाला (राजस्थान)
डिजिटल सुविधाएँ वर्चुअल यात्रा, परमिट जानकारी, ऐतिहासिक लेख
सुरक्षा उपाय सेना समन्वय, परमिट प्रणाली, आपातकालीन चिकित्सा
विकास पहल युद्ध स्मारक, संग्रहालय, यात्रा बुनियादी ढांचा
फोकस क्षेत्र लद्दाख, सिक्किम, राजस्थान, सीमावर्ती क्षेत्र
Bharat Ranbhoomi Darshan: Promoting Battlefield Tourism in India
  1. भारत रणभूमि दर्शन 15 जनवरी 2025 को 77वें सेना दिवस पर लॉन्च किया गया
  2. पहल में 77 शौर्य गंतव्य स्थल शामिल हैं जो युद्ध क्षेत्र पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
  3. इसे रक्षा मंत्रालय, सेना, पर्यटन मंत्रालय और राज्य सरकारों ने मिलकर विकसित किया।
  4. उद्देश्य भारत की सैन्य विरासत को सम्मानित करना और देशभक्ति पर्यटन को बढ़ाना है।
  5. प्रमुख स्थल: गलवान घाटी (लद्दाख), लोंगेवाला (राजस्थान)
  6. पोर्टल पर वर्चुअल वॉकथ्रू और यात्रा जानकारी उपलब्ध है।
  7. संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा के लिए स्थानीय सैन्य इकाइयों से समन्वय आवश्यक है।
  8. सीमा क्षेत्रों में विशेष अनुमति और चिकित्सा दिशानिर्देश अनिवार्य हैं।
  9. राज्य सरकारें युद्ध स्मारक, संग्रहालय और पर्यटक सुविधाएँ बना रही हैं।
  10. यह योजना तकनीक और इतिहास को जोड़ती है डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए।
  11. राजौरी, रेज़ांग ला, कारगिल, सियाचिन बेस कैंप जैसे स्थान शामिल हैं।
  12. यह पहल सीमा क्षेत्रों में नागरिक-मिलिट्री संबंध और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।
  13. लद्दाख, सिक्किम जैसे सीमावर्ती राज्य पर्यटन विकास से लाभान्वित होंगे।
  14. पर्यटकों को पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों में इको-फ्रेंडली यात्रा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  15. यह पहल भारतीय सेना के इतिहास को संरक्षित और प्रचारित करती है।
  16. पोर्टल के माध्यम से प्रतिबंधित क्षेत्रों के लिए परमिट प्राप्त किए जा सकते हैं।
  17. यह रक्षा विरासत संरक्षण और नागरिक शिक्षा नीति का हिस्सा है।
  18. पहल का उद्देश्य देशभक्ति पर्यटन और सीमावर्ती जागरूकता को बढ़ावा देना है।
  19. यह भारत की सैन्य पर्यटन क्षेत्र में पहली संगठित योजना है।
  20. इसका शुभारंभ सेना दिवस 2025 के समारोहों के दौरान हुआ।

Q1. भारत रणभूमि दर्शन किस दिन शुरू किया गया था?


Q2. इस पहल के तहत कितने "शौर्य गंतव्य" स्थलों को शामिल किया गया है?


Q3. इस पर्यटन कार्यक्रम में किस सीमा क्षेत्र को प्रमुखता से दर्शाया गया है?


Q4. निम्न में से कौन-सा मंत्रालय भारत रणभूमि दर्शन में सीधे शामिल नहीं है?


Q5. भारत रणभूमि दर्शन पर्यटकों को कौन-सी डिजिटल सुविधा प्रदान करता है?


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