भारत की वृद्धि और महिलाओं की भूमिका
भारत की आर्थिक प्रगति में महिलाओं की भागीदारी निर्णायक है।
- वर्तमान में महिलाएँ भारत के GDP में केवल 18% योगदान देती हैं।
- 196 मिलियन योग्य महिलाएँ श्रम बाजार से बाहर हैं।
- महिला श्रम बल भागीदारी दर (FLFP) 7% तक सुधरी है, लेकिन अधिकांश महिलाएँ अनौपचारिक क्षेत्र में काम करती हैं।
➡️ यह भारत के 2047 तक $30 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य में बाधा है।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत का GDP विश्व में पाँचवाँ सबसे बड़ा है, फिर भी महिला श्रम भागीदारी G20 देशों में सबसे कम में से है।
जेंडर-डिसएग्रीगेटेड डेटा का महत्व
भारत बड़ी मात्रा में आर्थिक और सामाजिक डेटा एकत्र करता है, लेकिन उसमें जेंडर आधारित विभाजन की कमी है।
- इससे असमानताएँ छिप जाती हैं और सुधार धीमे हो जाते हैं।
- WEE Index पाँच प्रमुख क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी ट्रैक करता है:
- रोजगार
- शिक्षा और कौशल
- उद्यमिता
- आजीविका और गतिशीलता
- सुरक्षा और अवसंरचना
यह उन बिंदुओं की पहचान करता है जहाँ महिलाएँ बाहर हो जाती हैं, ताकि लक्षित हस्तक्षेप हो सके।
उत्तर प्रदेश की पहल
- UP WEE Index ने विभिन्न क्षेत्रों की खामियाँ उजागर कीं।
- महिलाएँ कौशल कार्यक्रमों में आधे से अधिक दाखिले लेती हैं, लेकिन उद्यमिता में कम हैं।
- महिला उद्यमियों को ऋण उपलब्धता सीमित है।
- परिवहन क्षेत्र में महिला बस ड्राइवर और कंडक्टर की कमी दूर करने के लिए भर्ती अभियान और बस टर्मिनल पर महिला शौचालय जैसी सुविधाएँ शुरू की गईं।
स्थैतिक GK टिप: उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है और राष्ट्रीय GDP में लगभग 9% योगदान करता है।
शासन में जेंडर डेटा का एकीकरण
सभी सरकारी विभागों को अपनी योजनाओं और मॉनिटरिंग में जेंडर-डिसएग्रीगेटेड डेटा शामिल करना होगा।
- MSME, परिवहन, आवास जैसे क्षेत्रों में केवल दाखिला संख्या नहीं, बल्कि रिटेंशन, नेतृत्व भूमिकाएँ और कार्य की गुणवत्ता भी दर्ज करनी होगी।
- माध्यमिक और उच्च शिक्षा के बाद महिलाओं के ड्रॉपआउट रेट को कम करना ज़रूरी है।
जेंडर बजटिंग पर पुनर्विचार
- अब तक जेंडर बजटिंग कल्याण योजनाओं तक सीमित रही है।
- ज़रूरत है कि हर सेक्टोरल खर्च (शिक्षा, ऊर्जा, अवसंरचना) को जेंडर दृष्टिकोण से परखा जाए।
- सही डेटा के बिना फंड सही क्षेत्रों तक नहीं पहुँचते।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत ने 2005–06 के केंद्रीय बजट में औपचारिक रूप से जेंडर बजटिंग लागू की थी।
अन्य राज्यों तक विस्तार
UP का WEE Index अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन सकता है।
- महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना – ट्रिलियन-डॉलर अर्थव्यवस्था की राह पर – इसे अपनाकर जिला-स्तरीय कार्ययोजना बना सकते हैं।
भारत का भविष्य और महिलाएँ
- जेंडर गैप कम करना समावेशी विकास की कुंजी है।
- महिलाओं को डेटा और नीति में दृश्य बनाना ज़रूरी है ताकि संरचनात्मक बाधाएँ दूर हों।
- WEE Index कोई अंत नहीं बल्कि एक शुरुआत है – महिलाओं को हाशिये से मुख्यधारा में लाने की दिशा में।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
वर्तमान महिला GDP योगदान | 18% |
महिला श्रम बल भागीदारी | 41.7% |
श्रम बल से बाहर योग्य महिलाएँ | 196 मिलियन |
भारत का लक्ष्य | 2047 तक $30 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था |
WEE Index के क्षेत्र | रोजगार, शिक्षा व कौशल, उद्यमिता, आजीविका व गतिशीलता, सुरक्षा व अवसंरचना |
सूचकांक लागू करने वाला राज्य | उत्तर प्रदेश |
भारत में जेंडर बजटिंग की शुरुआत | केंद्रीय बजट 2005–06 |
दोहराने योग्य राज्य | महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना |
स्थैतिक तथ्य | यूपी राष्ट्रीय GDP में 9% योगदान करता है |
वैश्विक तुलना | महिला श्रम भागीदारी G20 देशों में सबसे कम में से |