निष्पक्ष पहुंच के लिए नई दिशानिर्देश
2025 में नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) ने अंग प्रत्यारोपण में लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए 10-सूत्री योजना जारी की। नई नीति के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया गया है कि महिला मरीजों को प्रतीक्षा सूची में अतिरिक्त प्राथमिकता अंक दिए जाएं। मृत दाताओं के वे रिश्तेदार जो प्रत्यारोपण के जरूरतमंद हैं, उन्हें भी आवंटन प्रक्रिया में वरीयता मिलेगी।
स्थैतिक जीके तथ्य: NOTTO की स्थापना 2014 में भारत में अंग और ऊतक दान के लिए शीर्ष निकाय के रूप में हुई थी।
पारदर्शी आवंटन मानक
भारत में अंग आवंटन बीमारी की गंभीरता, प्रतीक्षा अवधि, रक्त समूह और अंग आकार की अनुकूलता जैसे मानकों पर आधारित होता है। संशोधित नीति में अब जेंडर-सेंसिटिव दृष्टिकोण शामिल किया गया है। प्रत्येक दाता और प्राप्तकर्ता को यूनिक आईडी दी जाएगी, ताकि निगरानी बेहतर हो और दुरुपयोग रोका जा सके। सभी अस्पतालों को राष्ट्रीय डिजिटल रजिस्ट्री में विस्तृत प्रत्यारोपण डेटा जमा करना अनिवार्य होगा, और उल्लंघन पर अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 (THOTA) के तहत दंड दिए जाएंगे।
सुविधाओं और विशेषज्ञता का विस्तार
सलाह में कहा गया है कि सभी अंग प्राप्ति या प्रत्यारोपण करने वाले अस्पतालों में स्थायी ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए जाएं। ट्रॉमा सेंटर और मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से अंग प्राप्ति इकाइयां स्थापित हों। साथ ही, एंबुलेंस दल और आपातकालीन कर्मियों को संभावित मृत दाताओं की पहचान और रिपोर्टिंग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, खासकर दुर्घटना और स्ट्रोक मामलों में।
स्थैतिक जीके तथ्य: दुनिया का पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट 1954 में बोस्टन, अमेरिका में हुआ था।
जनभागीदारी को प्रोत्साहन
2023 में शुरू किए गए आधार-आधारित अंग प्रतिज्ञा प्लेटफ़ॉर्म के बाद से 3.3 लाख से अधिक लोगों ने अंगदान का संकल्प लिया है। 2024 में भारत ने अब तक का सबसे ऊंचा प्रत्यारोपण आंकड़ा 18,900 हासिल किया, जो 2013 के 5,000 से कम के आंकड़े से बड़ी छलांग है। दिशानिर्देशों में दाता परिवारों को सम्मानित करने के लिए सार्वजनिक समारोह आयोजित करने और राज्य स्तरीय ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करने की सिफारिश की गई है, ताकि जागरूकता बढ़े और भ्रांतियां दूर हों।
कानूनी और नैतिक सुरक्षा को सुदृढ़ करना
THOTA 1994 के कानूनी प्रावधानों से जुड़ी निगरानी नीति अंग आवंटन और प्रत्यारोपण पर कड़ी नजर रखेगी। यह समानता, गरिमा और तात्कालिकता के सिद्धांतों को मजबूत करती है, ताकि जीवनरक्षक अंग सबसे जरूरतमंद तक पहुंचें और ऐतिहासिक पक्षपात कम हो।
स्थैतिक जीके टिप: भारत में राष्ट्रीय अंगदान दिवस हर साल 27 नवंबर को मनाया जाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण | 
| घोषणा वर्ष | 2025 | 
| जारी करने वाला निकाय | नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) | 
| मुख्य उद्देश्य | अंग आवंटन में लैंगिक पक्षपात कम करना | 
| लाभार्थी | महिला मरीज, मृत दाताओं के रिश्तेदार | 
| कानूनी ढांचा | अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 (THOTA) | 
| रिकॉर्ड प्रत्यारोपण | 2024 में 18,900 | 
| प्रतिज्ञा प्रणाली शुरू | 2023 | 
| कुल प्रतिज्ञाएं | 3.3 लाख+ नागरिक | 
| निगरानी उपाय | प्रत्येक दाता और प्राप्तकर्ता के लिए यूनिक आईडी | 
| जागरूकता तरीका | राज्य स्तरीय ब्रांड एंबेसडर की नियुक्ति | 
				
															




