महिला सशक्तिकरण पहल
26 सितम्बर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत ₹7,500 करोड़ की राशि वितरित करेंगे। इस योजना के तहत 75 लाख महिला लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से ₹10,000 दिए जाएँगे। यह पहल सरकार की आर्थिक सशक्तिकरण पर प्राथमिकता को दर्शाती है और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक महत्व भी रखती है।
स्थैतिक तथ्य: DBT की शुरुआत भारत में 2013 में की गई थी ताकि कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता और रिसाव में कमी लाई जा सके।
योजना के उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य महिलाओं के लिए स्व-रोजगार के अवसर पैदा करना है। लाभार्थी इस बीज धन का उपयोग दर्जी कार्य, दुकान, या कृषि गतिविधियों जैसे छोटे कारोबार शुरू करने में कर सकती हैं। छह महीने बाद प्रदर्शन-आधारित ₹2 लाख का अनुदान मिलेगा, जिससे सतत उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
स्थैतिक टिप: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत बिहार महिला-नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों की संख्या में अग्रणी राज्यों में है।
क्रियान्वयन ढाँचा
ग्राम्य क्षेत्रों में ग्रामीण विकास विभाग और शहरी क्षेत्रों में शहरी विकास विभाग इस कार्यक्रम को लागू करेंगे। अब तक 1.11 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह योजना जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) नेटवर्क के माध्यम से लागू की जा रही है, जो पहले से ही बिहार में सफल मॉडल है।
पात्रता नियम
पात्र महिलाओं की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए, वे परमाणु परिवार से हों और आयकर दाता न हों। अविवाहित अनाथ महिलाएँ और स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्याएँ भी पात्र हैं। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि योजना का लाभ उन महिलाओं तक पहुँचे जिनकी औपचारिक ऋण व्यवस्था तक पहुँच सीमित है।
स्थैतिक तथ्य: बिहार में जीविका कार्यक्रम के तहत 1.3 करोड़ से अधिक महिलाएँ SHGs से जुड़ी हैं।
जागरूकता और क्रियान्वयन
जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ज़िला, प्रखंड और गाँव स्तर पर जागरूकता और वितरण कार्यक्रम आयोजित करें। क्लस्टर-स्तरीय महासंघ और ग्राम संगठन सक्रिय रूप से शामिल हैं। यह रणनीति SHG पारिस्थितिकी तंत्र को योजना से जोड़ती है जिससे समावेशिता और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
यह योजना केवल सामाजिक पहल नहीं है बल्कि चुनावी रणनीति भी है। महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता देकर सरकार ग्रामीण समर्थन आधार को मजबूत करना चाहती है। बिहार में पहले के चुनावों में महिला मत निर्णायक भूमिका निभा चुकी हैं, जिससे यह योजना राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।
स्थैतिक टिप: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत लगभग 60% था, जो पुरुषों से अधिक था।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजना का नाम | मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना |
लॉन्च तिथि | 26 सितम्बर 2025 |
लाभार्थी | बिहार की 75 लाख महिलाएँ |
पहली किस्त | प्रति महिला ₹10,000 (DBT द्वारा) |
कुल वितरण | ₹7,500 करोड़ |
अनुवर्ती अनुदान | छह महीने बाद ₹2 लाख |
क्रियान्वयन एजेंसियाँ | ग्रामीण विकास और शहरी विकास विभाग |
पात्रता आयु | 18 से 60 वर्ष |
आवेदन स्थिति | 1.11 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त |
राजनीतिक संदर्भ | बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से जुड़ा |