सितम्बर 30, 2025 1:58 पूर्वाह्न

संविधान आज भी भारत से क्यों बात करता है

चालू घटनाएँ: डी. वाई. चंद्रचूड़, Why the Constitution Matters, पेंगुइन रैंडम हाउस, भारतीय संविधान, न्यायिक स्वतंत्रता, गोपनीयता अधिकार, लैंगिक समानता, धर्मनिरपेक्षता, नागरिक भागीदारी, लोकतांत्रिक जवाबदेही

Why the Constitution Still Speaks to India

डी. वाई. चंद्रचूड़ की यात्रा

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने नवंबर 2024 में सेवानिवृत्ति से पहले 50वें सीजेआई के रूप में सेवा की। गोपनीयता, लैंगिक समानता, LGBTQ+ अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उनके प्रगतिशील निर्णयों के कारण उन्हें एक उदारवादी संवैधानिकतावादी के रूप में पहचाना गया। उनकी पहली पुस्तक Why the Constitution Matters 2025 में उनके साहित्यिक जीवन की शुरुआत है।
स्थैतिक तथ्य: भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद 1950 में स्थापित किया गया था और पहले सीजेआई एच. जे. कानिया थे।

हर नागरिक के लिए पुस्तक

यह पुस्तक जटिल कानूनी व्याख्या नहीं बल्कि संवैधानिक मूल्यों से जुड़ने का सार्वजनिक निमंत्रण है। पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित, यह कठिन कानूनी विचारों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है जो रोज़मर्रा के जीवन से मेल खाते हैं। इसमें bench पर 25 वर्षों के न्यायिक अनुभव को शासन, स्वतंत्रता और अधिकारों पर विचारों के साथ जोड़ा गया है।
स्थैतिक तथ्य: पेंगुइन रैंडम हाउस विश्व की सबसे बड़ी प्रकाशन संस्थाओं में से एक है, जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क सिटी में है।

पुस्तक के प्रमुख विषय

इसका मुख्य संदेश है कि संविधान एक जीवित दस्तावेज़ है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ बताते हैं कि यह किस तरह गोपनीयता, शिक्षा, समानता और न्याय जैसी रोज़मर्रा की चीज़ों को आकार देता है।

  • न्यायिक जिम्मेदारी: संविधान की व्याख्या कर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना।
  • नागरिक भागीदारी: अधिकारों की जानकारी लोकतंत्र को सशक्त बनाती है।
  • मानवाधिकार और समानता: विविध समाज में अधिकारों का विस्तार।
  • धर्मनिरपेक्षता और स्वतंत्रता: भारत में बहुलवाद की रक्षा करने वाले प्रावधान।
    स्थैतिक टिप: भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसे 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया।

आज के समय में महत्व

पुस्तक ज़ोर देती है कि संविधान केवल कानूनी संहिता नहीं बल्कि एक नैतिक दिशासूचक है। राजनीतिक ध्रुवीकरण के समय यह स्वतंत्रता की रक्षा करता है, जवाबदेही सुनिश्चित करता है और हाशिए पर खड़े लोगों को सुरक्षा देता है। चंद्रचूड़ नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों से आग्रह करते हैं कि संविधान को वास्तविक जीवन से जुड़ा हुआ मानें, न कि केवल एक दूर का पाठ।

अभ्यर्थियों के लिए सीख

सिविल सेवा अभ्यर्थियों और विधि छात्रों के लिए यह पुस्तक संवैधानिक व्याख्या पर स्पष्टता प्रदान करती है। यह दर्शाती है कि न्यायिक तर्क किस तरह सिद्धांतों को परिणामों से जोड़ता है। शैक्षणिक कानून और नागरिक जागरूकता के बीच पुल बनाकर यह मूल्यआधारित लोकतांत्रिक संस्कृति को मजबूत करती है।
स्थैतिक तथ्य: डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का मुख्य शिल्पकार माना जाता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
लेखक डी. वाई. चंद्रचूड़
पुस्तक का शीर्षक Why the Constitution Matters
प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस
प्रकाशन वर्ष 2025
पद भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश
सेवानिवृत्ति नवंबर 2024
न्यायिक फोकस गोपनीयता, समानता, LGBTQ+ अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
केंद्रीय विषय संविधान एक जीवित दस्तावेज़
भारत के पहले सीजेआई एच. जे. कानिया
संविधान के मुख्य शिल्पकार डॉ. बी. आर. अंबेडकर
Why the Constitution Still Speaks to India
  1. डी.वाई. चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश रहे।
  2. लंबे कार्यकाल के बाद नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए।
  3. निजता, लैंगिक समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर फैसलों के लिए जाने जाते हैं।
  4. ‘संविधान क्यों मायने रखता है’ नामक उनकी पहली पुस्तक 2025 में प्रकाशित होगी।
  5. पुस्तक कानूनी विचारों को नागरिक-अनुकूल कथाओं में सरल बनाती है।
  6. न्यूयॉर्क मुख्यालय वाले पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित।
  7. केंद्रीय विचार: संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ के रूप में।
  8. निजता, समानता, शिक्षा और न्याय की प्रासंगिकता की व्याख्या करता है।
  9. संविधान की निष्पक्ष व्याख्या में न्यायिक उत्तरदायित्व पर बल देता है।
  10. लोकतांत्रिक जवाबदेही को मजबूत करने के लिए नागरिकों की भागीदारी का आग्रह करता है।
  11. भारत में बहुलवाद की रक्षा करते हुए धर्मनिरपेक्षता और स्वतंत्रता पर प्रकाश डालता है।
  12. संविधान राजनीतिक ध्रुवीकरण के विरुद्ध एक नैतिक दिशासूचक है।
  13. छात्रों को अधिकारों को वास्तविक जीवन से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  14. सिविल सेवा और कानून के उम्मीदवारों के लिए बहुमूल्य संसाधन।
  15. सिद्धांतों और व्यावहारिक परिणामों को जोड़ते हुए न्यायिक तर्क प्रस्तुत करता है।
  16. संवैधानिक मूल्यों पर आधारित लोकतांत्रिक संस्कृति का निर्माण करता है।
  17. स्थैतिक तथ्य: एच. जे. कनिया पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
  18. बी. आर. अम्बेडकर संविधान के मुख्य वास्तुकार हैं।
  19. भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है जिसे 1950 में अपनाया गया था।
  20. पुस्तक संवैधानिक सुरक्षा उपायों के माध्यम से हाशिए पर पड़े लोगों की रक्षा पर ज़ोर देती है।

Q1. पुस्तक Why the Constitution Matters (2025) के लेखक कौन हैं?


Q2. पुस्तक Why the Constitution Matters किस प्रकाशन संस्था ने प्रकाशित की?


Q3. डी. वाई. चंद्रचूड़ ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कब सेवानिवृत्ति ली?


Q4. भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार किसे माना जाता है?


Q5. डी. वाई. चंद्रचूड़ की पुस्तक का मुख्य विषय क्या है?


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