राष्ट्रव्यापी नैतिक शासन को बढ़ावा
भारत में सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 27 अक्टूबर से 2 नवंबर तक मनाया जा रहा है, जिसका विषय है — “Vigilance – Our Shared Responsibility” (सतर्कता – हमारी साझा जिम्मेदारी)।
इस आयोजन का उद्देश्य नागरिकों और संस्थानों को जीवन के सभी क्षेत्रों में निष्ठा, पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करना है।
यह वार्षिक अभियान 31 अक्टूबर को मनाए जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के साथ जुड़ा है, जो उनके जीवनभर की ईमानदारी और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण को रेखांकित करता है।
इस सप्ताह के दौरान मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs), बैंकों, विद्यालयों और नागरिक समाज संगठनों की सक्रिय भागीदारी होती है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की स्थापना 1964 में हुई थी और इसे CVC अधिनियम, 2003 के तहत वैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।
विषय: साझा जिम्मेदारी पर केंद्रित
2025 का विषय इस बात पर बल देता है कि सतर्कता केवल भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
नागरिकों, अधिकारियों और संगठनों को नैतिक आचरण को बढ़ावा देने और अनियमितताओं की रिपोर्ट करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए ताकि एक पारदर्शी प्रणाली का निर्माण हो सके।
यह विषय सरकार के सहभागी शासन और सामाजिक जवाबदेही के व्यापक मिशन के अनुरूप है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: CVC का आदर्श वाक्य है — “Vigilance for Good Governance” (सुशासन के लिए सतर्कता)।
भारतभर में आयोजन गतिविधियाँ
सप्ताह की शुरुआत पूरे देश में सतर्कता प्रतिज्ञा समारोहों से हुई, जहाँ अधिकारियों ने नैतिक आचरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
नई दिल्ली स्थित CVC मुख्यालय में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रवीण कुमार श्रीवास्तव और सतर्कता आयुक्त ए. एस. राजीव ने अधिकारियों को निष्ठा की शपथ दिलाई।
देशभर में आयोजित प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल हैं:
• पारदर्शिता और नैतिकता पर जागरूकता सत्र
• शैक्षणिक संस्थानों में वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिताएँ
• छात्रों में ईमानदारी को बढ़ावा देने वाले इंटीग्रिटी क्लब्स
• शिकायत निवारण शिविर, जहाँ नागरिकों को शिकायत प्रक्रिया के बारे में शिक्षित किया गया
इन पहलों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नैतिक आचरण केवल एक वार्षिक आयोजन न रहकर दैनिक जीवन का हिस्सा बने।
सरदार पटेल की विरासत का महत्व
सरदार वल्लभभाई पटेल के एकता और निष्ठा के आदर्श इस आयोजन की नींव हैं।
उनकी जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas) के रूप में भी मनाई जाती है, जो एक एकजुट और भ्रष्टाचार–मुक्त भारत के निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
न्याय और लोककल्याण के प्रति उनका समर्पण आज भी शासन सुधारों और सतर्कता अभियानों को प्रेरित करता है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: सरदार पटेल भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे और उन्होंने स्वतंत्रता के बाद रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चुनौतियाँ और आगे की राह
हालाँकि जागरूकता अभियानों से नागरिकों में सतर्कता की भावना बढ़ी है, फिर भी संस्थागत देरी, व्हिसलब्लोअर्स के प्रति प्रतिशोध का भय, और सीमित जन–जागरूकता जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
CVC का मानना है कि शिक्षा, क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी–आधारित निगरानी प्रणाली एक भ्रष्टाचार-मुक्त शासन व्यवस्था के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
नागरिकों और संस्थानों के बीच सहयोग ही सार्वजनिक जीवन में निष्ठा और पारदर्शिता को बनाए रखने का सबसे प्रभावी तरीका है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) | 
| सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 की तिथियाँ | 27 अक्टूबर – 2 नवंबर 2025 | 
| 2025 का विषय | Vigilance – Our Shared Responsibility (सतर्कता – हमारी साझा जिम्मेदारी) | 
| आयोजनकर्ता | केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) | 
| केंद्रीय सतर्कता आयुक्त | प्रवीण कुमार श्रीवास्तव | 
| सतर्कता आयुक्त | ए. एस. राजीव | 
| CVC की स्थापना वर्ष | 1964 (2003 में वैधानिक दर्जा प्राप्त) | 
| संबंधित नेता | सरदार वल्लभभाई पटेल | 
| राष्ट्रीय एकता दिवस | 31 अक्टूबर | 
| मुख्य उद्देश्य | नैतिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना | 
| CVC का आदर्श वाक्य | Vigilance for Good Governance | 
 
				 
															





