स्कूल भोजन की गुणवत्ता को लेकर वैश्विक चिंता
27–28 मार्च 2025 को फ्रांस में आयोजित ‘Nutrition for Growth’ सम्मेलन के दौरान, यूनेस्को ने “Education and Nutrition: Learn to Eat Well” शीर्षक से एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में बताया गया कि हालांकि विश्व स्तर पर 47% प्राथमिक स्कूल छात्र किसी न किसी प्रकार के भोजन लाभ का उपयोग करते हैं, फिर भी स्कूल भोजन की पोषण गुणवत्ता बेहद चिंताजनक है। यूनेस्को ने कहा कि स्कूल भोजन केवल पेट भरने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि ऐसा संतुलित पोषण देना चाहिए जो स्वास्थ्य और सीखने दोनों को समर्थन प्रदान करे।
नियमन की कमी और स्वास्थ्य पर प्रभाव
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में 27% स्कूल भोजन योजनाएं बिना किसी पोषण विशेषज्ञ की सलाह के तैयार की गईं, जिससे भोजन की गुणवत्ता और संतुलन में भारी असमानता आई। चिंता की बात यह भी है कि 187 देशों में से केवल 93 में ही स्कूल भोजन से संबंधित कोई औपचारिक कानून मौजूद है, और केवल 65% देशों में ही कैफेटेरिया या वेंडिंग मशीन के भोजन के लिए कोई मानक हैं। इस नियमन की कमी को 1990 से अब तक दोगुने हुए बच्चों में मोटापे के मामलों से जोड़ा गया, जबकि खाद्य असुरक्षा आज भी वैश्विक संकट बनी हुई है।
प्रभावी स्कूल भोजन योजनाओं के वैश्विक उदाहरण
यूनेस्को ने कुछ सफल देशों के मॉडल भी प्रस्तुत किए।
- ब्राज़ील ने अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगाया है।
- चीन ने दूध और सब्जियों को शामिल कर ग्रामीण बच्चों की पोषण स्थिति बेहतर की है।
- भारत में महाराष्ट्र के स्कूलों में फोर्टिफाइड ऑर्गेनिक बाजरे को शामिल किया गया, जिससे किशोरों में संज्ञानात्मक विकास में सुधार आया है।
- नाइजीरिया के “Home-Grown Feeding Programme” के कारण स्कूल नामांकन में 20% की वृद्धि देखी गई, जो यह दिखाता है कि बेहतर भोजन से स्कूल उपस्थिति भी बढ़ती है।
सुझाव और आगे की दिशा
रिपोर्ट में सरकारों से अपील की गई है कि वे
- ताजा, स्थानीय रूप से उत्पादित खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दें,
- शर्करा युक्त और अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को कम करें,
- और स्कूल पाठ्यक्रम में पोषण शिक्षा को शामिल करें।
यूनेस्को देशों को स्कूल कर्मचारियों के लिए टूलकिट और प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना बना रहा है ताकि भोजन शिक्षा का हिस्सा बने—स्वास्थ्य संकट नहीं। संदेश स्पष्ट है: जो बच्चे अच्छा खाते हैं, वे बेहतर सीखते हैं, और अब समय आ गया है कि स्कूल भोजन आधुनिक पोषण मानकों पर खरा उतरे।
Static GK जानकारी सारांश
श्रेणी | विवरण |
रिपोर्ट शीर्षक | Education and Nutrition: Learn to Eat Well |
जारी करने वाला | यूनेस्को @ Nutrition for Growth 2025, फ्रांस |
वैश्विक कवरेज | 47% प्राथमिक स्कूल बच्चों को स्कूल भोजन मिलता है |
मोटापा वृद्धि | 1990 से अब तक दोगुना |
स्कूल भोजन कानून वाले देश | 187 में से 93 |
प्रमुख सफल उदाहरण | ब्राज़ील (अति-प्रसंस्कृत भोजन प्रतिबंध), चीन (दूध और सब्जियाँ), भारत (बाजरा), नाइजीरिया (नामांकन वृद्धि) |
भारत की पहल | महाराष्ट्र में किशोरों के लिए फोर्टिफाइड बाजरा |
प्रमुख चिंता | केवल 65% देश ही कैफेटेरिया भोजन का विनियमन करते हैं |
यूनेस्को की सिफारिश | ताजा भोजन, खाद्य शिक्षा और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा |