सितम्बर 11, 2025 6:39 अपराह्न

अंडरसी केबल और अंडरवाटर डोमेन जागरूकता के लिए भारत का प्रयास

चालू घटनाएँ: रेड सी आउटेज, अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA), भारत, सबमरीन केबल्स, फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क, मानव रहित पनडुब्बी वाहन (UUVs), समुद्रयान, IUHDSS, नौसैनिक निगरानी, अंतरराष्ट्रीय सहयोग

Undersea Cables and India’s Push for Underwater Domain Awareness

सबमरीन केबल्स पर खतरा

हाल ही में रेड सी में केबल व्यवधान के कारण मध्य पूर्व और एशिया, जिसमें भारत भी शामिल है, में इंटरनेट सेवाएँ बाधित हुईं। यह दर्शाता है कि वैश्विक संचार प्रणाली कितनी कमजोर है, क्योंकि 95% से अधिक अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट ट्रैफिक सबमरीन फाइबर ऑप्टिक केबल्स पर निर्भर है।
स्थिर जीके तथ्य: दुनिया की पहली ट्रांसअटलांटिक टेलीग्राफ केबल 1858 में आयरलैंड और न्यूफ़ाउंडलैंड के बीच बिछाई गई थी।

भारत में UDA की ज़रूरत

भारत के लिए अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA) राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। चीन के Underwater Great Wall Project जैसी गतिविधियों के बीच भारत के लिए सबमरीन केबल्स, बंदरगाहों और नौसैनिक मार्गों की सुरक्षा बेहद अहम है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत की तटरेखा 7,516 किमी लंबी है, जो विश्व में 18वीं सबसे लंबी है।

तकनीकी और परिचालन चुनौतियाँ

भारत में उन्नत अंडरसी टेक्नोलॉजी की कमी है।

  • UUVs (मानव रहित पनडुब्बी वाहन) अभी शुरुआती विकास अवस्था में हैं।
  • DRDO का एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम अभी वैश्विक मानकों (विशेषकर लिथियम-आयन ईंधन सेल AIP) से कमजोर है।
  • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड का USV केवल 30 किग्रा पेलोड उठा सकता है, जिससे इसका उपयोग सीमित हो जाता है।
  • वित्तीय बाधाएँ, कमजोर एजेंसी समन्वय, मानसून की कठिन परिस्थितियाँ और चीन की पनडुब्बी गतिविधियाँ UDA को चुनौती देती हैं।
    स्थिर जीके टिप: भारतीय नौसेना की INS अरिहंत भारत की पहली स्वदेशी परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है।

भारत की पहलें

भारत अब घरेलू स्तर पर प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है।

  • निगरानी के लिए MAYA, AMOGH और ADAMYA UUVs विकसित किए जा रहे हैं।
  • समुद्रयान परियोजना के तहत मत्य्स 6000 मानव-संचालित पनडुब्बी गहरे समुद्र अनुसंधान को बढ़ाएगी।
  • रक्षा मोर्चे पर, इंटीग्रेटेड अंडरवाटर हार्बर डिफेंस एंड सर्विलांस सिस्टम (IUHDSS) को पोर्ट ब्लेयर में तैनात किया गया है।
    स्थिर जीके तथ्य: पोर्ट ब्लेयर (अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह) बंगाल की खाड़ी में भारत का रणनीतिक नौसैनिक अड्डा है।

वैश्विक साझेदारियाँ

भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अंडरसी टेक्नोलॉजी में सहयोग कर रहा है। भारत ने अपने MQ-9B Sea Guardian ड्रोन्स को Sonobuoys (पनडुब्बी-पता लगाने वाले सोना सिस्टम) से लैस किया है। इससे भारत की एंटी-सबमरीन वारफेयर क्षमता बढ़ी है।
स्थिर जीके तथ्य: Sonobuoys नौसैनिक युद्ध में इस्तेमाल होने वाले एक्सपेंडेबल सोना सिस्टम हैं, जो पनडुब्बियों का पता लगाते हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
घटना रेड सी में अंडरसी केबल्स पर हमले
प्रभाव मध्य पूर्व और एशिया (भारत सहित) में इंटरनेट बाधित
महत्व वैश्विक इंटरनेट ट्रैफिक का 95% सबमरीन केबल्स से
भारत की चुनौती UUVs में तकनीकी कमी, कमजोर AIP, वित्तीय बाधाएँ
प्रमुख खतरा चीनी पनडुब्बियाँ और Underwater Great Wall प्रोजेक्ट
भारतीय विकास MAYA, AMOGH, ADAMYA UUVs
प्रमुख परियोजना समुद्रयान के तहत मत्य्स 6000
अवसंरचना IUHDSS, पोर्ट ब्लेयर में तैनात
अंतरराष्ट्रीय सहयोग भारत-अमेरिका अंडरसी टेक्नोलॉजी साझेदारी
नौसैनिक उन्नयन MQ-9B Sea Guardian ड्रोन्स, Sonobuoys से लैस

 

Undersea Cables and India’s Push for Underwater Domain Awareness
  1. लाल सागर में अंडरसी केबल में व्यवधान के कारण पूरे एशिया में इंटरनेट बाधित हुआ।
  2. वैश्विक इंटरनेट ट्रैफ़िक का 95% से अधिक हिस्सा पनडुब्बी फाइबर ऑप्टिक केबल के माध्यम से यात्रा करता है।
  3. भारत की अंडरवाटर डोमेन जागरूकता राष्ट्रीय सुरक्षा और संचार के लिए महत्वपूर्ण है।
  4. चीन की अंडरवाटर ग्रेट वॉल परियोजना पनडुब्बी मार्गों और बंदरगाहों के लिए खतरा है।
  5. भारत की 7,516 किलोमीटर लंबी तटरेखा समुद्री निगरानी के लिए रणनीतिक है।
  6. मानवरहित अंडरवाटर वाहन (UNWV) प्रारंभिक विकास चरणों में हैं, जिससे निगरानी क्षमता सीमित हो रही है।
  7. DRDO की AIP प्रणालियाँ वैश्विक लिथियम-आयन विकल्पों की तुलना में कम कुशल हैं।
  8. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स की 30 किलोग्राम की USV पेलोड सीमा निगरानी कार्यों को सीमित करती है।
  9. वित्तीय और समन्वय संबंधी कमियाँ भारत के अंडरवाटर निगरानी प्रयासों को धीमा कर देती हैं।
  10. मौसमी मानसून और चीनी पनडुब्बी घुसपैठ परिचालन चुनौतियों को बढ़ा देती हैं।
  11. आईएनएस अरिहंत भारत की पहली परमाणु ऊर्जा चालित मिसाइल पनडुब्बी है, जो नौसेना की ताकत को बढ़ा रही है।
  12. भारत बेहतर निगरानी के लिए माया, अमोघ और अदम्य जैसे यूयूवी विकसित कर रहा है।
  13. समुद्रयान परियोजना की मत्स्य 6000 पनडुब्बी गहरे समुद्र में अनुसंधान को मज़बूत करती है।
  14. पोर्ट ब्लेयर स्थित आईयूएचडीएसएस बंदरगाह सुरक्षा और नौसेना निगरानी को बढ़ाता है।
  15. पोर्ट ब्लेयर बंगाल की खाड़ी में एक प्रमुख नौसैनिक अड्डा है।
  16. भारत पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिए सोनोबॉय से लैस एमक्यू-9बी ड्रोन का उपयोग करते हुए अमेरिका के साथ साझेदारी कर रहा है।
  17. सोनोबॉय पनडुब्बियों का पता लगाते हैं, जिससे पानी के भीतर युद्ध क्षमता में सुधार होता है।
  18. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रौद्योगिकी निर्भरता को कम करने और रक्षा तत्परता बढ़ाने में मदद करता है।
  19. भारत के स्वदेशीकरण के प्रयास रणनीतिक और तकनीकी स्वतंत्रता के लिए आवश्यक हैं।
  20. जलगत डोमेन जागरूकता को सुदृढ़ करने से संचार और समुद्री सुरक्षा में लचीलापन सुनिश्चित होता है।

Q1. वैश्विक इंटरनेट ट्रैफ़िक का कितने प्रतिशत भाग पनडुब्बी फाइबर ऑप्टिक केबल्स के माध्यम से संचालित होता है?


Q2. “अंडरवाटर ग्रेट वॉल” परियोजना किस देश द्वारा विकसित की जा रही है?


Q3. समुद्रयान परियोजना के अंतर्गत भारत की मानव-संचालित पनडुब्बी का नाम क्या है?


Q4. भारत ने समेकित जलमग्न बंदरगाह रक्षा और निगरानी प्रणाली (IUHDSS) कहाँ तैनात की है?


Q5. भारत की पहली स्वदेशी परमाणु-संचालित पनडुब्बी कौन सी है?


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