डिजिटल पहचान में नवाचार को बढ़ावा
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने SITAA (Scheme for Innovation and Technology Association with Aadhaar) नामक एक अग्रणी कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य आधार प्रणाली में नवाचार, अनुसंधान और सहयोग को बढ़ावा देना है।
यह पहल स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थानों और प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ साझेदारी के माध्यम से आधार आधारित सेवाओं को अधिक सुरक्षित, प्रभावी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने पर केंद्रित है।
स्थैतिक जीके तथ्य: UIDAI की स्थापना 2009 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अंतर्गत की गई थी, ताकि भारत के हर निवासी को एक विशिष्ट पहचान संख्या (Aadhaar) प्रदान की जा सके।
SITAA के उद्देश्य
SITAA का मुख्य लक्ष्य भारत की पहचान प्रौद्योगिकी रूपरेखा (Identity Tech Framework) को सुदृढ़ बनाना और स्वदेशी, भविष्य-उन्मुख समाधानों का विकास करना है।
यह कार्यक्रम ऐसे Aadhaar समाधानों को प्रोत्साहित करता है जो गोपनीयता-सम्मत, सटीक और उपयोगकर्ता-विश्वसनीय हों।
मुख्य फोकस क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग (ML), बायोमेट्रिक उपकरण और डेटा सुरक्षा ढांचे शामिल हैं।
ये तकनीकें आधार प्रमाणीकरण में जनता के विश्वास को बनाए रखने और धोखाधड़ी या डुप्लीकेशन को रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
स्थैतिक जीके टिप: आधार प्रमाणीकरण सेवाएँ “आधार अधिनियम, 2016” के तहत शासित होती हैं, जो गोपनीयता और वैधानिक उपयोग सुनिश्चित करती हैं।
प्रमुख सहयोग
SITAA की प्रभावी क्रियान्वयन के लिए UIDAI ने MeitY Startup Hub (MSH) और NASSCOM के साथ साझेदारी की है।
MSH तकनीकी मेंटरशिप, इनक्यूबेशन और स्टार्टअप एक्सेलेरेशन प्रदान करेगा, जबकि NASSCOM उद्योग संपर्क, वैश्विक अवसर और बाज़ार तक पहुँच उपलब्ध कराएगा।
यह साझेदारी नवाचार और व्यवहारिक अनुप्रयोगों के बीच की खाई को कम करती है और भारतीय स्टार्टअप्स को डिजिटल पहचान क्षेत्र में योगदान करने का अवसर देती है।
SITAA के अंतर्गत नवाचार चुनौतियाँ
UIDAI ने SITAA कार्यक्रम के तहत तीन पायलट इनोवेशन चैलेंज शुरू किए हैं, जिनके लिए आवेदन 15 नवंबर 2025 तक आमंत्रित हैं।
- Face Liveness Detection: एआई-आधारित सॉफ्टवेयर विकसित करना जो डीपफेक, मास्क या मॉर्फिंग जैसी स्पूफिंग तकनीकों को पहचान सके।
- Presentation Attack Detection: वास्तविक समय में रीप्ले या डिजिटल मैनिपुलेशन का पता लगाने में सक्षम AI और ML आधारित सिस्टम विकसित करना।
- Contactless Fingerprint Authentication: स्मार्टफोन कैमरा के माध्यम से फिंगरप्रिंट स्कैन करने वाले नवाचारी सॉफ्टवेयर, जो सुलभ और किफायती हों।
इन चुनौतियों का उद्देश्य सुरक्षित और उपयोगकर्ता-अनुकूल डिजिटल प्रमाणीकरण विकसित करना है, बिना गोपनीयता से समझौता किए।
भारत के डिजिटल लक्ष्यों की दिशा में प्रगति
SITAA कार्यक्रम भारत की राष्ट्रीय पहलों जैसे डिजिटल इंडिया, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और आत्मनिर्भर भारत से घनिष्ठ रूप से जुड़ा है।
यह कार्यक्रम घरेलू प्रतिभा को सशक्त बनाते हुए विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम करता है और भारत की डेटा संप्रभुता (Data Sovereignty) को मजबूत बनाता है।
आधार आज भी भारत की डिजिटल गवर्नेंस प्रणाली की रीढ़ बना हुआ है, जो बैंकिंग, कल्याण योजनाओं और सार्वजनिक सेवाओं तक सहज पहुँच सुनिश्चित करता है।
SITAA इस भरोसे को और सशक्त बनाता है, जिससे आधार अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| SITAA का पूरा नाम | Scheme for Innovation and Technology Association with Aadhaar |
| लॉन्च करने वाली संस्था | भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) |
| UIDAI की स्थापना वर्ष | 2009 |
| नियामक मंत्रालय | इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) |
| सहयोगी संगठन | MeitY Startup Hub (MSH) और NASSCOM |
| चैलेंज आवेदन की अंतिम तिथि | 15 नवंबर 2025 |
| मुख्य फोकस क्षेत्र | AI, ML, डेटा प्राइवेसी, बायोमेट्रिक्स, डिजिटल समावेशन |
| संबंधित राष्ट्रीय मिशन | डिजिटल इंडिया, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, आत्मनिर्भर भारत |
| मुख्य चुनौती प्रकार | फेस लाइवनेस, प्रेजेंटेशन अटैक, कॉन्टैक्टलेस फिंगरप्रिंट |
| उद्देश्य | आधार सुरक्षा को बढ़ाना और डिजिटल पहचान में नवाचार को प्रोत्साहित करना |





