आधार प्रमाणीकरण की वृद्धि
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अगस्त 2025 में 221 करोड़ आधार प्रमाणीकरण लेन–देन दर्ज किए, जो मासिक स्तर पर सबसे ऊँचे आँकड़ों में से एक है। यह वृद्धि इस बात को दर्शाती है कि भारत में सुरक्षित डिजिटल सत्यापन सुनिश्चित करने में आधार की केंद्रीय भूमिका है। आज आधार कल्याणकारी योजनाओं, वित्तीय समावेशन और शासन सेवाओं की रीढ़ बन चुका है।
स्थिर जीके तथ्य: UIDAI की स्थापना 2009 में हुई थी और इसे आधार अधिनियम, 2016 के तहत सांविधिक प्राधिकरण का दर्जा मिला।
कल्याण और शासन में भूमिका
आधार प्रमाणीकरण योजनाओं के तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) सुनिश्चित करता है, जैसे PAHAL (एलपीजी सब्सिडी), PDS (राशन वितरण) और मनरेगा भुगतान। इसके अलावा यह पेंशन सत्यापन, सिम कार्ड जारी करना, पासपोर्ट प्रक्रिया और बैंकिंग सेवाओं को भी सरल बनाता है। बढ़ता हुआ प्रमाणीकरण आँकड़ा आम जनता के भरोसे को दर्शाता है।
स्थिर जीके टिप: आधार दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आईडी प्रणाली है, जो 1.3 अरब से अधिक भारतीयों को कवर करती है।
एआई-सक्षम फेस ऑथेंटिकेशन में उछाल
अगस्त में एक खास उपलब्धि रही 18.6 करोड़ एआई–सक्षम फेस ऑथेंटिकेशन लेन–देन। यह तरीका टच–फ्री, सुरक्षित और उपयोगकर्ता अनुकूल है। यह विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए उपयोगी है क्योंकि इसमें फिंगरप्रिंट या ओटीपी पर निर्भरता कम हो जाती है।
यह प्रवृत्ति भारत की बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन 2.0 की ओर बढ़त को दिखाती है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को अधिक सटीकता और धोखाधड़ी रोकथाम के लिए जोड़ा जा रहा है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती
आधार का बड़े पैमाने पर उपयोग भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में प्रयासों के अनुरूप है। इसके तेज़ी से अपनाए जाने से आधार का विस्तार अब निम्न क्षेत्रों तक होगा:
- फिनटेक, हेल्थटेक और एडटेक प्लेटफॉर्म्स
- एआई–आधारित दस्तावेज़ सत्यापन
- क्रॉस–बॉर्डर डिजिटल पहचान पहलें
स्थिर जीके तथ्य: भारत ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम 2015 में शुरू किया था ताकि प्रौद्योगिकी के माध्यम से शासन और सेवा वितरण को बदल सके।
भविष्य की संभावनाएँ
लगातार नवाचार के साथ, आधार भारत के डिजिटल परिवर्तन का प्रमुख सक्षम कारक बना रहेगा। नई तकनीकों के साथ इसका एकीकरण समावेशिता, सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करेगा। अगस्त 2025 में UIDAI द्वारा दर्ज किए गए 221 करोड़ प्रमाणीकरण यह दर्शाते हैं कि भारत डिजिटल रूप से जुड़े भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
अगस्त 2025 में UIDAI प्रमाणीकरण | 221 करोड़ लेन-देन |
फेस ऑथेंटिकेशन लेन-देन | 18.6 करोड़ |
आधार अधिनियम | 2016 में अधिनियमित |
संबंधित मंत्रालय | इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय |
प्रमुख योजनाएँ | PAHAL, PDS, मनरेगा |
UIDAI स्थापना वर्ष | 2009 |
आधार कवरेज | 1.3 अरब से अधिक निवासी |
डिजिटल इंडिया शुरुआत | 2015 |
बायोमेट्रिक तरीके | फिंगरप्रिंट, आइरिस, फेस रिकग्निशन |
आधार की अहमियत | दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आईडी प्रणाली |