अक्टूबर 15, 2025 10:05 अपराह्न

यूएई-भारत व्यापार परिषद ने व्यापार सहयोग को मज़बूत किया

चालू घटनाएँ: यूएई-भारत बिज़नेस काउंसिल, CEPA, समझौता ज्ञापन (MoUs), सेवाएँ निर्यात प्रोत्साहन परिषद (SEPC), यूएई-भारत CEPA काउंसिल, द्विपक्षीय व्यापार, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (MSMEs), क्षेत्रीय वाणिज्य मंडल, स्टार्टअप्स, बी2बी सहयोग

UAE India Business Council Strengthens Trade Cooperation

रणनीतिक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित

यूएई-भारत बिज़नेस काउंसिल (UIBC) ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए तीन नए MoUs पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के क्रियान्वयन और दोनों देशों के बीच व्यापार सुविधा को बढ़ाने पर केंद्रित हैं।
यह कदम 24 सितम्बर 2025 को औपचारिक रूप से उठाया गया और यह नीतिगत ढांचे को उद्योग-स्तरीय कार्यान्वयन से जोड़ने का संगठित प्रयास है।

CEPA काउंसिल के साथ साझेदारी

पहला MoU, UIBC और यूएई-भारत CEPA काउंसिल (UICC) के बीच हुआ। इसका उद्देश्य नीतिगत संवाद और समन्वय के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार करना है। यह संयुक्त परामर्श को बढ़ावा देकर और निवेश प्रोत्साहन में सहयोग करके CEPA के क्रियान्वयन को मज़बूत करेगा।
स्थैतिक तथ्य: भारत-यूएई CEPA फरवरी 2022 में हस्ताक्षरित हुआ था और यह भारत का किसी भी पश्चिम एशियाई देश के साथ पहला पूर्ण व्यापार समझौता है।

SEPC के साथ समझौता

दूसरा MoU, UIBC और सेवाएँ निर्यात प्रोत्साहन परिषद (SEPC) के बीच हुआ। यह लॉजिस्टिक्स, स्वास्थ्य सेवा, आईटी/आईटीईएस, शिक्षा, पर्यटन और इंजीनियरिंग जैसे प्राथमिकता वाले सेवा क्षेत्रों पर केंद्रित है। यह समझौता नए बी2बी और बी2जी अवसर बनाएगा तथा सेवा निर्यातकों को बाज़ार तक पहुँच में आने वाली बाधाओं को दूर करने का कार्य करेगा।
यह कदम विशेष रूप से भारतीय सेवा प्रदाताओं के लिए लाभकारी है, जो यूएई के माध्यम से खाड़ी और वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचना चाहते हैं।
स्थैतिक टिप: SEPC की स्थापना 2006 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा भारतीय सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

क्षेत्रीय वाणिज्य मंडलों के साथ सहयोग

तीसरा MoU बॉम्बे इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, कालीकट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सहित क्षेत्रीय वाणिज्य मंडलों के साथ हस्ताक्षरित हुआ। इन साझेदारियों का उद्देश्य राज्य-स्तरीय औद्योगिक भागीदारी को मज़बूत करना और MSMEs तथा जमीनी स्तर के उद्यमों तक CEPA के लाभ पहुँचाना है।
ऐसे क्षेत्रीय संबंध सुनिश्चित करते हैं कि छोटे व्यवसाय यूएई के व्यापार गलियारों के माध्यम से वैश्विक विस्तार कर सकें।
स्थैतिक तथ्य: MSMEs भारत के GDP में लगभग 30% का योगदान करते हैं और भारत के कुल निर्यात का लगभग 48% हिस्सा हैं।

समझौतों का महत्व

ये MoUs केवल प्रतीकात्मक सहयोग नहीं हैं, बल्कि ये CEPA के उपयोग के लिए क्षेत्रीय मार्ग तैयार करते हैं, स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा देते हैं और नीति व उद्यम के बीच संबंधों को मज़बूत करते हैं। MSMEs के अवसरों को बढ़ाकर, ये समझौते CEPA को अधिक समावेशी और क्रियान्वयन-उन्मुख बनाते हैं।
यह पहल भारत की वैश्विक व्यापार केंद्र बनने की दृष्टि के अनुरूप है और इसे यूएई के साथ साझेदारी को मजबूत करती है, जो एक प्रमुख वित्तीय और लॉजिस्टिक्स केंद्र है।
स्थैतिक तथ्य: यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और 2022–23 में द्विपक्षीय व्यापार 85 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
MoUs की तिथि 24 सितम्बर 2025
हस्ताक्षरकर्ता यूएई-भारत बिज़नेस काउंसिल (UIBC)
साझेदार यूएई-भारत CEPA काउंसिल, SEPC, क्षेत्रीय वाणिज्य मंडल
प्रमुख मंडल बॉम्बे इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, कालीकट चैंबर, गुजरात चैंबर
प्रमुख क्षेत्र आईटी, स्वास्थ्य सेवा, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, शिक्षा, इंजीनियरिंग
उद्देश्य CEPA का जमीनी क्रियान्वयन और व्यापार सुविधा
CEPA हस्ताक्षरित फरवरी 2022
MSME योगदान भारत के GDP का 30%
यूएई की स्थिति भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार
द्विपक्षीय व्यापार मूल्य 85 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक (2022–23)
UAE India Business Council Strengthens Trade Cooperation
  1. यूआईबीसी ने 24 सितंबर 2025 को तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
  2. समझौतों का उद्देश्य व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) को मज़बूत करना है।
  3. नीतिगत संवाद के लिए यूएई-भारत सीईपीए परिषद के साथ पहला समझौता ज्ञापन।
  4. यूएई के साथ फरवरी 2022 में सीईपीए पर हस्ताक्षर किए गए।
  5. सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) के साथ दूसरा समझौता ज्ञापन।
  6. लॉजिस्टिक्स, आईटी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और पर्यटन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित।
  7. एसईपीसी की स्थापना 2006 में वाणिज्य मंत्रालय द्वारा की गई थी।
  8. क्षेत्रीय वाणिज्य संघों के साथ तीसरा समझौता ज्ञापन।
  9. इन संघों में बॉम्बे, कालीकट और गुजरात संघ शामिल हैं।
  10. देश भर में एमएसएमई को व्यापार लाभ का विस्तार करने का लक्ष्य।
  11. एमएसएमई जीडीपी में 30% और निर्यात में 48% का योगदान करते हैं।
  12. ये समझौता ज्ञापन सेवा निर्यातकों की बाज़ार पहुँच संबंधी बाधाओं को दूर करने में मदद करते हैं।
  13. सीईपीए के कार्यान्वयन से स्टार्टअप्स और नए नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
  14. यूएई वैश्विक स्तर पर भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है।
  15. द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया।
  16. ये समझौते सीईपीए ढांचे के तहत जमीनी स्तर पर औद्योगिक भागीदारी को बढ़ावा देते हैं।
  17. वैश्विक व्यापार केंद्र बनने के भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करता है।
  18. यूएई भारत के लिए एक रसद और वित्तीय केंद्र है।
  19. साझेदारी उद्यम और नीति के माध्यम से समावेशी विकास सुनिश्चित करती है।
  20. यह पहल प्रतीकात्मक संबंधों से परे कार्य-उन्मुख सहयोग को दर्शाती है।

Q1. यूएई और इंडिया बिजनेस काउंसिल के बीच तीन समझौता ज्ञापन (MoUs) कब हस्ताक्षरित किए गए थे?


Q2. भारत-यूएई सीईपीए (CEPA) किस वर्ष में हस्ताक्षरित हुआ था?


Q3. यूआईबीसी (UIBC) के साथ समझौते में कौन-सी परिषद प्रमुख भागीदार रही?


Q4. SEPC समझौते में किन क्षेत्रों पर जोर दिया गया था?


Q5. भारत के निर्यात में एमएसएमई (MSMEs) का कितना प्रतिशत योगदान है?


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