रणनीतिक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित
यूएई-भारत बिज़नेस काउंसिल (UIBC) ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए तीन नए MoUs पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के क्रियान्वयन और दोनों देशों के बीच व्यापार सुविधा को बढ़ाने पर केंद्रित हैं।
यह कदम 24 सितम्बर 2025 को औपचारिक रूप से उठाया गया और यह नीतिगत ढांचे को उद्योग-स्तरीय कार्यान्वयन से जोड़ने का संगठित प्रयास है।
CEPA काउंसिल के साथ साझेदारी
पहला MoU, UIBC और यूएई-भारत CEPA काउंसिल (UICC) के बीच हुआ। इसका उद्देश्य नीतिगत संवाद और समन्वय के लिए एक संस्थागत ढांचा तैयार करना है। यह संयुक्त परामर्श को बढ़ावा देकर और निवेश प्रोत्साहन में सहयोग करके CEPA के क्रियान्वयन को मज़बूत करेगा।
स्थैतिक तथ्य: भारत-यूएई CEPA फरवरी 2022 में हस्ताक्षरित हुआ था और यह भारत का किसी भी पश्चिम एशियाई देश के साथ पहला पूर्ण व्यापार समझौता है।
SEPC के साथ समझौता
दूसरा MoU, UIBC और सेवाएँ निर्यात प्रोत्साहन परिषद (SEPC) के बीच हुआ। यह लॉजिस्टिक्स, स्वास्थ्य सेवा, आईटी/आईटीईएस, शिक्षा, पर्यटन और इंजीनियरिंग जैसे प्राथमिकता वाले सेवा क्षेत्रों पर केंद्रित है। यह समझौता नए बी2बी और बी2जी अवसर बनाएगा तथा सेवा निर्यातकों को बाज़ार तक पहुँच में आने वाली बाधाओं को दूर करने का कार्य करेगा।
यह कदम विशेष रूप से भारतीय सेवा प्रदाताओं के लिए लाभकारी है, जो यूएई के माध्यम से खाड़ी और वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचना चाहते हैं।
स्थैतिक टिप: SEPC की स्थापना 2006 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा भारतीय सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
क्षेत्रीय वाणिज्य मंडलों के साथ सहयोग
तीसरा MoU बॉम्बे इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, कालीकट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सहित क्षेत्रीय वाणिज्य मंडलों के साथ हस्ताक्षरित हुआ। इन साझेदारियों का उद्देश्य राज्य-स्तरीय औद्योगिक भागीदारी को मज़बूत करना और MSMEs तथा जमीनी स्तर के उद्यमों तक CEPA के लाभ पहुँचाना है।
ऐसे क्षेत्रीय संबंध सुनिश्चित करते हैं कि छोटे व्यवसाय यूएई के व्यापार गलियारों के माध्यम से वैश्विक विस्तार कर सकें।
स्थैतिक तथ्य: MSMEs भारत के GDP में लगभग 30% का योगदान करते हैं और भारत के कुल निर्यात का लगभग 48% हिस्सा हैं।
समझौतों का महत्व
ये MoUs केवल प्रतीकात्मक सहयोग नहीं हैं, बल्कि ये CEPA के उपयोग के लिए क्षेत्रीय मार्ग तैयार करते हैं, स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा देते हैं और नीति व उद्यम के बीच संबंधों को मज़बूत करते हैं। MSMEs के अवसरों को बढ़ाकर, ये समझौते CEPA को अधिक समावेशी और क्रियान्वयन-उन्मुख बनाते हैं।
यह पहल भारत की वैश्विक व्यापार केंद्र बनने की दृष्टि के अनुरूप है और इसे यूएई के साथ साझेदारी को मजबूत करती है, जो एक प्रमुख वित्तीय और लॉजिस्टिक्स केंद्र है।
स्थैतिक तथ्य: यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और 2022–23 में द्विपक्षीय व्यापार 85 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
MoUs की तिथि | 24 सितम्बर 2025 |
हस्ताक्षरकर्ता | यूएई-भारत बिज़नेस काउंसिल (UIBC) |
साझेदार | यूएई-भारत CEPA काउंसिल, SEPC, क्षेत्रीय वाणिज्य मंडल |
प्रमुख मंडल | बॉम्बे इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, कालीकट चैंबर, गुजरात चैंबर |
प्रमुख क्षेत्र | आईटी, स्वास्थ्य सेवा, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, शिक्षा, इंजीनियरिंग |
उद्देश्य | CEPA का जमीनी क्रियान्वयन और व्यापार सुविधा |
CEPA हस्ताक्षरित | फरवरी 2022 |
MSME योगदान | भारत के GDP का 30% |
यूएई की स्थिति | भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार |
द्विपक्षीय व्यापार मूल्य | 85 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक (2022–23) |