शुरुआती बैकग्राउंड
जी मनुनीथी, थेनी के एक सिविल इंजीनियर, तमिलनाडु में ट्रैफिक मूवमेंट को नया रूप देने के लिए काफी मशहूर हुए हैं। उनके प्रैक्टिकल, ग्राउंड-लेवल इनोवेशन ने उन्हें यू टर्न मैन का पॉपुलर टाइटल दिलाया। उनका काम बिज़ी शहरी इलाकों में आसान मोबिलिटी देने पर फोकस करता है।
स्टैटिक GK फैक्ट: तमिलनाडु में भारतीय राज्यों में सबसे बड़े रोड नेटवर्क में से एक है, जिसमें 2.7 लाख km से ज़्यादा सड़कें हैं।
एक ट्रैफिक इनोवेटर का उदय
मनुनीथी का अप्रोच सादगी पर आधारित है। वह कंजेशन कम करने और भारी इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च से बचने के लिए कम लागत वाले इंजीनियरिंग आइडिया लागू करते हैं। उनके डिज़ाइन ने तब ध्यान खींचा जब शहर बढ़ते ट्रैफिक वॉल्यूम को मैनेज करने के सस्ते तरीके ढूंढ रहे थे।
स्टैटिक GK फैक्ट: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (NHAI) उन बड़े रोड कॉरिडोर को मैनेज करता है जो अक्सर स्टेट-लेवल की सड़कों से मिलते हैं।
यू टर्न मॉडल के पीछे का आइडिया
उनके मॉडल का मेन मकसद ट्रेडिशनल रोड जंक्शन को बंद करना है। सिग्नल पर रुकने के बजाय, गाड़ियां लगभग 100 मीटर आगे बढ़ जाती हैं और एक स्ट्रक्चर्ड यू-टर्न लेती हैं। इससे सिग्नल पर लंबा इंतज़ार खत्म हो जाता है और गाड़ियां लगातार चलती रहती हैं। उनका कॉन्सेप्ट भीड़-भाड़ वाले इलाकों में भी एक तय फ्लो पैटर्न लाता है।
स्टैटिक GK फैक्ट: यू-टर्न बेस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट का इस्तेमाल USA के मिशिगन में बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिसे “मिशिगन लेफ्ट” के नाम से जाना जाता है।
सिग्नल फ्री कॉरिडोर बनाना
तमिलनाडु में मनुनीथी के दखल से कई सिग्नल फ्री कॉरिडोर बने। ये कॉरिडोर यात्रा का समय कम करने और बेवजह गाड़ी खड़ी न होने से बचाने में मदद करते हैं, जिससे फ्यूल एफिशिएंसी बेहतर होती है। कई डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने उनके प्लान को उनके प्रैक्टिकल होने और जल्दी लागू होने की वजह से अपनाया।
स्टैटिक GK फैक्ट: रोड इंजीनियरिंग प्रिंसिपल्स के अनुसार, बिना रुकावट वाले कॉरिडोर स्टॉप-स्टार्ट एमिशन को लगभग 20–30% तक कम कर सकते हैं। कम लागत वाली ट्रैफिक इंजीनियरिंग के फायदे
मनुनीति जैसे कम लागत वाले मॉडल सिविक बॉडीज़ के खर्च कम करते हैं। बड़े पैमाने पर कंस्ट्रक्शन के बजाय, वे मार्किंग, रोड मीडियन और रीअलाइन्ड टर्न का इस्तेमाल करते हैं। इन तकनीकों से ज़मीन का अधिग्रहण कम होता है और प्रोजेक्ट की टाइमलाइन कम होती है।
स्टैटिक GK फैक्ट: भारत में शहरी लोकल बॉडीज़ अक्सर अपने बजट का 10% से भी कम ट्रैफिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए देती हैं।
तमिलनाडु के शहरों पर असर
मदुरै, कोयंबटूर और इरोड जैसे शहरों ने उनके डिज़ाइन अपनाए हैं। इन बेहतर फ्लो डिज़ाइन ने संकरी शहरी सड़कों पर भीड़ कम करने में मदद की, जो पहले बार-बार सिग्नल साइकिल पर निर्भर थीं। उनके यू-टर्न मॉडल की अडैप्टेबिलिटी इसे छोटे शहरों और बड़े मेट्रोपॉलिटन ज़ोन, दोनों के लिए सही बनाती है।
स्टैटिक GK फैक्ट: तमिलनाडु की शहरी आबादी 48% से ज़्यादा है, जिससे मोबिलिटी प्लानिंग ज़रूरी हो जाती है।
पब्लिक रिस्पॉन्स और पहचान
लोकल यात्रियों ने आसान फ्लो और कम वेटिंग टाइम का स्वागत किया। एडमिनिस्ट्रेशन मुश्किल ट्रैफिक समस्याओं को आसान बनाने में उनके योगदान को मानते हैं। उनके मॉडल पर अब दूसरे भारतीय राज्यों के लिए एक स्केलेबल ऑप्शन के तौर पर चर्चा हो रही है, जिनका मकसद बिना ज़्यादा खर्च के भीड़ कम करना है।
भविष्य की संभावनाएं
मनुनीति का काम इस बात पर ज़ोर देता है कि कैसे ज़मीनी स्तर की इंजीनियरिंग राज्य भर की ट्रैफ़िक पॉलिसी पर असर डाल सकती है। उनके इनोवेशन तेज़ी से बढ़ते भारतीय शहरों के लिए सस्टेनेबल मोबिलिटी सॉल्यूशन बनाने का एक ब्लूप्रिंट देते हैं। जैसे-जैसे ट्रैफ़िक डेंसिटी बढ़ेगी, उनका मॉडल भविष्य की सड़क डिज़ाइन पहलों के लिए एक रेफरेंस पॉइंट का काम कर सकता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| नवप्रवर्तक | जी. मनुनीति, थेनी |
| लोकप्रिय उपाधि | तमिलनाडु के यू–टर्न मैन |
| मुख्य विचार | चौराहों को बंद कर यू-टर्न को 100 मीटर आगे स्थानांतरित करना |
| प्रमुख लाभ | निर्बाध, सिग्नल-रहित यातायात प्रवाह |
| इंजीनियरिंग दृष्टिकोण | कम लागत वाले, व्यावहारिक मॉडल |
| लागू शहर | मदुरै, कोयम्बटूर, इरोड एवं अन्य |
| प्रभाव | जाम में कमी और यात्रा समय में घटावट |
| कॉरिडोर प्रकार | सिग्नल-फ्री ट्रैफिक कॉरिडोर |
| पृष्ठभूमि | क्षेत्र आधारित समाधान विकसित करने वाले सिविल इंजीनियर |
| भविष्य की संभावना | अन्य भारतीय राज्यों के लिए स्केलेबल मॉडल |





