भारत ने शुरू किया प्रमुख त्रि-सेवा युद्धाभ्यास
भारत ने पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर त्रिशूल 2025 (Trishul 2025) नामक त्रि-सेवा युद्धाभ्यास की शुरुआत की है, जो वर्ष 2025 के सबसे बड़े समन्वित रक्षा अभियानों में से एक है।
यह अभ्यास थल सेना, नौसेना और वायुसेना को एकजुट कर भूमि, समुद्र और वायु में एकीकृत युद्ध संचालन का प्रदर्शन करता है।
अभ्यास की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उस कड़ी चेतावनी के बाद हुई जिसमें उन्होंने सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को लेकर कड़ा संदेश दिया।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: “त्रिशूल” भारत के प्रमुख त्रि-सेवा अभ्यासों में से एक है, जो दक्षिण शक्ति और भारत शक्ति जैसे अभियानों की श्रेणी में आता है।
सर क्रीक क्षेत्र में बढ़ता तनाव
सर क्रीक एक 96 किमी लंबी ज्वारीय खाड़ी है जो गुजरात के कच्छ के रण को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से अलग करती है। यह क्षेत्र दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवादित है।
राजनाथ सिंह का यह बयान कि किसी भी प्रकार की उकसाहट “इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगी” मौजूदा सीमा तनाव की गंभीरता को दर्शाता है।
भारत ने 30 अक्टूबर से 10 नवंबर 2025 तक राजस्थान और गुजरात के वायु क्षेत्र में उड़ानों पर अस्थायी प्रतिबंध (NOTAM) जारी किया है ताकि व्यापक सैन्य अभ्यास को समायोजित किया जा सके।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: सर क्रीक के निर्देशांक लगभग 23°58′N 68°48′E हैं और यह भारत-पाकिस्तान के समुद्री सीमा निर्धारण में अत्यधिक रणनीतिक महत्व रखता है।
पाकिस्तान की समानांतर सैन्य गतिविधियाँ
पाकिस्तान ने भी 28–29 अक्टूबर को अपने मध्य और दक्षिणी वायु क्षेत्र में अस्थायी उड़ान प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह समानांतर सैन्य गतिविधियाँ या हथियार परीक्षण कर सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के बाद बढ़े क्षेत्रीय सतर्कता स्तर का हिस्सा है, जब भारत ने पाकिस्तान और PoK में कई आतंकवादी ठिकानों को निष्क्रिय किया था।
त्रिशूल 2025 का पैमाना और दायरा
हालाँकि इसे औपचारिक रूप से एक वार्षिक नियमित अभ्यास बताया गया है, लेकिन त्रिशूल 2025 का पैमाना पहले से कहीं अधिक बड़ा है।
इसमें 20,000 से अधिक सैनिकों की तैनाती की गई है, जिनके साथ युद्धक टैंक, हॉवित्ज़र तोपें, अटैक हेलीकॉप्टर और मिसाइल प्रणालियाँ शामिल हैं।
अभ्यास में सौराष्ट्र तट पर उभयचर (amphibious) लैंडिंग और राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में युद्धाभ्यास शामिल हैं, जो अंतर–सेवा समन्वय और युद्ध तत्परता को सुदृढ़ करते हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: कच्छ का रण 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संक्षिप्त सीमा युद्ध का स्थल था, जिससे यह क्षेत्र संयुक्त सैन्य अभियानों के लिए ऐतिहासिक रूप से संवेदनशील है।
वायु और नौसेना शक्ति का एकीकरण
भारतीय वायुसेना ने “महागुजराज ऑपरेशन्स” शुरू किए हैं, जिनमें रफाल और सुखोई-30MKI लड़ाकू विमान, AWACS, UAVs और हवाई ईंधन भरने वाले विमान शामिल हैं।
साथ ही, भारतीय नौसेना ने गुजरात तट पर फ्रिगेट्स, डेस्ट्रॉयर्स और समुद्री निगरानी विमान तैनात किए हैं ताकि समुद्री प्रभुत्व और उभयचर अभियानों को समर्थन दिया जा सके।
इसके साथ-साथ “त्रिनेत्रा” जैसे उप-अभ्यास भी चल रहे हैं, जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक युद्ध, एंटी–ड्रोन रणनीति और संचार सुरक्षा पर केंद्रित हैं।
इन अभियानों के माध्यम से भारत नेटवर्क–केंद्रित संयुक्त ऑपरेशन्स की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो आधुनिक सैन्य रणनीति का प्रमुख उद्देश्य है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: भारत का पहला त्रि–सेवा कमांड, अंडमान और निकोबार कमांड (ANC), वर्ष 2001 में स्थापित किया गया था ताकि तीनों सेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ावा दिया जा सके।
रणनीतिक महत्व
त्रिशूल 2025 की शुरुआत भारत की उस क्षमता को दर्शाती है जिससे वह पश्चिमी सीमा पर किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दे सकता है।
यह अभ्यास भारत की निवारक शक्ति (deterrence), अंतर–सेवा तालमेल और युद्ध तत्परता को मजबूत करता है।
यह न केवल भारत की रक्षात्मक स्थिति को सुदृढ़ करता है, बल्कि एक साथ कई मोर्चों पर चुनौतियों से निपटने की उसकी क्षमता को भी प्रदर्शित करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) | 
| अभ्यास का नाम | त्रिशूल 2025 (Trishul 2025) | 
| प्रकार | त्रि-सेवा युद्धाभ्यास (थल सेना, नौसेना, वायुसेना) | 
| स्थान | पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा के साथ | 
| प्रमुख फोकस क्षेत्र | भूमि-वायु-समुद्र समन्वय, उभयचर और रेगिस्तानी युद्ध | 
| रक्षा मंत्री | राजनाथ सिंह | 
| उल्लेखनीय कथन | “इतिहास और भूगोल दोनों बदल देंगे” – राजनाथ सिंह | 
| वायुसेना अभियान | महागुजराज ऑपरेशन्स (रफाल और सुखोई-30MKI का उपयोग) | 
| नौसेना घटक | गुजरात तट पर फ्रिगेट्स और डेस्ट्रॉयर्स की तैनाती | 
| पाकिस्तान की गतिविधियाँ | 28–29 अक्टूबर 2025 को अस्थायी वायु प्रतिबंध | 
| संबंधित अभियान | ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) – PoK में आतंक-रोधी कार्रवाई | 
 
				 
															





