भारतीय पर्यटन परिदृश्य में परिवर्तन
भारत सरकार ने पर्यटन विजन 2029 नामक एक महत्वाकांक्षी पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य 50 घरेलू पर्यटन स्थलों को 2029 तक विश्व–स्तरीय गंतव्यों में विकसित करना है।
यह योजना भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक अवसंरचना और वैश्विक आतिथ्य मानकों के साथ जोड़ती है।
यह पहल भारत की वैश्विक पर्यटन पहचान को पुनर्परिभाषित करने और देश की सॉफ्ट पावर (Soft Power) को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
पर्यटन मंत्रालय (Ministry of Tourism) की स्थापना 1967 में हुई थी और यह राष्ट्रीय पर्यटन नीतियों और रणनीतियों के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है।
राज्यवार भागीदारी और चयन प्रक्रिया
प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को संभावित स्थलों की सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जिन्हें इस योजना में शामिल किया जा सके।
चयनित स्थलों का चरणबद्ध उन्नयन (Phased Upgradation) किया जाएगा, जिसमें सततता (Sustainability), यात्री सुलभता (Accessibility) और सांस्कृतिक संरक्षण (Cultural Preservation) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
केरल, राजस्थान, जम्मू–कश्मीर और गुजरात जैसे राज्य अपनी विविध सांस्कृतिक और पारिस्थितिक विशेषताओं के कारण प्रमुख भूमिका निभाने की उम्मीद है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
भारत में वर्तमान में 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Sites) हैं — जो विश्व में छठा स्थान है, और यह पर्यटन विस्तार के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।
पर्यटन से आर्थिक विकास
पर्यटन विजन 2029 का उद्देश्य भारत को वैश्विक शीर्ष पर्यटन गंतव्यों में शामिल करना है, साथ ही स्थानीय उद्यमिता (Entrepreneurship) और रोजगार सृजन (Job Creation) को बढ़ावा देना है।
यह पहल आतिथ्य, हस्तशिल्प, परिवहन और यात्रा सेवाओं जैसे क्षेत्रों में रोजगार के व्यापक अवसर उत्पन्न करेगी।
इसके तहत पर्यावरण–संतुलित (Eco-friendly) अवसंरचना में विदेशी निवेश (FDI) को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (WTTC) के अनुसार, वर्ष 2023 में भारत के पर्यटन क्षेत्र का GDP में योगदान लगभग 215 अरब अमेरिकी डॉलर था — जो देश की कुल अर्थव्यवस्था का 7.6% है।
धरोहर संरक्षण और सतत विकास
इस नीति में स्वदेशी मूल्यों (Swadeshi Values) को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानकों (Global Tourism Standards) के साथ जोड़ा गया है।
इसका लक्ष्य स्थानीय संस्कृति, हस्तशिल्प और परंपराओं की प्रामाणिकता को बनाए रखते हुए वैश्विक स्तर की सुविधाएँ प्रदान करना है।
अपग्रेड किए गए गंतव्यों में डिजिटल पर्यटन सुविधाएँ, बेहतर संपर्कता (Connectivity) और सतत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (Sustainable Waste Management Systems) भी शामिल होंगी ताकि स्थानीय पारिस्थितिकी संरक्षित रहे।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप:
भारत का पहला इको–टूरिज्म प्रोजेक्ट केरल के तेन्मला (Thenmala) क्षेत्र में शुरू किया गया था, जो आज भी उत्तरदायी पर्यटन (Responsible Tourism) का मॉडल है।
यात्रा के माध्यम से राष्ट्रीय गौरव का निर्माण
अधिकारियों ने पर्यटन विजन 2029 को भारत की विरासत कथा को वैश्विक मंच पर पुनर्स्थापित करने वाला आंदोलन बताया है।
यह पहल आत्मनिर्भर भारत मिशन (Atmanirbhar Bharat Mission) के अनुरूप है, जो पर्यटन आधारित आत्मनिर्भरता और आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित है।
वर्ष 2029 तक, भारत का लक्ष्य है कि यात्रियों को “भारत को जानने के 50 नए कारण” प्रदान किए जाएँ — प्रत्येक गंतव्य परंपरा, नवाचार और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बने।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य:
भारत की वैश्विक पर्यटन ब्रांडिंग की शुरुआत 2002 में “इन्क्रेडिबल इंडिया (Incredible India)” अभियान से हुई थी।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| पहल का नाम | पर्यटन विजन 2029 |
| प्रारंभ वर्ष | 2025 |
| उद्देश्य | 2029 तक 50 विश्व-स्तरीय पर्यटन स्थलों का विकास |
| कार्यान्वयन मंत्रालय | पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार |
| प्रमुख फोकस क्षेत्र | सततता, अवसंरचना, धरोहर, रोजगार |
| भागीदारी | सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश |
| पूर्णता लक्ष्य | वर्ष 2029 |
| आर्थिक प्रभाव | स्थानीय व्यवसायों और रोजगार में वृद्धि |
| धरोहर समावेशन | सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों का एकीकरण |
| दीर्घकालिक दृष्टि | भारत को अग्रणी वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाना |





