योजना का दायरा हुआ विस्तृत
वस्त्र मंत्रालय (Ministry of Textiles) ने वस्त्र क्षेत्र के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना में महत्वपूर्ण संशोधन अधिसूचित किए हैं।
इन परिवर्तनों का उद्देश्य योजना को अधिक समावेशी और निवेशकों के लिए सुलभ बनाना है।
संशोधित सूची में अब अधिक व्यापक श्रेणी के मानव निर्मित फाइबर (MMF) परिधान, MMF कपड़े और तकनीकी वस्त्र (Technical Textiles) शामिल किए गए हैं।
इस विस्तार से भारत को वैश्विक वस्त्र निर्माण केंद्र के रूप में सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
स्थिर GK तथ्य: भारत का वस्त्र उद्योग GDP का लगभग 2.3% योगदान देता है और 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है — यह देश का सबसे बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र है।
निवेश और टर्नओवर मानदंडों में राहत
नए संशोधन के तहत निवेश और टर्नओवर सीमा को कम किया गया है, जिससे मध्यम और लघु उद्योग (MSMEs) भी योजना में शामिल हो सकेंगे।
इससे क्षेत्रीय वस्त्र क्लस्टरों में उत्पादन का विकेंद्रीकरण बढ़ेगा और स्थानीय रोजगार सशक्त होगा।
स्थिर GK टिप: भारत चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वस्त्र एवं परिधान उत्पादक देश है।
नई शर्तों से तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख वस्त्र राज्यों में अधिक इकाइयों के निवेश की संभावना है।
योजना की अवधि और क्रियान्वयन ढाँचा
PLI योजना 2021 से 2030 तक लागू रहेगी, जिसमें 5 वर्षों तक प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
इसका उद्देश्य उच्च मूल्य वाले वस्त्र उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि कर भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।
क्रियान्वयन और निगरानी का कार्य उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के तहत गठित सचिवों का सशक्त समूह (EGoS) करेगा, जिससे विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वित दृष्टिकोण सुनिश्चित हो सके।
स्थिर GK तथ्य: DPIIT, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है और औद्योगिक नीति निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है।
नवाचार और निर्यात वृद्धि पर ध्यान
PLI योजना के तहत तकनीकी वस्त्रों (Technical Textiles) को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो स्वास्थ्य, रक्षा, कृषि और निर्माण जैसे क्षेत्रों में उपयोगी हैं।
इनका निर्यात संभावनाएँ अत्यधिक हैं और भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक विश्व का अग्रणी तकनीकी वस्त्र उत्पादक बने।
R&D आधारित प्रोत्साहन नवाचार और गुणवत्ता सुधार को प्रोत्साहित करेंगे।
साथ ही, भारत की सतत (Sustainable) और पर्यावरण–अनुकूल (Eco-friendly) निर्माण नीति वैश्विक व्यापार रुझानों के अनुरूप है।
आर्थिक और रोजगार प्रभाव
संशोधित PLI योजना से घरेलू व विदेशी निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है, जिससे वस्त्र क्लस्टरों में रोजगार वृद्धि होगी।
यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ लक्ष्यों को भी मज़बूती देती है क्योंकि इससे देश के भीतर मूल्य संवर्धन (Value Addition) को प्रोत्साहन मिलेगा।
स्थिर GK टिप: वित्त वर्ष 2022–23 में भारत का वस्त्र निर्यात USD 44.4 बिलियन रहा था, और PLI योजना से नवाचार आधारित विनिर्माण के कारण निर्यात में और बढ़ोतरी की उम्मीद है।
स्थिर “Usthadian” वर्तमान घटनाएँ सारणी
विषय | विवरण |
मंत्रालय | वस्त्र मंत्रालय (Ministry of Textiles) |
उद्देश्य | MMF परिधान, MMF कपड़े और तकनीकी वस्त्र उत्पादन को बढ़ावा देना |
योजना अवधि | 2021–2030 |
प्रोत्साहन अवधि | 5 वर्ष |
क्रियान्वयन निकाय | DPIIT के तहत सचिवों का सशक्त समूह (EGoS) |
प्रमुख संशोधन | उत्पाद सूची का विस्तार और निवेश मानदंडों में कमी |
मुख्य फोकस | घरेलू विनिर्माण और निर्यात प्रतिस्पर्धा में वृद्धि |
संबद्ध पहलें | मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत |
लाभान्वित राज्य | तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र |
निर्यात लक्ष्य | तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में वैश्विक उपस्थिति सशक्त करना |