अक्टूबर 26, 2025 1:55 पूर्वाह्न

तमिलनाडु में ग्रामीण विशेष अधिकारियों का कार्यकाल विस्तार

चालू घटनाएँ: तमिलनाडु पंचायत अधिनियम, विशेष अधिकारी, कार्यकाल विस्तार, ग्रामीण स्थानीय निकाय, मद्रास उच्च न्यायालय, परिसीमन प्रक्रिया, पंचायत चुनाव, ग्राम पंचायत, पंचायत संघ, नगर निगम

Tenure Extension for Rural Special Officers in Tamil Nadu

अवलोकन

तमिलनाडु सरकार ने तमिलनाडु पंचायत अधिनियम, 1994 में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया है, जिसके तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों में विशेष अधिकारियों (Special Officers) का कार्यकाल 5 जनवरी 2026 तक बढ़ाया जाएगा।
यह मौजूदा कार्यकाल के एक और वर्ष के विस्तार को दर्शाता है, जो पहले अध्यादेश (Ordinance) के माध्यम से 5 जनवरी 2025 तक बढ़ाया गया था।

विस्तार का कारण

यह विस्तार इसलिए आवश्यक हुआ क्योंकि पंचायत वार्डों के परिसीमन (Delimitation) की प्रक्रिया अभी तक पूर्ण नहीं हुई है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि ग्रामीण स्थानीय निकायों के चुनाव परिसीमन प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद ही कराए जा सकते हैं।
इसलिए वर्तमान में पंचायतों का प्रशासन निर्वाचित प्रतिनिधियों के बजाय नियुक्त विशेष अधिकारियों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।

विस्तार का कवरेज

इस विस्तार का प्रभाव पूरे राज्य में लागू होगा —
9,624 ग्राम पंचायतें
314 पंचायत संघ (Panchayat Unions)
28 जिला पंचायतें
यह संरचना ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक निरंतरता और सुशासन सुनिश्चित करती है, भले ही निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि न हों।

विशेष अधिकारियों की भूमिका

  • ग्राम पंचायतों के लिए ब्लॉक विकास अधिकारी (Block Development Officer – Village Panchayats) को विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया है।
    पंचायत संघों के लिए सहायक निदेशक (Assistant Director – Panchayats/Audit) की नियुक्ति की जाती है।
    जिला पंचायतों में यह जिम्मेदारी अतिरिक्त निदेशक, अतिरिक्त कलेक्टर, संयुक्त निदेशक या परियोजना निदेशक (Project Director) निभाते हैं।
    स्थिर जीके तथ्य: तमिलनाडु पंचायत अधिनियम, 1994 को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अनुरूप लागू किया गया था, ताकि तीनस्तरीय पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से विकेंद्रीकरण और स्थानीय स्वशासन सुनिश्चित किया जा सके।

शहरी और ग्रामीण निकायों में संरचनात्मक परिवर्तन

12 अगस्त 2024 से चार नगरपालिकाओं — तिरुवन्नामलाई, कारैकुडी, पुदुकोट्टई और नामक्कल — को नगर निगमों (Municipal Corporations) में उन्नत किया गया।
इस प्रशासनिक परिवर्तन के कारण कुछ ग्राम पंचायतों का विलय इन नए निगमों में कर दिया गया, जिससे कुछ जिलों और संघों में पंचायतों की कुल संख्या घट गई।
स्थिर जीके टिप: तमिलनाडु में वर्तमान में 38 जिले हैं और पंचायती राज ढांचा तीन स्तरों पर कार्य करता है — ग्राम पंचायत, पंचायत संघ (ब्लॉक) और जिला पंचायत

ग्रामीण प्रशासन पर प्रभाव

स्थानीय निकाय चुनावों में देरी ने परिसीमन प्रक्रिया की समयबद्धता के महत्व को रेखांकित किया है।
हालाँकि विशेष अधिकारी प्रशासनिक निरंतरता बनाए रखते हैं, लेकिन यह स्थिति जमीनी स्तर पर निर्वाचित प्रतिनिधित्व के अस्थायी निलंबन को भी उजागर करती है।
यह विस्तार तब तक शासन की स्थिरता बनाए रखने के लिए किया गया है जब तक कि कानूनी रूप से चुनाव कराए जा सकें।

कानूनी और प्रशासनिक परिप्रेक्ष्य

मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार चुनाव कराने से पहले निष्पक्ष परिसीमन आवश्यक है।
संशोधन विधेयक विशेष अधिकारियों द्वारा जारी प्रशासन को कानूनी मान्यता प्रदान करता है, ताकि ग्रामीण तमिलनाडु में शासन का कोई रिक्त स्थान न बने।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय (Topic) विवरण (Detail)
संशोधित अधिनियम तमिलनाडु पंचायत अधिनियम, 1994
विधेयक का उद्देश्य विशेष अधिकारियों के कार्यकाल का विस्तार
विस्तार की अंतिम तिथि 5 जनवरी 2026
पूर्व विस्तार 5 जनवरी 2025 तक (अध्यादेश द्वारा)
कुल ग्राम पंचायतें 9,624
पंचायत संघ (ब्लॉक) 314
जिला पंचायतें 28
उन्नत नगर निगम तिरुवन्नामलाई, कारैकुडी, पुदुकोट्टई, नामक्कल
विस्तार का कारण परिसीमन प्रक्रिया लंबित
न्यायालय का निर्देश परिसीमन पूर्ण होने के बाद ही चुनाव कराने का आदेश (मद्रास उच्च न्यायालय)

Tenure Extension for Rural Special Officers in Tamil Nadu
  1. तमिलनाडु सरकार ने विशेष अधिकारियों का कार्यकाल 5 जनवरी, 2026 तक बढ़ा दिया है।
  2. तमिलनाडु पंचायत अधिनियम, 1994 में संशोधन किया गया है।
  3. पंचायत वार्डों के लंबित परिसीमन के कारण विस्तार किया गया है।
  4. मद्रास उच्च न्यायालय ने परिसीमन पूरा होने के बाद चुनाव कराने का निर्देश दिया है।
  5. विस्तार में 9,624 ग्राम पंचायतें, 314 संघ और 28 जिले शामिल हैं।
  6. खंड विकास अधिकारी ग्राम-स्तरीय विशेष अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं।
  7. सहायक निदेशक (पंचायत/लेखा परीक्षा) पंचायत संघों का प्रबंधन करते हैं।
  8. अतिरिक्त कलेक्टर या निदेशक जिला पंचायतों का पर्यवेक्षण करते हैं।
  9. यह अधिनियम 73वें संविधान संशोधन, 1992 के अनुरूप है।
  10. चुनाव में देरी के बावजूद प्रशासनिक निरंतरता सुनिश्चित करता है।
  11. चार शहरों – तिरुवन्नामलाई, कराईकुडी, पुदुकोट्टई, नमक्कल – को निगमों में अपग्रेड किया गया।
  12. विलय के कारण कुछ जिलों में पंचायतों की संख्या कम हो गई।
  13. तमिलनाडु में त्रि-स्तरीय पंचायती राज संरचना के अंतर्गत 38 जिले हैं।
  14. देरी समय पर परिसीमन के महत्व को रेखांकित करती है।
  15. चुनाव फिर से शुरू होने तक स्थानीय शासन की स्थिरता सुनिश्चित करता है।
  16. उच्च न्यायालय ने चुनावी प्रक्रिया में संवैधानिक पालन को बरकरार रखा।
  17. विधेयक शासन को जारी रखने के लिए कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
  18. ग्रामीण निकायों में प्रशासनिक शून्यता को रोकता है।
  19. कानूनी सुधार और जमीनी स्तर के शासन के बीच संबंध पर प्रकाश डालता है।
  20. संवैधानिक ढांचे के तहत विकेन्द्रीकृत प्रशासन बनाए रखता है।

Q1. विशेष अधिकारियों (Special Officers) के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए तमिलनाडु सरकार किस अधिनियम में संशोधन करना चाहती है?


Q2. विशेष अधिकारियों का कार्यकाल किस तिथि तक बढ़ाया गया है?


Q3. किस न्यायालय ने निर्देश दिया कि निर्वाचन सीमांकन (delimitation) प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही चुनाव कराए जाएँ?


Q4. इस विस्तार (extension) के तहत कितनी ग्राम पंचायतें शामिल हैं?


Q5. पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना किस संवैधानिक संशोधन द्वारा की गई थी?


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