एनर्जी एफिशिएंसी में बढ़ता परफॉर्मेंस
तमिलनाडु मजबूत पॉलिसी उपायों और स्ट्रक्चर्ड इम्प्लीमेंटेशन के ज़रिए एनर्जी एफिशिएंसी में नेशनल लीडर के तौर पर उभरा है। स्टेट ने स्टेट एनर्जी एफिशिएंसी इंडेक्स 2024 में 55.3% रिकॉर्ड किया, जो पूरे भारत में सबसे ज़्यादा स्कोर है। यह एनर्जी बचाने के तरीकों और बेहतर मॉनिटरिंग सिस्टम पर सरकार के लगातार फोकस को दिखाता है।
स्टैटिक GK फैक्ट: ब्यूरो ऑफ़ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) मिनिस्ट्री ऑफ़ पावर के तहत काम करता है और स्टेट एनर्जी एफिशिएंसी इंडेक्स जारी करता है।
नेशनल रैंकिंग में सबसे आगे
तमिलनाडु नेशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा से आगे है। यह इंडेक्स एनर्जी कंजर्वेशन टारगेट, इंस्टीट्यूशनल कैपेसिटी और सेक्टर की प्रोग्रेस जैसे पैरामीटर्स को इवैल्यूएट करता है। बिल्डिंग्स, इंडस्ट्रीज़ और म्युनिसिपल एनर्जी मैनेजमेंट में तमिलनाडु की मजबूत पॉलिसीज़ ने इसके हाई परफॉर्मेंस में योगदान दिया।
स्टेटिक GK टिप: एनर्जी एफिशिएंसी पेरिस एग्रीमेंट के तहत भारत के नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशन (NDCs) में सीधे योगदान देती है।
PEACE स्कीम के ज़रिए इन्वेस्टमेंट
राज्य ने PEACE (प्रोमोशन ऑफ़ एनर्जी ऑडिट एंड कंज़र्वेशन ऑफ़ एनर्जी) स्कीम के ज़रिए अपने इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम को मज़बूत किया है। 2023–24 के दौरान, तमिलनाडु ने अवेयरनेस, कैपेसिटी-बिल्डिंग और फाइनेंशियल इंसेंटिव बढ़ाने के लिए 2.6 करोड़ रुपये इन्वेस्ट किए। इन फंड्स ने उन MSMEs को सपोर्ट किया जिन्हें अक्सर कम लागत वाली, एनर्जी-एफिशिएंट टेक्नोलॉजी अपनाने में मुश्किल होती है।
इस पहल में एनर्जी बचाने वाले इक्विपमेंट पर ट्रेनिंग, ऑडिट के लिए सब्सिडी और इंडस्ट्रीज़ में ऑपरेशनल कॉस्ट कम करने के लिए टेक्निकल सपोर्ट शामिल है।
MSME यूनिट्स को सपोर्ट
MSME (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) यूनिट्स में एनर्जी ऑडिट ने ज़मीनी स्तर पर बिजली की खपत कम करने में अहम भूमिका निभाई है। कई छोटी इंडस्ट्रीज़ को ऑडिट सब्सिडी से फ़ायदा हुआ, जिससे एफिशिएंट मोटर, ऑप्टिमाइज़्ड प्रोसेस और बेहतर थर्मल सिस्टम को बढ़ावा मिला। इस तरह के इंटरवेंशन कार्बन एमिशन को कम करते हुए कॉम्पिटिटिवनेस को मज़बूत करते हैं।
स्टेटिक GK फैक्ट: MSMEs भारत की GDP में लगभग 30% और मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में लगभग 45% का योगदान देते हैं।
नेशनल एनर्जी कंज़र्वेशन अवार्ड्स में उपलब्धियां
कुल 25 राज्यों को एनर्जी कंज़र्वेशन अवार्ड्स के तहत पहचान मिली, जो एनर्जी बचाने के तरीकों में इनोवेशन और बेहतरीन काम को दिखाते हैं। इनमें से, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और ओडिशा को सबसे ज़्यादा अवार्ड्स मिले, जिससे सस्टेनेबिलिटी के प्रति उनके कमिटमेंट की पुष्टि हुई।
तमिलनाडु को अलग-अलग कैटेगरी में मिली पहचान उसकी पॉलिसी की सफलता और इंडस्ट्री, कमर्शियल जगहों और इंस्टीट्यूशन की एक्टिव भागीदारी को दिखाती है। ये अवार्ड्स पूरे राज्य में एनर्जी ज़िम्मेदारी का कल्चर बनाने में मदद करते हैं।
लंबे समय के एनर्जी लक्ष्यों को मज़बूत करना
तमिलनाडु की तरक्की एनर्जी की खपत कम करने और साफ़ टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने जैसे बड़े राष्ट्रीय लक्ष्यों को सपोर्ट करती है। राज्य की लीडरशिप सरकारी डिपार्टमेंट, प्राइवेट स्टेकहोल्डर और रेगुलेटरी बॉडी के बीच मिलकर प्लानिंग करने की अहमियत को दिखाती है। एनर्जी ऑडिट, जागरूकता और इनोवेशन में लगातार निवेश से तमिलनाडु को एनर्जी एफिशिएंसी में सबसे आगे रहने में मदद मिलेगी।
स्टैटिक GK टिप: भारत का लक्ष्य 2005 के लेवल से 2030 तक अपने GDP की एमिशन इंटेंसिटी को 45% तक कम करना है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| स्टेट एनर्जी एफिशिएंसी इंडेक्स 2024 स्कोर | तमिलनाडु ने 55.3% स्कोर किया |
| राष्ट्रीय रैंकिंग | तमिलनाडु छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा से ऊपर रहा |
| PEACE योजना निवेश | 2023–24 में ₹2.6 करोड़ निवेश |
| PEACE फंड का उद्देश्य | जागरूकता, प्रशिक्षण, ऊर्जा ऑडिट के लिए सब्सिडी |
| लाभार्थी क्षेत्र | ऊर्जा ऑडिट द्वारा समर्थित MSME इकाइयाँ |
| ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार | 25 राज्यों को पुरस्कार दिए गए |
| शीर्ष पुरस्कार विजेता राज्य | महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा |
| प्रमुख राष्ट्रीय संस्था | पावर मंत्रालय के तहत ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी |
| MSME महत्व | MSMEs भारत के GDP में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं |
| दीर्घकालिक महत्व | राष्ट्रीय उत्सर्जन तीव्रता कमी लक्ष्यों को समर्थन |





