पृष्ठभूमि
तमिलनाडु सरकार ने जंगली हाथियों और अन्य वन्यजीव प्रजातियों को संभालने के लिए एक विस्तृत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाने के लिए एक उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
इस पहल का उद्देश्य पकड़ने, स्थानांतरण, छोड़ने और निगरानी प्रक्रियाओं में एकरूपता और वैज्ञानिक सटीकता लाना है।
यह दीर्घकालिक संरक्षण का भी समर्थन करता है और संवेदनशील क्षेत्रों में मानव-पशु संघर्ष को कम करता है।
एक एकीकृत प्रणाली की आवश्यकता
तमिलनाडु में जंगली हाथियों के मानव बस्तियों में घुसने की घटनाएं बढ़ रही हैं, खासकर कोयंबटूर, नीलगिरी और धर्मपुरी में।
एक संरचित SOP यह सुनिश्चित करता है कि वन टीमें मानकीकृत, नैतिक और सुरक्षित प्रक्रियाओं का पालन करें।
स्टेटिक जीके तथ्य: भारत में दुनिया की लगभग 60% एशियाई हाथियों की आबादी है, जिससे हाथियों का प्रबंधन एक राष्ट्रीय संरक्षण प्राथमिकता बन गया है।
विशेषज्ञ समिति की संरचना
समिति में वन्यजीव जीव विज्ञान, पशु चिकित्सा विज्ञान, वन प्रबंधन और पारिस्थितिकी के विशेषज्ञ शामिल हैं।
इसका जनादेश वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत राष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप दिशानिर्देश विकसित करना है।
स्टेटिक जीके तथ्य: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 ने भारत में संरक्षित क्षेत्रों के लिए पहला कानूनी ढांचा बनाया, जिसमें राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
SOP का दायरा
नया SOP उस क्षण से संचालन का मार्गदर्शन करेगा जब किसी हाथी या वन्यजीव प्रजाति की पहचान हस्तक्षेप के लिए की जाती है।
यह वैज्ञानिक पकड़ने के तरीकों, परिवहन प्रोटोकॉल और व्यवहार-मूल्यांकन उपकरणों का विवरण देगा।
SOP में रेडियो कॉलर और GPS ट्रैकिंग जैसी प्रौद्योगिकी-आधारित निगरानी प्रणालियाँ भी शामिल होंगी।
स्टेटिक जीके तथ्य: रेडियो-कॉलरिंग का उपयोग केन्या और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में बड़े जानवरों की गतिविधियों की निगरानी के लिए व्यापक रूप से किया जाता है।
रिलीज के बाद निगरानी बढ़ाना
जानवर की सुरक्षा और उसके आवास में अनुकूलन सुनिश्चित करने के लिए रिलीज के बाद निगरानी महत्वपूर्ण है।
तमिलनाडु का लक्ष्य फील्ड टीमों और रिमोट सेंसिंग उपकरणों के माध्यम से निगरानी को मजबूत करना है।
यह बार-बार होने वाली संघर्ष स्थितियों को रोकने में मदद करेगा और शोधकर्ताओं को आवाजाही के पैटर्न को समझने में मदद करेगा।
मानव-पशु संघर्ष पर प्रभाव
समिति की सिफारिशें जंगल के किनारे के गांवों में संघर्ष को काफी कम कर सकती हैं।
बेहतर प्रतिक्रिया तंत्र समुदायों और वन्यजीवों दोनों की रक्षा करेंगे।
स्टैटिक GK फैक्ट: तमिलनाडु का मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व भारत के सबसे बड़े हाथी आवासों में से एक है और नीलगिरी हाथियों की आबादी के लिए एक प्रमुख कॉरिडोर है।
भविष्य में संरक्षण के फायदे
प्रक्रियाओं को स्टैंडर्ड बनाने से तमिलनाडु संरक्षण शासन के लिए एक मॉडल बनने में मदद मिलेगी।
यह वन्यजीव बचाव और पुनर्वास में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के भी अनुरूप है।
यह दृष्टिकोण जैव विविधता संरक्षण के प्रति भारत की व्यापक प्रतिबद्धता को मज़बूत करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| समिति का उद्देश्य | हाथियों और अन्य वन्यजीवों के पकड़ने, स्थानांतरण, छोड़ने और निगरानी के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करना |
| प्रभावित प्रमुख क्षेत्र | कोयंबटूर, नीलगिरि, धर्मपुरी |
| संबद्ध कानून | वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 |
| निगरानी उपकरण | रेडियो कॉलर, जीपीएस ट्रैकिंग |
| संरक्षण का फोकस | मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करना |
| आवृत प्रजातियाँ | जंगली हाथी और अन्य वन्यजीव प्रजातियाँ |
| शासन स्तर | उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति |
| व्यापक लक्ष्य | पारिस्थितिक और वन्यजीव प्रबंधन को सुदृढ़ करना |
| संबंधित राज्य | तमिलनाडु |
| दीर्घकालिक उद्देश्य | नैतिक, वैज्ञानिक और समान वन्यजीव संचालन सुनिश्चित करना |





