रिपोर्ट का अवलोकन
राज्य योजना आयोग (State Planning Commission – SPC) ने मुख्यमंत्री को ‘स्टार्ट–अप इकोसिस्टम इन तमिलनाडु: अवसर और चुनौतियाँ’ शीर्षक वाली रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस रिपोर्ट में तमिलनाडु में स्टार्ट-अप की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन किया गया और उनके विकास और परिचालन दक्षता (Operational Efficiency) बढ़ाने के उपाय सुझाए गए हैं।
Static GK तथ्य: तमिलनाडु लगातार भारत के शीर्ष नवाचार और स्टार्ट–अप समर्थक राज्यों में शामिल रहा है।
प्रमुख सिफारिशें
रिपोर्ट ने राज्य सरकार की वित्तीय सहायता योजनाओं तक पहुंच आसान बनाने और आवेदन प्रक्रिया को सरल करने की सिफारिश की।
इसका उद्देश्य विशेष रूप से आरंभिक चरण (Early Stage) के स्टार्ट-अप्स की भागीदारी बढ़ाना है।
रिपोर्ट में कहा गया कि सार्वजनिक खरीद प्रणाली (Public Procurement) का उपयोग सीमित है क्योंकि पंजीकरण प्रक्रिया जटिल और जागरूकता कम है।
Static GK टिप: ग्लोबल स्टार्ट–अप इकोसिस्टम रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत बड़े अर्थतंत्रों में स्टार्ट–अप घनत्व (Start-up Density) के मामले में तीसरे स्थान पर है।
बाज़ार पहुंच और वित्तीय सहायता
रिपोर्ट में बाज़ार तक पहुंच (Market Access) को स्टार्ट-अप सफलता का प्रमुख घटक बताया गया।
सरकारी खरीद चैनलों में स्टार्ट-अप्स को शामिल करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की अनुशंसा की गई।
साथ ही, राज्य वित्तीय सहायता तंत्र (Funding Mechanisms) को अधिक कुशल बनाने पर बल दिया गया ताकि प्रतिभा बनाए रखने (Talent Retention) और बुनियादी ढाँचे की कमी जैसी चुनौतियों का समाधान किया जा सके।
प्रतिभा और सहयोग प्रणाली
रिपोर्ट ने कौशल विकास (Skill Development) और प्रतिभा को बनाए रखने के लिए ठोस रणनीतियाँ तैयार करने की आवश्यकता बताई।
इसके साथ-साथ सामाजिक समावेशन, नवाचार संस्कृति और शैक्षणिक संस्थानों में उद्यमिता को प्रोत्साहन को प्राथमिक क्षेत्र बताया गया।
Static GK तथ्य: तमिलनाडु में 80 से अधिक मान्यता प्राप्त इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर (Incubators & Accelerators) हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्ट-अप्स को सहायता प्रदान करते हैं।
नियामक और परिचालन दक्षता
रिपोर्ट ने नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित (Streamline) करने और स्टार्ट–अप असफलताओं को स्वीकार्य बनाने की सिफारिश की।
इससे स्टार्ट-अप्स को तेज़ मंजूरी, स्पष्ट अनुपालन ढांचा और लचीली नीतियाँ प्राप्त होंगी — जिससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और प्रशासनिक बाधाएँ कम होंगी।
सततता और दीर्घकालिक विकास
रिपोर्ट में कहा गया कि व्यवसाय मॉडल में सततता (Sustainability) को शामिल करना आवश्यक है।
पर्यावरण अनुकूल प्रक्रियाएँ (Eco-friendly Processes) और समावेशी व्यावसायिक प्रथाएँ (Inclusive Practices) अपनाने से स्टार्ट-अप्स की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित होगी।
निर्माण क्षेत्र (Manufacturing Start-ups) के लिए आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की भी आवश्यकता बताई गई।
सफलता के घटक और चुनौतियाँ
रिपोर्ट के अनुसार, अकादमिक इनक्यूबेटर, सरकारी फंडिंग, और सार्वजनिक खरीद प्रणाली स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की वृद्धि के मुख्य चालक हैं।
फिर भी, वित्त तक सीमित पहुंच, प्रतिभा पलायन और अपर्याप्त अवसंरचना जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं, विशेष रूप से तकनीकी और विनिर्माण क्षेत्र के स्टार्ट-अप्स में।
Static GK टिप: चेन्नई, कोयंबटूर और मदुरै तमिलनाडु के प्रमुख उभरते स्टार्ट–अप हब हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| रिपोर्ट का शीर्षक | Start-Up Ecosystem in Tamil Nadu: Opportunities and Challenges |
| प्रस्तुत की गई | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को |
| मुख्य फोकस क्षेत्र | वित्तीय पहुंच, बाज़ार पहुंच, प्रतिभा इकोसिस्टम, नियामक प्रक्रियाएं, सततता |
| पहचानी गई चुनौतियाँ | सार्वजनिक खरीद में कम भागीदारी, प्रतिभा पलायन, अवसंरचना की कमी, स्टार्ट-अप असफलता प्रबंधन |
| सफलता के घटक | अकादमिक इनक्यूबेटर, सरकारी फंडिंग, सार्वजनिक खरीद |
| अनुशंसित उपाय | वित्तीय योजनाओं को सरल बनाना, नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, बाज़ार पहुंच सुधारना, सततता शामिल करना |
| प्रमुख स्टार्ट-अप हब | चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरै |
| इनक्यूबेटर की संख्या | 80 से अधिक मान्यता प्राप्त इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर |





