तीसरी तिमाही की उधारी योजना
तमिलनाडु सरकार ने वित्त वर्ष 2025–26 की तीसरी तिमाही (Q3) के लिए ₹39,000 करोड़ उधार लेने की योजना घोषित की है।
यह योजना भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी राज्यों की बाजार उधारी अनुसूची (Market Borrowing Schedule) के अनुरूप है।
यह राशि वार्षिक कुल उधारी लक्ष्य ₹1,62,096.76 करोड़ का हिस्सा होगी।
Static GK Fact: तमिलनाडु भारत की सकल नाममात्र GSDP के आधार पर दसवीं सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था है।
कुल उधारी और पुनर्भुगतान
वित्त वर्ष 2025–26 में राज्य को ₹55,844.53 करोड़ का पुनर्भुगतान (Repayment) करना है।
वहीं, कुल बकाया ऋण (Outstanding Debt) 31 मार्च 2026 तक ₹9,29,959.3 करोड़ तक पहुँचने का अनुमान है — जो राज्य की संतुलित ऋण प्रबंधन नीति (Prudent Fiscal Management) को दर्शाता है।
ऋण-से-GSDP अनुपात (Debt-to-GSDP Ratio)
राज्य का ऋण–से-GSDP अनुपात 26.07% आँका गया है, जो पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा निर्धारित 28.70% सीमा के भीतर है।
यह दर्शाता है कि राज्य अपने विकास व्यय को पूरा करते हुए ऋण स्थिरता (Debt Sustainability) बनाए रख रहा है।
Static GK Tip: पंद्रहवाँ वित्त आयोग (Fifteenth Finance Commission) राज्यों के लिए राजकोषीय मानक और जिम्मेदार उधारी ढाँचा निर्धारित करता है।
राजस्व और कर संग्रह
अगस्त 2025 तक राज्य का स्वयं का कर राजस्व (Own Tax Revenue) ₹74,942.53 करोड़ रहा, जो कुल राजस्व का 75.3% है।
यह आँकड़ा दिखाता है कि राज्य अपनी बजट आवश्यकताओं और विकास परियोजनाओं के लिए कर संग्रह पर निर्भर है।
राजकोषीय और राजस्व घाटा
अगस्त 2025 तक राज्य ने ₹25,686.65 करोड़ का राजस्व घाटा और ₹37,082.06 करोड़ का राजकोषीय घाटा दर्ज किया।
राजकोषीय घाटा वह अंतर है जो कुल व्यय और कुल राजस्व के बीच होता है — जिसे पूरा करने के लिए उधारी आवश्यक बनती है।
Static GK Fact: राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) किसी राज्य की वित्तीय स्थिति का प्रमुख संकेतक है, जिसकी निगरानी RBI और वित्त आयोग करते हैं।
वित्तीय योजना पर प्रभाव
यह उधारी योजना बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं, सामाजिक कल्याण योजनाओं और ऋण पुनर्भुगतान के लिए आवश्यक तरलता (Liquidity) सुनिश्चित करती है।
राज्य द्वारा ऋण–से-GSDP अनुपात और राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखना दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता का संकेत है।
Static GK Tip: राज्यों की बाजार उधारी (Market Borrowing) आमतौर पर RBI द्वारा जारी राज्य विकास ऋण (State Development Loans – SDLs) के माध्यम से की जाती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
तीसरी तिमाही उधारी योजना | ₹39,000 करोड़ (वित्त वर्ष 2025–26) |
कुल वार्षिक उधारी | ₹1,62,096.76 करोड़ |
पुनर्भुगतान राशि | ₹55,844.53 करोड़ |
अनुमानित कुल ऋण | ₹9,29,959.3 करोड़ (31 मार्च 2026 तक) |
ऋण-से-GSDP अनुपात | 26.07% (28.70% सीमा के भीतर) |
स्वयं का कर राजस्व | ₹74,942.53 करोड़ (अगस्त 2025 तक) |
राजस्व घाटा | ₹25,686.65 करोड़ (अगस्त 2025 तक) |
राजकोषीय घाटा | ₹37,082.06 करोड़ (अगस्त 2025 तक) |
प्रमुख नियामक संस्था | भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) |
संदर्भ आयोग | पंद्रहवाँ वित्त आयोग |