सुधार पहल की शुरुआत
तमिलनाडु पुलिस ने इंडियन पुलिस फाउंडेशन (IPF) के साथ मिलकर आंतरिक सुधार परियोजना शुरू की है। इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस बल की दक्षता, पेशेवराना मजबूती और छवि सुधारना है। इसके लिए संरचित हस्तक्षेप और आधुनिक दृष्टिकोण अपनाए जा रहे हैं।
नागरिक सहभागिता को मजबूत करना
इस परियोजना का एक प्रमुख लक्ष्य है पुलिस–जनता संबंधों को मजबूत बनाना। इसके लिए प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली और नागरिक–अनुकूल पुलिसिंग की नई प्रथाओं को स्थानीय स्तर पर लागू किया जाएगा।
महिलाएँ और कमजोर वर्ग केंद्र में
कार्यक्रम में महिला सुरक्षा और कमजोर समुदायों की रक्षा को विशेष महत्व दिया गया है। इसके तहत पीड़ित सहायता सेवाओं में सुधार किया जाएगा। साथ ही, पुलिसकर्मियों के कार्य परिस्थितियों, कल्याण और तनाव प्रबंधन को भी संबोधित किया जाएगा।
स्थैटिक GK तथ्य: स्वतंत्र भारत में पहला पुलिस आयोग 1977 में गठित किया गया था।
चयनित थानों में पायलट चरण
शुरुआत में यह परियोजना 30 पुलिस थानों में लागू होगी — जिनमें आधे अवडी आयुक्तालय और आधे चेंगलपट्टू जिले के होंगे। यह एक वर्ष तक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलेगी। इसके आधार पर विशिष्ट सिफारिशें तैयार की जाएँगी।
मूल्यांकन और विस्तार
पायलट चरण के बाद एक थर्ड–पार्टी मूल्यांकन किया जाएगा। परिणामों के आधार पर इसे पूरे तमिलनाडु में लागू करने की योजना है। इस प्रक्रिया से सुधार ढाँचा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप होगा।
स्थैटिक GK टिप: तमिलनाडु पुलिस की उत्पत्ति 1659 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा स्थापित मद्रास पुलिस से हुई थी।
राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
तमिलनाडु का यह प्रयास अलग नहीं है। पंजाब, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ ने भी इसी तरह के सुधार कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें सिविल सोसाइटी और स्वतंत्र संस्थाओं का सहयोग शामिल है। यह इस बात का संकेत है कि बदलती सामाजिक अपेक्षाओं के अनुसार भारत में पुलिसिंग को विकसित होना आवश्यक है।
स्थैटिक GK तथ्य: राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977) ने पुलिस जवाबदेही और सुधारों पर आठ रिपोर्टें सौंपी थीं।
दीर्घकालिक दृष्टिकोण
इन सुधारों का मकसद है —
- क्षमता निर्माण
- डिजिटल तकनीक को अपनाना
- समुदाय का विश्वास बढ़ाना
यह पहल तमिलनाडु में पुलिसिंग को पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक–केंद्रित संस्था में बदलने की दिशा में दीर्घकालिक प्रयास है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
समझौता | इंडियन पुलिस फाउंडेशन और तमिलनाडु पुलिस |
मुख्य फोकस | पुलिस-जनता इंटरफेस, शिकायत निवारण, नागरिक-अनुकूल पुलिसिंग |
महिला-केंद्रित उपाय | सुरक्षा पहल, पीड़ित सहायता, लैंगिक संवेदनशीलता |
पायलट जिले | अवडी आयुक्तालय और चेंगलपट्टू जिला |
पायलट अवधि | एक वर्ष |
मूल्यांकन | विस्तार से पहले थर्ड-पार्टी समीक्षा |
विस्तार योजना | पूरे तमिलनाडु में लागू |
राष्ट्रीय संदर्भ | पंजाब, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में समान सुधार |
स्थैटिक GK तथ्य | IPS का गठन 1948 में हुआ |
स्थैटिक GK संस्था | BPR&D (ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट) – 1970 |