समुद्री संरक्षण को सशक्त करना
तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई वाइल्डलाइफ़ डिवीजन के अंतर्गत मरीन एलीट फोर्स की दूसरी इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, मई 2024 में पहली इकाई का गठन रामनाथपुरम में किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य गल्फ ऑफ मन्नार और पाल्क खाड़ी पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करना था।
कछुआ संरक्षण पर विशेष ध्यान
नई इकाई का मुख्य कार्य संकटग्रस्त ऑलिव रिडले कछुओं की रक्षा करना होगा, जो चेन्नई के तटीय इलाकों में घोंसले बनाते हैं। नीलांकरई से मरीना बीच तक का क्षेत्र इन कछुओं के लिए अति महत्वपूर्ण माना जाता है। इस फोर्स की मौजूदगी संरक्षण उपायों को और मजबूत बनाएगी।
स्थैतिक जीके तथ्य: ऑलिव रिडले कछुए दुनिया की सबसे बड़ी सामूहिक अंडे देने की प्रक्रिया (Arribada) के लिए प्रसिद्ध हैं, जो भारत के ओडिशा तट पर देखी जाती है।
जिम्मेदारियां और अधिकार क्षेत्र
यह फोर्स समुद्रतटीय जल में पांच नौटिकल मील की सीमा तक गश्त करेगी। साथ ही यह गैर–कानूनी मछली पकड़ने की गतिविधियों को रोकने, समुद्री जैवविविधता की सुरक्षा करने और संवेदनशील आवासों की रक्षा सुनिश्चित करेगी।
कानूनी संरक्षण ढांचा
मरीन एलीट फोर्स को अधिकार वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत प्राप्त होंगे। इस कानून के जरिए यह फोर्स समुद्री प्रजातियों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर कड़ी कार्रवाई कर सकेगी।
स्थैतिक जीके टिप: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 को कई बार संशोधित किया गया है। 2002 संशोधन में वन्यजीव अपराधों के लिए दंड और अधिक कड़े कर दिए गए।
अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय
फोर्स अपने कार्यों को पूरा करने के लिए तमिलनाडु कोस्टल सिक्योरिटी ग्रुप, भारतीय तटरक्षक बल, मत्स्य विभाग, गैर–सरकारी संगठनों और स्थानीय मछुआरा समुदायों के साथ मिलकर काम करेगी। इस तरह संरक्षण और आजीविका की ज़रूरतों के बीच संतुलन बनाए रखा जाएगा।
समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का महत्व
तमिलनाडु का तट कोरल रीफ़, सीग्रास पारिस्थितिकी तंत्र और समुद्री जीवों के घोंसले बनाने के स्थानों के लिए जाना जाता है। मरीन एलीट फोर्स की दूसरी इकाई की स्थापना से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार दीर्घकालिक जैव विविधता संरक्षण और सतत तटीय प्रबंधन के प्रति गंभीर है।
स्थैतिक जीके तथ्य: गल्फ ऑफ मन्नार बायोस्फीयर रिज़र्व, 1989 में घोषित किया गया था और यह दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया का पहला समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| दूसरी मरीन एलीट फोर्स इकाई | चेन्नई वाइल्डलाइफ़ डिवीजन |
| पहली इकाई की स्थापना | मई 2024, रामनाथपुरम |
| पहली इकाई के संरक्षित क्षेत्र | गल्फ ऑफ मन्नार और पाल्क खाड़ी |
| नई इकाई का मुख्य फोकस | ऑलिव रिडले कछुओं की सुरक्षा |
| प्रमुख घोंसले का क्षेत्र | नीलांकरई से मरीना बीच तक |
| गश्त क्षेत्र | तट से पाँच नौटिकल मील तक |
| कानूनी आधार | वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 |
| सहयोगी एजेंसियाँ | तटीय सुरक्षा समूह, भारतीय तटरक्षक बल, मत्स्य विभाग, एनजीओ, मछुआरा संगठन |
| ऑलिव रिडले की स्थिति | संकटग्रस्त (IUCN रेड लिस्ट), अनुसूची-I संरक्षण (वन्यजीव अधिनियम) |
| प्रमुख समुद्री रिज़र्व | गल्फ ऑफ मन्नार बायोस्फीयर रिज़र्व (1989) |





