IPR में उत्कृष्टता के लिए सम्मान
तमिलनाडु राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (TNSCST) ने सात प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े पेटेंट सूचना केंद्रों (Patent Information Centres – PICs) को बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया है।
इन सम्मानों से यह स्पष्ट होता है कि तमिलनाडु में विश्वविद्यालय नवाचार संरक्षण और प्रौद्योगिकी स्थानांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
Static GK fact: TNSCST की स्थापना 1984 में तमिलनाडु में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
सम्मानित संस्थान
सम्मान प्राप्त IPR केंद्रों में शामिल हैं:
- पेरियार विश्वविद्यालय (सेलम)
- मदर टेरेसा महिला विश्वविद्यालय (कोडैकनाल)
- तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (कोयंबटूर)
- हिंदुस्तान प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (चेन्नई)
- नेहरू समूह संस्थान (कोयंबटूर)
- के. एस. रंगासामी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय (तिरुचेंगोडे)
- मदुरै कामराज विश्वविद्यालय (मदुरै)
यह पहल राज्य में पेटेंट आवेदन, डिजाइन पंजीकरण, और नवाचार जागरूकता को बढ़ावा देने का एक हिस्सा है।
भौगोलिक संकेत (GI) के लिए आवेदन
इन IPR केंद्रों द्वारा पाँच नए GI टैग आवेदन भी किए गए हैं, जो पारंपरिक उत्पादों की विशिष्ट पहचान और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करते हैं:
- वंदावासी कोराई पाई (घास से बुनी चटाई) – मदर टेरेसा महिला विश्वविद्यालय द्वारा
- कोल्लीमलाई पलप्पழम (कटहल) और कोल्लीमलाई कॉफी – के.एस. रंगासामी कॉलेज द्वारा
- पोल्लाची थेंनई नार (नारियल रेशा) – नेहरू संस्थान द्वारा
- मुगवई कुलीयडिचन सिवप्पु अरिसी (लाल–भूरे रंग का चावल) – मोहम्मद सथक इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा
Static GK fact: भारत में GI टैग “भौगोलिक संकेतक अधिनियम, 1999″ के तहत पंजीकृत होते हैं।
नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती
IPR आवेदनों में वृद्धि दर्शाती है कि तमिलनाडु नवाचार को बढ़ावा देने में सक्रिय है। विश्वविद्यालय अब छात्रों और शिक्षकों को उनके आविष्कारों की सुरक्षा में मार्गदर्शन दे रहे हैं।
सरकार का फोकस अनुसंधान, क्षेत्रीय उत्पाद ब्रांडिंग, और उद्यमिता समर्थन को जोड़ने पर है, जिससे आविष्कारों को मान्यता और बाजार सुरक्षा दोनों मिल सके।
Static GK fact: भारत का पहला GI टैग 2004 में दार्जिलिंग चाय को मिला था।
भविष्य की दिशा
TNSCST के समर्थन से राज्य के और भी संस्थानों में सक्रिय IPR सेल बनने की संभावना है। यह प्रयास न केवल नवाचार को बढ़ावा देंगे बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी मजबूती प्रदान करेंगे।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
तमिलनाडु में कुल IPR आवेदन | 836 |
मान्यता प्रदान करने वाली संस्था | तमिलनाडु राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (TNSCST) |
सम्मानित PICs की संख्या | 7 |
प्रमुख सम्मानित संस्थान | पेरियार यूनिवर्सिटी, मदर टेरेसा यूनिवर्सिटी, TNAU, हिंदुस्तान इंस्टिट्यूट, नेहरू ग्रुप, के.एस. रंगासामी कॉलेज, मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी |
GI टैग के लिए आवेदन | 5 |
प्रमुख GI उत्पाद | वंदावासी चटाई, कोल्लीमलाई कटहल, कोल्लीमलाई कॉफी, पोल्लाची नारियल रेशा, लाल-भूरे चावल |
TNSCST स्थापना वर्ष | 1984 |
भारत का पहला GI टैग | दार्जिलिंग चाय (2004) |
GI से संबंधित कानून | भौगोलिक संकेतक अधिनियम, 1999 |