अक्टूबर 12, 2025 4:08 पूर्वाह्न

टीईटी परीक्षा पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला

चालू घटनाएँ: सुप्रीम कोर्ट, टीईटी (Teachers’ Eligibility Test), शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act), अनुच्छेद 142, अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान, धारा 23, एनसीटीई (NCTE), शिक्षक योग्यता, अनिवार्य सेवानिवृत्ति

Supreme Court Verdict on TET Exam

निर्णय का सारांश

1 सितंबर 2025 को न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की दो-न्यायाधीशीय पीठ ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) से संबंधित एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेष अधिकारों का उपयोग करते हुए निर्देश दिया कि देशभर के ऐसे शिक्षक जिनकी सेवा अवधि पाँच वर्ष से अधिक बची है, उन्हें दो वर्षों के भीतर टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, अन्यथा अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) दी जाएगी।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम वर्ष 2010 में लागू किया गया था ताकि 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके।

निर्णय का दायरा और प्रयोज्यता

यह निर्णय सरकारी, सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर लागू होगा जो RTE अधिनियम के दायरे में आते हैं।
कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले गैर-अल्पसंख्यक स्कूलों के सेवामुक्त शिक्षक को दो वर्षों के भीतर टीईटी उत्तीर्ण करना होगा।
जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में पाँच वर्ष से कम समय बचा है, उन्हें परीक्षा देने से छूट दी गई है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) की स्थापना 1993 में एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) के रूप में की गई थी, जिसका कार्य शिक्षक शिक्षा के मानकों की निगरानी करना है।

अल्पसंख्यक संस्थान और RTE अधिनियम

न्यायालय ने यह भी निर्णय दिया कि यह मामला बड़ी पीठ (Larger Bench) को भेजा जाएगा ताकि यह तय किया जा सके कि अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान (Minority Institutions) भी RTE अधिनियम के अंतर्गत आएंगे या नहीं।
पीठ ने 2014 के प्रमति एजुकेशनल एंड कल्चरल ट्रस्ट बनाम भारत संघ के फैसले की आलोचना की, जिसमें अल्पसंख्यक संस्थानों को RTE के दायरे से बाहर रखा गया था
1 सितंबर 2025 के निर्णय में कहा गया कि धार्मिक या भाषाई अल्पसंख्यकों द्वारा संचालित स्कूलों को भी RTE कानून के तहत लाया जाना चाहिए ताकि सभी बच्चों को समान गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त हो सके।

कानूनी प्रावधान और व्याख्या

यह निर्णय शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 23 पर आधारित है।
यह धारा NCTE को कक्षा 1 से 8 के शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता निर्धारित करने का अधिकार देती है, जिसमें टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
तमिलनाडु सरकार ने इस कानून के पिछले प्रभाव (Retrospective Application) को चुनौती दी, यह कहते हुए कि धारा 23(1) केवल भविष्य की नियुक्तियों पर लागू होती है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: धारा 23(2) के अनुसार, केंद्र सरकार शिक्षक की कमी या संस्थागत आपात स्थिति में योग्यता संबंधी प्रावधानों में पाँच वर्ष तक की छूट दे सकती है।

पुनर्विचार याचिका (Review Petition)

पुनर्विचार याचिका वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कोई पक्ष सुप्रीम कोर्ट से अपने पूर्व निर्णय की समीक्षा (Review) का अनुरोध कर सकता है।
यह सामान्यतः न्यायाधीशों के चैंबर में की जाती है और इसमें पक्षकारों या वकीलों की उपस्थिति आवश्यक नहीं होती।
समान न्यायाधीश मामले की पुन: समीक्षा कर निर्णय देते हैं, जो सामान्यतः 30 मिनट के भीतर होता है।
तमिलनाडु सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की, यह तर्क देते हुए कि धारा 23 का प्रावधान केवल उन शिक्षकों पर लागू होता है जिन्होंने RTE अधिनियम लागू होने के समय आवश्यक योग्यता प्राप्त नहीं की थी, अतः इसे सभी पर लागू नहीं किया जा सकता।

शिक्षकों के लिए प्रभाव

इस निर्णय के बाद देशभर के सभी शिक्षकों को दो वर्षों के भीतर टीईटी परीक्षा पास करनी होगी, यदि उनकी सेवा अवधि पाँच वर्ष से अधिक शेष है।
यह फैसला शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक भर्ती में राष्ट्रीय मानक सुनिश्चित करता है तथा RTE अधिनियम के उद्देश्यों के अनुरूप है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: टीईटी परीक्षा पहली बार 2011 में आयोजित की गई थी ताकि देशभर में शिक्षक पात्रता की एक समान प्रणाली स्थापित की जा सके।

स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
निर्णय की तिथि 1 सितंबर 2025
न्यायिक पीठ न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन
संवैधानिक प्रावधान अनुच्छेद 142
लागू शिक्षक वर्ग RTE के तहत सरकारी, सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त, निजी विद्यालय
सेवा अवधि शर्त जिन शिक्षकों की सेवा में 5 वर्ष से अधिक शेष हैं, उन्हें 2 वर्षों में टीईटी पास करना होगा
अल्पसंख्यक संस्थान मामला बड़ी पीठ को भेजा गया
कानूनी संदर्भ शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 23
एनसीटीई की भूमिका शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता निर्धारित करना
अनुपालन न होने पर परिणाम दो वर्षों में टीईटी पास न करने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति
पुनर्विचार याचिका पूर्व निर्णय की समीक्षा के लिए दाखिल की जा सकती है
Supreme Court Verdict on TET Exam
  1. सर्वोच्च न्यायालय ने 1 सितंबर 2025 को टीईटी से संबंधित एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
  2. राष्ट्रव्यापी शिक्षक योग्यता मानकों को लागू करने के लिए अनुच्छेद 142 लागू किया।
  3. पाँच वर्ष से अधिक सेवा शेष रहने वाले शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
  4. उत्तीर्ण न होने पर दो वर्ष बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति हो जाएगी।
  5. यह सरकारी, सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर लागू होता है।
  6. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (2010) 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क स्कूली शिक्षा सुनिश्चित करता है।
  7. गैर-अल्पसंख्यक स्कूलों (कक्षा 1-8) के शिक्षकों को उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
  8. सेवानिवृत्ति के निकट पहुँच चुके शिक्षकों को टीईटी अनिवार्यता से छूट दी गई है।
  9. न्यायालय ने अल्पसंख्यक स्कूलों को दी गई छूट की समीक्षा की माँग की।
  10. प्रगति एजुकेशनल ट्रस्ट (2014) मामले की पुनः जाँच की जाएगी।
  11. आरटीई अधिनियम की धारा 23, एनसीटीई को शिक्षक मानक निर्धारित करने का आदेश देती है।
  12. तमिलनाडु ने धारा 23(1) के पूर्वव्यापी प्रवर्तन को चुनौती दी।
  13. धारा 23(2) केंद्र द्वारा अस्थायी योग्यता में छूट की अनुमति देती है।
  14. 1993 में गठित एनसीटीई, भारत में शिक्षक शिक्षा का नियमन करता है।
  15. शिक्षकों को फैसले के दो साल के भीतर टीईटी पास करना होगा।
  16. शिक्षक भर्ती में गुणवत्ता और जवाबदेही को सुदृढ़ करता है।
  17. समीक्षा याचिकाएँ अदालती फैसलों पर पुनर्विचार की अनुमति देती हैं।
  18. तमिलनाडु ने धारा 23 के प्रावधान संरक्षण का हवाला देते हुए एक याचिका दायर की।
  19. शिक्षक पात्रता को मानकीकृत करने के लिए 2011 में टीईटी शुरू की गई।
  20. फैसला शिक्षण मानकों में राष्ट्रीय एकरूपता सुनिश्चित करता है।

Q1. सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी (TET) संबंधी फैसले के लिए संविधान के किस अनुच्छेद का उपयोग किया?


Q2. फैसले के अनुसार शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा पास करने की अंतिम समय-सीमा क्या है?


Q3. कौन-सा अधिनियम शिक्षकों के लिए टीईटी योग्यता को अनिवार्य बनाता है?


Q4. भारत में शिक्षकों की पात्रता परीक्षा (TET) पहली बार कब शुरू की गई थी?


Q5. भारत में शिक्षक शिक्षा के मानक निर्धारित करने वाली संस्था कौन-सी है?


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