सुप्रीम कोर्ट का फैसला
6 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के जनसंपर्क कार्यक्रम ‘उंगलुदन स्टालिन’ के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायालय ने याचिका को भ्रामक और कानून का दुरुपयोग करार देते हुए याचिकाकर्ता सी. वे. शन्मुगम पर ₹10 लाख का जुर्माना लगाया। यह राशि तमिलनाडु सरकार को कल्याणकारी योजनाओं के लिए दी जाएगी।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत का सर्वोच्च न्यायालय 1950 में संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत स्थापित हुआ था।
मद्रास हाई कोर्ट का आदेश रद्द
उच्चतम न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें जीवित व्यक्तियों के नाम पर योजनाओं के नामकरण पर रोक लगाई गई थी।
कोर्ट ने कहा कि केवल सत्तारूढ़ दल और मुख्यमंत्री को निशाना बनाना राजनीतिक उद्देश्य दर्शाता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: मद्रास उच्च न्यायालय 1862 में स्थापित हुआ था और यह भारत के तीन चार्टर्ड उच्च न्यायालयों में से एक है।
भारत में आम प्रचलन
न्यायालय ने कहा कि राजनीतिक नेताओं के नाम पर कल्याणकारी योजनाओं का नामकरण भारत में लंबे समय से होता आ रहा है।
याचिकाकर्ता ने अन्य जीवित नेताओं के नाम पर चल रही योजनाओं पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत के कई राज्यों में महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और एम. जी. रामाचंद्रन जैसे नेताओं के नाम पर योजनाएं चलाई जाती हैं।
चुनाव आयोग और विज्ञापन संबंधी मुद्दे
याचिका में भारत निर्वाचन आयोग से निर्वाचन चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 16A के तहत कार्रवाई की मांग की गई थी।
साथ ही सरकारी विज्ञापन पर सामग्री विनियमन समिति से ‘स्टालिन’ नाम के उपयोग पर रोक लगाने की अपील की गई थी।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत एक संवैधानिक संस्था है।
योजना को जारी रखने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि ‘उंगलुदन स्टालिन’ नागरिक-केंद्रित कार्यक्रम है और राजनीतिक प्रचार का उद्देश्य नहीं रखता।
तमिलनाडु सरकार अब इस नाम का उपयोग अपनी योजना के लिए जारी रख सकती है।
स्थैतिक जीके तथ्य: तमिलनाडु में 1980 के दशक में शुरू हुई मिड–डे मील योजना समेत कई कल्याणकारी योजनाओं की लंबी परंपरा है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| तथ्य | विवरण |
| सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीख | 6 अगस्त 2025 |
| कार्यक्रम का नाम | उंगलुदन स्टालिन |
| याचिकाकर्ता | सी. वे. शन्मुगम |
| लगाया गया जुर्माना | ₹10 लाख |
| जुर्माने का लाभार्थी | तमिलनाडु सरकार की कल्याणकारी योजनाएं |
| रद्द किया गया आदेश | मद्रास उच्च न्यायालय |
| कानूनी संदर्भ | पैरा 16A, निर्वाचन चिन्ह आदेश 1968 |
| संदर्भित निगरानी निकाय | सरकारी विज्ञापन सामग्री विनियमन समिति |
| न्यायालय का अवलोकन | नेताओं के नाम पर योजनाएं आम प्रचलन |
| परिणाम | योजना का नाम जारी रखने की अनुमति |





