नवम्बर 5, 2025 5:26 अपराह्न

गूगल एंड्रॉइड एकाधिकार विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

चालू घटनाएँ: भारत का सर्वोच्च न्यायालय, प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI), गूगल एंड्रॉइड एंटीट्रस्ट केस, राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT), एलायंस डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF), एंड्रॉइड बाजार में प्रभुत्व, गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम, ऐप डेवलपर अधिकार, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम, डिजिटल प्रतिस्पर्धा नियमन

Supreme Court to Hear Google Android Monopoly Dispute

सर्वोच्च न्यायालय ने कई अपीलें स्वीकार कीं

8 अगस्त 2025 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एंड्रॉइड एंटीट्रस्ट मामले से संबंधित कई अपीलों पर सुनवाई करने का निर्णय लिया। इनमें गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट इंक. द्वारा NCLAT के फैसले को चुनौती देना, CCI और ADIF द्वारा दायर याचिकाएँ शामिल हैं। सुनवाई नवंबर 2025 में होगी।

जांच की शुरुआत

CCI ने 2020 में उद्योग संगठनों और ऐप डेवलपर्स की शिकायतों के बाद गूगल की जांच शुरू की। आरोप था कि गूगल ने एंड्रॉइड बाजार में अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग कर अपने सेवाओं को बढ़ावा दिया। डेवलपर्स को गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम (GPBS) का उपयोग करने के लिए मजबूर किया गया, जिसमें 15% से 30% तक का कमीशन लगता था, जबकि गूगल के स्वामित्व वाले YouTube को छूट दी गई। मोबाइल निर्माताओं को प्ले स्टोर एक्सेस के लिए गूगल ऐप्स प्री-इंस्टॉल करने की शर्त लगाई जाती थी।
स्थैतिक GK तथ्य: प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत 2003 में CCI की स्थापना हुई।

CCI के जुर्माने और आदेश

CCI ने गूगल पर ₹936.44 करोड़ का जुर्माना लगाया और निर्देश दिया कि भुगतान प्रणाली को प्ले स्टोर एक्सेस से अलग किया जाए, बिलिंग सूचना में पारदर्शिता रखी जाए, और अपने ऐप्स को अन्य पर प्राथमिकता न दी जाए।

गूगल के तर्क

गूगल ने आरोपों को खारिज किया, यह कहते हुए कि एंड्रॉइड एक ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है और नीतियाँ सुरक्षा व उपयोग में आसानी के लिए हैं। कंपनी का कहना है कि प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स विकल्पों को नहीं रोकते, GPBS लेन-देन की सुरक्षा करता है, और कमीशन दरें वैश्विक मानकों के अनुरूप हैं। YouTube को छूट अलग कारोबारी मॉडल के कारण दी गई।

NCLAT का संशोधित फैसला

NCLAT ने गूगल के प्रभुत्व के दुरुपयोग पर CCI के मुख्य निष्कर्ष बरकरार रखे, लेकिन जुर्माना घटाकर ₹216.69 करोड़ कर दिया। कुछ व्यवहारिक निर्देश रद्द कर दिए, पर बिलिंग पारदर्शिता और डेटा उपयोग से संबंधित आदेश बहाल रखे। सभी पक्ष इस फैसले से असंतुष्ट रहे और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
स्थैतिक GK तथ्य: NCLAT की स्थापना 2016 में हुई और यह CCI व NCLT के आदेशों के खिलाफ अपील सुनता है।

भारत के डिजिटल परिदृश्य पर असर

यह मामला भारत में टेक प्लेटफार्मों के नियमन को नया स्वरूप दे सकता है। यदि CCI का पक्ष कायम रहा, तो डेवलपर्स को अधिक भुगतान विकल्प मिल सकते हैं, उपयोगकर्ताओं के खर्च घट सकते हैं, और गोपनीयता बेहतर हो सकती है। आलोचकों का कहना है कि बदलाव से एंड्रॉइड अनुभव प्रभावित हो सकता है।

स्टार्टअप और वैश्विक नीति के लिए प्रासंगिकता

भारतीय स्टार्टअप्स के लिए यह मामला बिग टेक की बाजार शक्ति को चुनौती देने का अवसर है। ADIF का कहना है कि गूगल के भुगतान नियम अपनी सेवाओं को लाभ पहुंचाते हैं और प्रतिस्पर्धा घटाते हैं। भारत में गूगल के खिलाफ फैसला आने पर अन्य देशों में भी ऐसे ही सुधार संभव हो सकते हैं।
स्थैतिक GK टिप: भारत में 95% से अधिक स्मार्टफोन एंड्रॉइड पर चलते हैं, जिससे यह फैसला राष्ट्रीय स्तर पर अहम है।

आगे क्या?

आगामी सुनवाई यह तय करेगी कि भारतीय प्रतिस्पर्धा कानून प्लेटफॉर्म-आधारित एकाधिकार से कैसे निपटेगा। यह फैसला नवाचार, डिजिटल अधिकारों और व्यापक तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करेगा।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
सुप्रीम कोर्ट में मामला स्वीकार 8 अगस्त 2025
प्रमुख पक्ष गूगल, CCI, ADIF
मूल CCI जुर्माना ₹936.44 करोड़
NCLAT द्वारा घटाया गया जुर्माना ₹216.69 करोड़
CCI जांच की शुरुआत 2020
आरोपित उल्लंघन एंड्रॉइड बाजार में प्रभुत्व का दुरुपयोग
मुख्य मुद्दा गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम कमीशन
सुप्रीम कोर्ट सुनवाई महीना नवंबर 2025
भारत में एंड्रॉइड का बाजार हिस्सा 95% से अधिक स्मार्टफोन
CCI स्थापना वर्ष 2003
Supreme Court to Hear Google Android Monopoly Dispute
  1. सुप्रीम कोर्ट ने 8 अगस्त 2025 को गूगल एंड्रॉइड के खिलाफ एंटीट्रस्ट अपील स्वीकार कर ली।
  2. मामले में गूगल, सीसीआई और एडीआईएफ शामिल हैं।
  3. सीसीआई की जाँच 2020 में शुरू हुई।
  4. एंड्रॉइड मार्केट में प्रभुत्व के दुरुपयोग के आरोप।
  5. गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम कमीशन: 15-30%।
  6. सीसीआई ने ₹936.44 करोड़ का जुर्माना लगाया।
  7. एनसीएलएटी ने जुर्माना घटाकर ₹216.69 करोड़ कर दिया।
  8. सीसीआई ने प्ले स्टोर से भुगतान प्रणाली को अलग करने का आदेश दिया।
  9. गूगल का दावा है कि एंड्रॉइड ओपन-सोर्स है।
  10. अलग बिजनेस मॉडल के कारण यूट्यूब को छूट मिली।
  11. एनसीएलएटी ने बिलिंग पारदर्शिता के आदेशों को बरकरार रखा।
  12. भारत में 95% से ज़्यादा स्मार्टफोन एंड्रॉइड के नियंत्रण में हैं।
  13. मामला डिजिटल प्रतिस्पर्धा विनियमन को प्रभावित करता है।
  14. डेवलपर्स के लिए भुगतान विकल्पों का विस्तार हो सकता है।
  15. वैश्विक तकनीकी नीति को प्रभावित कर सकता है।
  16. ADIF स्टार्टअप्स के लिए निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की वकालत करता है।
  17. प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 के तहत CCI की स्थापना की गई।
  18. NCLAT का गठन 2016 में किया गया।
  19. नवंबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
  20. निर्णय नवाचार और डिजिटल अधिकारों को आकार दे सकता है।

Q1. गूगल एंड्रॉइड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपील कब स्वीकार की?


Q2. सीसीआई द्वारा गूगल पर लगाया गया मूल जुर्माना कितना था?


Q3. किस संगठन ने जुर्माने की राशि कम की?


Q4. गूगल एंड्रॉइड मामले का मुख्य मुद्दा क्या है?


Q5. भारत में कितने प्रतिशत स्मार्टफोन एंड्रॉइड पर चलते हैं?


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