पीएमजीएसवाई का अवलोकन
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) वर्ष 2000 में एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में शुरू हुई, जिसका उद्देश्य ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करना है। यह कई चरणों में लागू हुई है — पीएमजीएसवाई-I, II, III और अब पीएमजीएसवाई-IV (2024–2029)।
इस योजना के लिए केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में धन साझा किया जाता है। मुख्य उद्देश्य ग्रामीण–शहरी अंतर को कम करना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और स्वास्थ्य, शिक्षा व बाज़ार तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित करना है।
स्थैतिक जीके तथ्य: पीएमजीएसवाई का शुभारंभ ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत किया गया था।
स्टील स्क्रैप रीसाइक्लिंग नीति और परिपत्र अर्थव्यवस्था
स्टील स्क्रैप रीसाइक्लिंग नीति (SSRP) को इस्पात मंत्रालय ने वर्ष 2019 में अधिसूचित किया, ताकि 6R — Reduce, Reuse, Recycle, Recover, Redesign, Remanufacture — के माध्यम से परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सके।
यह नीति अंतिम उपयोग वाले उत्पादों के औपचारिक और वैज्ञानिक संग्रह, डिस्मेंटलिंग और प्रोसेसिंग को प्रोत्साहित करती है, जिससे लौह और अलौह धातुओं की पुनर्प्राप्ति हो सके। नीति में डिस्मेंटलिंग और श्रेडिंग इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट प्रबंधन पर भी बल दिया गया है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा इस्पात उत्पादक देश है।
स्थायी समिति के प्रमुख निष्कर्ष
- लो बिडिंग: ठेकेदार न्यूनतम दर से 25–30% कम बोली लगाते हैं, जिससे गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
 - घटिया सामग्री: कई सड़कें भारी यातायात और मौसम का भार नहीं झेल पातीं।
 - परियोजना में देरी: भूमि स्वीकृति, धन की धीमी रिहाई और समन्वय की कमी कारण हैं।
 - पुराना सर्वे डेटा: पीएमजीएसवाई-IV में 2011 जनगणना पर आधारित आंकड़े इस्तेमाल हो रहे हैं, जिससे वर्तमान आवश्यकताओं का सही चित्रण नहीं होता।
 - अधूरा संपर्क: कई सड़कें गाँव के बाहरी हिस्से पर समाप्त हो जाती हैं, न कि मुख्य आवास केंद्र पर।
 
समिति की सिफारिशें
- गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट और चेकिंग सिस्टम लागू हों।
 - स्थानीय ज़रूरतों के आधार पर राज्यों को सड़क चौड़ाई और डिज़ाइन में लचीलापन दिया जाए।
 - भारी यातायात वाले क्षेत्रों में सड़क की मोटाई 20 मिमी से बढ़ाकर 30 मिमी की जाए।
 - केंद्र–राज्य अनुमोदन प्रक्रिया को तेज़ किया जाए।
 - 2011 की जनगणना की जगह नए आंकड़े या अंतरिम डेटा का उपयोग हो।
 - अधिक ज़रूरत वाले क्षेत्रों में वास्तविक लाभार्थियों को प्राथमिकता दी जाए।
 
विशेष ध्यान वाले क्षेत्र
वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित इलाकों में सड़क निर्माण को सुरक्षा जोखिम, कठिन पहुँच और धीमी परियोजना गति जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। समिति ने इन क्षेत्रों में विशेष हस्तक्षेप की सिफारिश की है।
पीएमजीएसवाई में SSRP सिद्धांतों का एकीकरण सतत निर्माण को बढ़ावा दे सकता है, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव कम होगा और संसाधनों का कुशल उपयोग होगा।
स्थैतिक जीके टिप: योजना आयोग (अब नीति आयोग) ने भारत की पंचवर्षीय योजनाओं में ग्रामीण अवसंरचना लक्ष्यों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Static Usthadian Current Affairs Table
| तथ्य | विवरण | 
| पीएमजीएसवाई लॉन्च वर्ष | 2000 | 
| पीएमजीएसवाई-IV अवधि | 2024–25 से 2028–29 | 
| वित्तीय अनुपात (केंद्र:राज्य) | 60:40 | 
| पीएमजीएसवाई मंत्रालय | ग्रामीण विकास मंत्रालय | 
| SSRP मंत्रालय | इस्पात मंत्रालय | 
| SSRP अधिसूचना वर्ष | 2019 | 
| परिपत्र अर्थव्यवस्था के 6R | Reduce, Reuse, Recycle, Recover, Redesign, Remanufacture | 
| सर्वे डेटा समस्या | 2011 जनगणना पर निर्भरता | 
| अनुशंसित सड़क मोटाई | 30 मिमी | 
| विशेष चिंता वाले क्षेत्र | वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र | 
				
															




