द्विपक्षीय समुद्री साझेदारी को सुदृढ़ करना
भारत और इंडोनेशिया ने 14–17 अक्टूबर 2025 तक आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में समुद्र शक्ति नौसैनिक अभ्यास के पांचवें संस्करण की शुरुआत की। यह संयुक्त पहल भारत की एक्ट ईस्ट नीति और सागर (Security and Growth for All in the Region) दृष्टि के तहत दोनों देशों के बीच गहराते समुद्री सहयोग को दर्शाती है।
2018 में शुरू हुआ यह अभ्यास इंडो-पैसिफिक सुरक्षा ढांचे का एक महत्वपूर्ण घटक बन गया है, जिसका उद्देश्य संचालनात्मक समन्वय, आपसी विश्वास और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना है।
Static GK Fact: विशाखापट्टनम भारतीय नौसेना के तीन प्रमुख कमांडों में से एक ईस्टर्न नेवल कमांड (ENC) का मुख्यालय है।
समुद्र शक्ति 2025 के चरण
यह अभ्यास दो प्रमुख चरणों में संपन्न होता है — हार्बर फेज (Harbour Phase) और सी फेज (Sea Phase) — जो कूटनीति और सामरिक तत्परता का संतुलित संयोजन हैं।
हार्बर फेज
विशाखापट्टनम बंदरगाह पर आयोजित इस चरण में क्रॉस–डेक विज़िट्स, संयुक्त योग सत्र, मैत्रीपूर्ण खेल मुकाबले और सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट एक्सचेंज (SMEE) शामिल हैं।
ये गतिविधियाँ आपसी समझ बढ़ाने, संचालन प्रक्रियाओं को मानकीकृत करने और नौसेना अधिकारियों के बीच व्यावसायिक मित्रता को सुदृढ़ करने में सहायक होती हैं।
सी फेज
यह चरण उच्च तीव्रता वाले सामरिक अभियानों पर केंद्रित है, जिनमें हेलीकॉप्टर अभ्यास, वायु रक्षा ड्रिल्स, विज़िट–बोर्ड–सर्च–एंड–सीज़र (VBSS) ऑपरेशन और हथियार प्रक्षेपण अभ्यास शामिल हैं।
यह चरण एंटी–पाइरेसी, मानवीय सहायता, और आपदा प्रतिक्रिया मिशनों की तैयारी को सशक्त करता है, जो क्षेत्रीय जलक्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
Static GK Tip: VBSS ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों पर समुद्री डकैती और तस्करी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्लेटफॉर्म और प्रतिभागी
भारत की ओर से आईएनएस कवरेत्ती (INS Kavaratti) भाग ले रहा है, जो एक स्वदेशी रूप से निर्मित पनडुब्बी रोधी युद्धपोत (ASW Corvette) है और ईस्टर्न फ्लीट का हिस्सा है। यह पोत भारत के आत्मनिर्भर भारत रक्षा उत्पादन कार्यक्रम का प्रतीक है।
इंडोनेशिया की ओर से केआरआई जॉन लाई (KRI John Lie), एक कॉर्वेट श्रेणी का जहाज, भाग ले रहा है जिसमें एक अभिन्न हेलीकॉप्टर सुसज्जित है, जिससे उसकी निगरानी और अभियान क्षमता बढ़ती है।
इन आधुनिक प्लेटफार्मों की तैनाती दोनों नौसेनाओं के बीच बढ़ते तकनीकी सामंजस्य और रणनीतिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
Static GK Fact: आईएनएस कवरेत्ती को अक्टूबर 2020 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और इसका नाम लक्षद्वीप द्वीपसमूह के कवरेत्ती द्वीप पर रखा गया है।
रणनीतिक महत्व
इंडो–पैसिफिक क्षेत्र में विश्व के लगभग 60% समुद्री व्यापार मार्ग स्थित हैं, जिससे इसकी स्थिरता वैश्विक वाणिज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाती है।
समुद्र शक्ति श्रृंखला साझा समुद्री हितों को मजबूत करती है, समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए सहयोग बढ़ाती है और भारत–इंडोनेशिया को जिम्मेदार समुद्री शक्तियों के रूप में सुदृढ़ करती है।
यह अभ्यास समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ने और प्राकृतिक आपदाओं जैसे खतरों का सामना करने के लिए क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे में योगदान देता है।
Static GK Fact: इंडोनेशियाई नौसेना का मुख्यालय जकार्ता, जावा द्वीप की राजधानी में स्थित है।
अभ्यास का विकास
पहला समुद्र शक्ति अभ्यास 2018 में इंडोनेशिया के सुराबाया में आयोजित किया गया था, जबकि चौथा संस्करण 2023 में दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में संपन्न हुआ।
वर्षों के दौरान, इस अभ्यास का दायरा और जटिलता दोनों बढ़े हैं, जो इंडो–पैसिफिक के बदलते भू–राजनीतिक परिदृश्य को प्रतिबिंबित करते हैं।
प्रत्येक नया संस्करण क्षेत्रीय शांति, समुद्री क्षमता निर्माण और रक्षा कूटनीति के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को पुनर्स्थापित करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
अभ्यास का नाम | समुद्र शक्ति 2025 |
संस्करण | 5वां |
स्थान | विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश |
अवधि | 14–17 अक्टूबर 2025 |
भाग लेने वाले देश | भारत और इंडोनेशिया |
भारतीय पोत | आईएनएस कवरेत्ती (ASW Corvette) |
इंडोनेशियाई पोत | केआरआई जॉन लाई (Corvette-class) |
पहला संस्करण | 2018, सुराबाया (इंडोनेशिया) |
चौथा संस्करण | 2023, दक्षिण चीन सागर |
उद्देश्य | समुद्री सहयोग और इंटरऑपरेबिलिटी को सुदृढ़ करना |