परिचय
भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 2027 से सभी इलेक्ट्रिक वाहनों में साउंड अलर्ट सिस्टम अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। यह घोषणा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने की। इसका उद्देश्य पैदल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना और ईवी की साइलेंट ऑपरेशन से होने वाले खतरों को कम करना है। यह कदम भारत को अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ जैसे वैश्विक ईवी सुरक्षा मानकों के और करीब लाता है।
AVAS क्या है
ध्वनिक वाहन अलर्टिंग सिस्टम (Acoustic Vehicle Alerting System – AVAS) कृत्रिम ध्वनि उत्पन्न करता है जिससे इलेक्ट्रिक वाहन पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं को सुनाई दे सकें। पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों की तुलना में ईवी लगभग साइलेंट होते हैं, जिससे भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में दुर्घटना का जोखिम बढ़ जाता है। स्टैटिक जीके तथ्य: यूरोपीय संघ ने जुलाई 2019 से सभी नए ईवी मॉडलों में AVAS अनिवार्य कर दिया था।
कार्यान्वयन की समयरेखा
यह नियम दो चरणों में लागू किया जाएगा। 1 अक्टूबर 2026 से सभी नए लॉन्च किए गए ईवी मॉडलों में AVAS होना आवश्यक होगा। 1 अक्टूबर 2027 से उत्पादन में चल रहे हर ईवी मॉडल में यह सिस्टम अनिवार्य होगा। ध्वनि मानक एआईएस-173 (AIS-173) के अनुरूप होने चाहिए, ताकि समान सुरक्षा मानदंड सुनिश्चित किए जा सकें। स्टैटिक जीके टिप: AIS मानक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स कमेटी (AISC) द्वारा विकसित किए जाते हैं।
शामिल वाहन श्रेणियाँ
यह नियम दो श्रेणियों पर लागू होगा:
• कैटेगरी M: यात्री परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक कारें और बसें।
• कैटेगरी N: इलेक्ट्रिक ट्रक और मालवाहक वाहन।
इससे सुनिश्चित होगा कि यात्री और वाणिज्यिक दोनों प्रकार के ईवी इस नई सुरक्षा तकनीक को अपनाएँ।
इसका महत्व
यह अनिवार्यता सड़क सुरक्षा को काफी बढ़ाएगी, विशेषकर भारतीय शहरों में जहाँ साइलेंट ईवी बिना ध्यान दिए पास आ सकते हैं। यह भारत को वैश्विक ईवी नियमों के अनुरूप भी बनाती है, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं में विश्वास बढ़ेगा। सुरक्षित ईवी स्वच्छ परिवहन समाधानों को अपनाने में भी तेजी लाएँगे।
आगे की चुनौतियाँ
फायदों के बावजूद इस नियम को कई चुनौतियों का सामना करना होगा। ध्वनि स्तरों का मानकीकरण करना आवश्यक होगा ताकि शहरी शोर प्रदूषण न बढ़े। वाहन निर्माताओं को कार्यान्वयन लागत से भी निपटना होगा, जो उत्पादन मूल्य निर्धारण को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, जनता के बीच जागरूकता अभियान चलाने होंगे ताकि इन कृत्रिम ध्वनियों के उद्देश्य और महत्व को समझाया जा सके। स्टैटिक जीके तथ्य: भारत ने 2030 तक 30% ईवी अपनाने का लक्ष्य तय किया है।
स्टैटिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
नियामक प्राधिकरण | सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) |
तकनीक | ध्वनिक वाहन अलर्टिंग सिस्टम (AVAS) |
मानक | एआईएस-173 (ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड फॉर ऑडिबिलिटी) |
नए ईवी मॉडल अनुपालन | 1 अक्टूबर 2026 |
सभी ईवी मॉडल अनुपालन | 1 अक्टूबर 2027 |
वाहन श्रेणियाँ | कैटेगरी M (यात्री ईवी), कैटेगरी N (मालवाहक ईवी) |
अंतर्राष्ट्रीय प्रथा | अमेरिका, जापान, यूरोपीय संघ पहले से AVAS लागू कर चुके हैं |
सुरक्षा उद्देश्य | पैदल यात्री और साइकिल चालक सुरक्षा |
राष्ट्रीय ईवी लक्ष्य | 2030 तक 30% ईवी अपनाना |
स्टैटिक जीके संस्था | ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स कमेटी (AISC) |