अक्टूबर 7, 2025 4:10 पूर्वाह्न

2027 से इलेक्ट्रिक वाहनों में ध्वनि अलर्ट अनिवार्य हो जाएँगे

चालू घटनाएँ: ध्वनिक वाहन अलर्टिंग सिस्टम (Acoustic Vehicle Alerting System – AVAS), सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH), एआईएस-173 मानक, इलेक्ट्रिक वाहन, सड़क सुरक्षा, भारत ईवी नीति, पैदल यात्री सुरक्षा, कैटेगरी M वाहन, कैटेगरी N वाहन, वैश्विक ईवी मानक

Sound Alerts to Become Mandatory in Electric Vehicles from 2027

परिचय

भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 2027 से सभी इलेक्ट्रिक वाहनों में साउंड अलर्ट सिस्टम अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। यह घोषणा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने की। इसका उद्देश्य पैदल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना और ईवी की साइलेंट ऑपरेशन से होने वाले खतरों को कम करना है। यह कदम भारत को अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ जैसे वैश्विक ईवी सुरक्षा मानकों के और करीब लाता है।

AVAS क्या है

ध्वनिक वाहन अलर्टिंग सिस्टम (Acoustic Vehicle Alerting System – AVAS) कृत्रिम ध्वनि उत्पन्न करता है जिससे इलेक्ट्रिक वाहन पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं को सुनाई दे सकें। पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों की तुलना में ईवी लगभग साइलेंट होते हैं, जिससे भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में दुर्घटना का जोखिम बढ़ जाता है। स्टैटिक जीके तथ्य: यूरोपीय संघ ने जुलाई 2019 से सभी नए ईवी मॉडलों में AVAS अनिवार्य कर दिया था।

कार्यान्वयन की समयरेखा

यह नियम दो चरणों में लागू किया जाएगा। 1 अक्टूबर 2026 से सभी नए लॉन्च किए गए ईवी मॉडलों में AVAS होना आवश्यक होगा। 1 अक्टूबर 2027 से उत्पादन में चल रहे हर ईवी मॉडल में यह सिस्टम अनिवार्य होगा। ध्वनि मानक एआईएस-173 (AIS-173) के अनुरूप होने चाहिए, ताकि समान सुरक्षा मानदंड सुनिश्चित किए जा सकें। स्टैटिक जीके टिप: AIS मानक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स कमेटी (AISC) द्वारा विकसित किए जाते हैं।

शामिल वाहन श्रेणियाँ

यह नियम दो श्रेणियों पर लागू होगा:
• कैटेगरी M: यात्री परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक कारें और बसें।
• कैटेगरी N: इलेक्ट्रिक ट्रक और मालवाहक वाहन।
इससे सुनिश्चित होगा कि यात्री और वाणिज्यिक दोनों प्रकार के ईवी इस नई सुरक्षा तकनीक को अपनाएँ।

इसका महत्व

यह अनिवार्यता सड़क सुरक्षा को काफी बढ़ाएगी, विशेषकर भारतीय शहरों में जहाँ साइलेंट ईवी बिना ध्यान दिए पास आ सकते हैं। यह भारत को वैश्विक ईवी नियमों के अनुरूप भी बनाती है, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं में विश्वास बढ़ेगा। सुरक्षित ईवी स्वच्छ परिवहन समाधानों को अपनाने में भी तेजी लाएँगे।

आगे की चुनौतियाँ

फायदों के बावजूद इस नियम को कई चुनौतियों का सामना करना होगा। ध्वनि स्तरों का मानकीकरण करना आवश्यक होगा ताकि शहरी शोर प्रदूषण न बढ़े। वाहन निर्माताओं को कार्यान्वयन लागत से भी निपटना होगा, जो उत्पादन मूल्य निर्धारण को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, जनता के बीच जागरूकता अभियान चलाने होंगे ताकि इन कृत्रिम ध्वनियों के उद्देश्य और महत्व को समझाया जा सके। स्टैटिक जीके तथ्य: भारत ने 2030 तक 30% ईवी अपनाने का लक्ष्य तय किया है।

स्टैटिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
नियामक प्राधिकरण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH)
तकनीक ध्वनिक वाहन अलर्टिंग सिस्टम (AVAS)
मानक एआईएस-173 (ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड फॉर ऑडिबिलिटी)
नए ईवी मॉडल अनुपालन 1 अक्टूबर 2026
सभी ईवी मॉडल अनुपालन 1 अक्टूबर 2027
वाहन श्रेणियाँ कैटेगरी M (यात्री ईवी), कैटेगरी N (मालवाहक ईवी)
अंतर्राष्ट्रीय प्रथा अमेरिका, जापान, यूरोपीय संघ पहले से AVAS लागू कर चुके हैं
सुरक्षा उद्देश्य पैदल यात्री और साइकिल चालक सुरक्षा
राष्ट्रीय ईवी लक्ष्य 2030 तक 30% ईवी अपनाना
स्टैटिक जीके संस्था ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स कमेटी (AISC)
Sound Alerts to Become Mandatory in Electric Vehicles from 2027
  1. भारत ने 2027 से इलेक्ट्रिक वाहनों में ध्वनि अलर्ट सिस्टम अनिवार्य कर दिया है।
  2. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस नियम की घोषणा की है।
  3. इस तकनीक को ध्वनिक वाहन अलर्टिंग सिस्टम (AVAS) कहा जाता है।
  4. AVAS पैदल चलने वालों के लिए मूक इलेक्ट्रिक वाहनों को पहचानने योग्य बनाता है।
  5. 2026 और 2027 में दो चरणों में लागू किया जाएगा।
  6. सभी नए इलेक्ट्रिक वाहनों को अक्टूबर 2026 तक इनका पालन करना होगा।
  7. सभी मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहनों को अक्टूबर 2027 तक इनका पालन करना होगा।
  8. मानक AIS-173 सुरक्षा मानकों का पालन करेंगे।
  9. श्रेणी M (यात्री कार, बसें) पर लागू होता है।
  10. श्रेणी N (मालवाहक ट्रक, वाहक) पर भी लागू होता है।
  11. अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ में पहले से ही वैश्विक अभ्यास का पालन किया जा रहा है।
  12. शहरी क्षेत्रों में पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों की सुरक्षा में सुधार करता है।
  13. सुरक्षित इलेक्ट्रिक वाहन स्वच्छ परिवहन को अपनाने को प्रोत्साहित करेंगे।
  14. भारत का लक्ष्य 2030 तक 30% इलेक्ट्रिक वाहन अपनाना है।
  15. शोर से बचने के लिए ध्वनि स्तरों का मानकीकरण एक बड़ी चुनौती है।
  16. वाहन निर्माताओं को अनुपालन के लिए बढ़ी हुई उत्पादन लागत का सामना करना पड़ रहा है।
  17. AVAS ध्वनियों को स्वीकार करने के लिए जन जागरूकता अभियान आवश्यक हैं।
  18. यूरोपीय संघ ने जुलाई 2019 में सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए AVAS अनिवार्य कर दिया।
  19. AISC भारत में MoRTH के अंतर्गत AIS मानक विकसित करता है।
  20. भारत को वैश्विक EV सुरक्षा मानकों के अनुरूप बनाता है।

Q1. 2027 से ईवी (EVs) में कौन-सी प्रणाली अनिवार्य होगी?


Q2. किस मंत्रालय ने ईवी साउंड अलर्ट नियम को अनिवार्य करने की घोषणा की?


Q3. कब से सभी नए लॉन्च किए गए ईवी मॉडलों में AVAS अनिवार्य होगा?


Q4. किस वैश्विक क्षेत्र ने जुलाई 2019 से ईवी में AVAS को अनिवार्य किया था?


Q5. भारत का 2030 तक ईवी अपनाने का लक्ष्य क्या है?


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