स्थापना और उद्देश्य
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) की स्थापना 1991 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में हुई, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अधीन कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की सॉफ्टवेयर निर्यात क्षमता को बढ़ाना और देश की वैश्विक आईटी स्थिति को मजबूत करना है।
स्थैतिक जीके तथ्य: पहले तीन STP यूनिट बेंगलुरु, भुवनेश्वर और पुणे में स्थापित किए गए थे, जिन्हें 1991 में राष्ट्रीय नेटवर्क में मिला दिया गया।
STPI की दृष्टि राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति (NPSP) 2019 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत को सॉफ्टवेयर और डिजिटल तकनीकों में नवाचार का केंद्र बनाना है।
कार्य और सुविधाएं
STPI सॉफ्टवेयर और आईटी-आधारित सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देता है, MSMEs की मदद करता है और तकनीक-आधारित व्यवसायों को समर्थन प्रदान करता है।
यह सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STP) स्कीम और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (EHTP) स्कीम संचालित करता है, जो बुनियादी ढांचा, वैधानिक सेवाएं और निर्यात सुविधा प्रदान करते हैं।
यह SoftNET नामक हाई-स्पीड डेटा नेटवर्क भी चलाता है, जो कनेक्टिविटी चुनौतियों को दूर करता है और निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करता है।
स्थैतिक जीके टिप: STPI के इनक्यूबेशन सेंटर स्टार्टअप्स को तैयार-उपयोग कार्यस्थल उपलब्ध कराते हैं, जिससे प्रारंभिक निवेश घटता है और संचालन तेजी से शुरू होता है।
छोटे शहरों में विस्तार
STPI ने 3 केंद्रों से बढ़कर 62 केंद्र/उप-केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें से 54 टियर II और टियर III शहरों में हैं। इस विकेन्द्रीकृत मॉडल से आईटी विकास बड़े शहरों से बाहर फैला है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 85% से अधिक STPI सुविधाएं छोटे शहरों में स्थित हैं, जिससे गैर-महानगर क्षेत्रों में लगभग 2.98 लाख नौकरियां बनीं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिला।
नवाचार को बढ़ावा
STPI ने एआई, आईओटी, ब्लॉकचेन, मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान और उत्पाद विकास के लिए मजबूत इकोसिस्टम बनाया है।
यह 24 विशेष उद्यमिता केंद्र (CoEs) संचालित करता है और तकनीकी लैब, AR/VR सुविधाएं तथा फिनटेक सैंडबॉक्स उपलब्ध कराता है।
नेक्स्ट जेनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (NGIS) के माध्यम से यह स्टार्टअप्स को सीड फंडिंग, मेंटरशिप और विकास के अवसर प्रदान करता है।
हाल की पहल
जुलाई 2025 में STPI ने भारतीय कॉर्पोरेट मामलों के संस्थान (IICA) के साथ प्रशिक्षण, अनुसंधान और वकालत परियोजनाओं में सहयोग हेतु समझौता किया।
इसी वर्ष IIIT इलाहाबाद और STPINEXT Initiatives के साथ साझेदारी में प्रयागराज में सहायक तकनीक के लिए उद्यमिता केंद्र (CoE) शुरू किया, जो दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए तकनीक विकसित करने वाले स्टार्टअप्स को समर्थन देगा।
प्रभाव और उपलब्धियां
1992–93 में ₹52 करोड़ के सॉफ्टवेयर निर्यात से बढ़कर 2022–23 में STPI-पंजीकृत इकाइयों ने ₹8,48,398 करोड़ के निर्यात किए हैं। यह देश के कुल सॉफ्टवेयर निर्यात का लगभग आधा है और राष्ट्रीय GDP में लगभग 2.3% का योगदान देता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
तथ्य | विवरण |
स्थापना वर्ष | 1991 |
संचालन मंत्रालय | इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) |
कुल केंद्र | 62, जिनमें 54 टियर II/III शहरों में |
रोजगार योगदान | छोटे शहरों में लगभग 2.98 लाख नौकरियां |
निर्यात वृद्धि | ₹52 करोड़ (1992–93) से ₹8,48,398 करोड़ (2022–23) |
मुख्य योजनाएं | STP स्कीम, EHTP स्कीम, NGIS, उद्यमिता केंद्र (CoEs) |
प्रमुख समझौता | IICA के साथ (जुलाई 2025) |
हाल का CoE | प्रयागराज में सहायक तकनीक केंद्र (IIIT इलाहाबाद के साथ, 2025) |