योजना की प्रस्तावना
पश्चिम बंगाल सरकार ने श्रमश्री योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मज़दूरों का पुनर्वास करना है। यह योजना प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता को स्थानीय श्रमबल में पुनः एकीकरण की दृष्टि से जोड़ती है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य लक्ष्य घर लौटे मज़दूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह अचानक नौकरी छूटने और विस्थापन से हुई आर्थिक अस्थिरता को संबोधित करती है। साथ ही, यह योजना शोषण को रोकने और काम मिलने तक सहारा प्रदान करने का प्रयास करती है।
प्रमुख लाभ
- प्रत्येक पात्र मज़दूर को ₹5000 प्रतिमाह दिए जाएँगे।
- सहायता 12 महीने तक या नई नौकरी मिलने तक जारी रहेगी।
- यह आर्थिक मदद परिवारों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगी और मज़दूरों की गरिमा बनाए रखने में मदद करेगी।
प्रवास का पैमाना
लगभग 22 लाख प्रवासी मज़दूर पश्चिम बंगाल से भारत के विभिन्न राज्यों में काम करते हैं।
अधिकांश लोग निर्माण, सेवा, वस्त्र और असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
भाषाई अवरोध और भेदभाव के कारण बड़ी संख्या में मज़दूर वापस लौटे, जिससे राज्य–नेतृत्व वाले पुनर्वास कार्यक्रम की आवश्यकता महसूस हुई।
स्थैतिक जीके तथ्य: जनगणना 2011 के अनुसार, पश्चिम बंगाल भारत के उन शीर्ष पाँच राज्यों में शामिल है जहाँ से अधिक मज़दूर पलायन होता है।
सामाजिक-आर्थिक महत्व
यह योजना केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व भी रखती है।
- अन्य राज्यों में बंगाली भाषा बोलने पर उत्पीड़न झेल चुके मज़दूरों को इससे मानसिक सहारा मिलेगा।
- सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग, अपनत्व और संरक्षण की भावना को मजबूत करता है।
रोजगार में एकीकरण
वित्तीय मदद के साथ-साथ, यह योजना कौशल विकास और रोजगार सृजन नीतियों से भी जुड़ी है।
- मज़दूरों को स्थानीय रोजगार विनिमय और प्रशिक्षण केंद्रों में पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- नकद सहायता और नौकरी सुविधा का यह दोहरा दृष्टिकोण लंबे समय में प्रवासी मज़दूरी पर निर्भरता घटाने में सहायक होगा।
स्थैतिक जीके टिप: भारत में पहली श्रमिक कल्याण नीति कारखाना अधिनियम 1881 के साथ लागू हुई थी।
आगे की चुनौतियाँ
- वास्तविक लाभार्थियों की सटीक पहचान करना ताकि दुरुपयोग न हो।
- लाखों मज़दूरों के लिए बजटीय प्रावधान को टिकाऊ बनाना।
- दीर्घकालिक रोजगार सृजन योजनाओं से जोड़ना ताकि मज़दूर दोबारा प्रवास न करें।
निष्कर्ष
श्रमश्री योजना प्रवासी मज़दूरों के हितों की सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। वित्तीय राहत और रोजगार के मार्ग जोड़कर यह पहल लौटे हुए प्रवास को सामाजिक और आर्थिक स्थिरता का अवसर बनाने का प्रयास करती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजना का नाम | श्रमश्री योजना |
राज्य | पश्चिम बंगाल |
लाभार्थी | बंगाल लौटे प्रवासी मज़दूर |
मासिक लाभ | ₹5000 प्रति मज़दूर |
अवधि | 12 माह या नौकरी मिलने तक |
बाहरी राज्यों में मज़दूर | लगभग 22 लाख |
मुख्य फोकस | पुनर्वास और रोजगार सहायता |
संबोधित समस्या | अन्य राज्यों में उत्पीड़न और भेदभाव |
सहायता तंत्र | प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण और नौकरी सुविधा |
सांस्कृतिक पहलू | बंगाली भाषा पहचान का संरक्षण |