श्रमश्री योजना का शुभारंभ
पश्चिम बंगाल सरकार ने लौटे हुए बंगाली प्रवासी श्रमिकों के पुनर्वास के लिए श्रमश्री योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य उन समस्याओं का समाधान करना है जो अन्य राज्यों में काम करने वाले श्रमिकों को भाषाई भेदभाव के कारण झेलनी पड़ती हैं।
इस योजना के तहत श्रमिकों को ₹5,000 प्रति माह तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी, जो अधिकतम एक वर्ष तक या तब तक जारी रहेगी जब तक उन्हें पश्चिम बंगाल में रोजगार नहीं मिल जाता। यह देश की पहली ऐसी राज्यस्तरीय योजना है जो विशेष रूप से लौटे हुए प्रवासी श्रमिकों के लिए बनाई गई है।
स्थैतिक जीके तथ्य: पश्चिम बंगाल वह पहला राज्य था जिसने राष्ट्रीय मनरेगा (MGNREGA), 2005 से पहले ही ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम शुरू किया था।
योजना के उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों को उनके गृह राज्य में वापस लाना और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इसके अलावा योजना के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण, उद्यमिता के अवसर और रोजगार उपलब्ध कराने की सहायता भी दी जाएगी।
यह दोहरी पद्धति – नकद सहायता और प्रशिक्षण – न केवल अल्पकालिक राहत देती है बल्कि दीर्घकालिक रोजगार सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है।
वित्तीय सहायता और प्रत्यक्ष हस्तांतरण
प्रत्येक लाभार्थी को ₹5,000 प्रति माह सीधे बैंक खाते में श्रम विभाग के माध्यम से जमा किया जाएगा। यह सहायता तब तक जारी रहेगी जब तक कि उसे स्थायी रोजगार या स्वरोजगार का अवसर प्राप्त नहीं हो जाता।
स्थैतिक जीके टिप: भारत में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली पहली बार 2013 में लागू की गई थी ताकि कल्याणकारी योजनाओं में लीकेज को कम किया जा सके।
जॉब कार्ड और ग्रामीण रोजगार
इस योजना के अंतर्गत लौटे हुए श्रमिकों को जॉब कार्ड जारी किए जाएंगे, जिनके माध्यम से उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध होगा। ये कार्ड राज्य द्वारा प्रायोजित कार्यक्रमों से श्रमिकों को जोड़ेंगे और अतिरिक्त सुरक्षा कवच का कार्य करेंगे।
कौशल प्रशिक्षण पहल
कौशल विकास श्रमश्री योजना की एक प्रमुख विशेषता है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से श्रमिकों की नियोजनीयता (employability) को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों में बढ़ाया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि श्रमिक केवल सहायता पर निर्भर न रहें बल्कि टिकाऊ करियर भी बना सकें।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की स्थापना 2014 में की गई थी ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को एकीकृत किया जा सके।
स्वरोजगार और ऋण
नौकरी के साथ-साथ योजना स्वरोजगार को भी बढ़ावा देती है। लाभार्थियों को सरकार समर्थित ऋण और उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे वे छोटे व्यवसाय शुरू कर सकेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उन्हीं आवेदकों को मिलेगा जो अन्य राज्यों से लौटे हुए बंगाली प्रवासी श्रमिक हों। साथ ही उनके पास प्रत्यक्ष हस्तांतरण हेतु मान्य बैंक खाता होना आवश्यक है।
यह लक्षित पात्रता सुनिश्चित करती है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक लौटे हुए श्रमिकों को ही मिले और स्थानीय रोजगार मजबूत हो।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजना का नाम | श्रमश्री योजना |
प्रारंभकर्ता | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी |
लाभार्थी | लौटे हुए बंगाली प्रवासी श्रमिक |
मासिक वित्तीय सहायता | ₹5,000 (एक वर्ष तक) |
कार्यान्वयन विभाग | पश्चिम बंगाल श्रम विभाग |
मुख्य विशेषताएँ | वित्तीय सहायता, जॉब कार्ड, कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार ऋण |
लाभ की पद्धति | प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) |
पात्रता | अन्य राज्यों से लौटे बंगाली प्रवासी श्रमिक |
प्रारंभ वर्ष | 2025 |
विशिष्ट पहलू | लौटे प्रवासी श्रमिकों हेतु पहली राज्यस्तरीय योजना |