अक्टूबर 17, 2025 6:33 पूर्वाह्न

पश्चिम बंगाल में प्रवासी श्रमिकों को सशक्त बनाने के लिए श्रमश्री योजना

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Shramshree Scheme Empowering Returning Migrant Workers in West Bengal

श्रमश्री योजना का शुभारंभ

पश्चिम बंगाल सरकार ने लौटे हुए बंगाली प्रवासी श्रमिकों के पुनर्वास के लिए श्रमश्री योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य उन समस्याओं का समाधान करना है जो अन्य राज्यों में काम करने वाले श्रमिकों को भाषाई भेदभाव के कारण झेलनी पड़ती हैं।
इस योजना के तहत श्रमिकों को ₹5,000 प्रति माह तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी, जो अधिकतम एक वर्ष तक या तब तक जारी रहेगी जब तक उन्हें पश्चिम बंगाल में रोजगार नहीं मिल जाता। यह देश की पहली ऐसी राज्यस्तरीय योजना है जो विशेष रूप से लौटे हुए प्रवासी श्रमिकों के लिए बनाई गई है।
स्थैतिक जीके तथ्य: पश्चिम बंगाल वह पहला राज्य था जिसने राष्ट्रीय मनरेगा (MGNREGA), 2005 से पहले ही ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम शुरू किया था।

योजना के उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों को उनके गृह राज्य में वापस लाना और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इसके अलावा योजना के तहत कौशल विकास प्रशिक्षण, उद्यमिता के अवसर और रोजगार उपलब्ध कराने की सहायता भी दी जाएगी।
यह दोहरी पद्धति – नकद सहायता और प्रशिक्षण – न केवल अल्पकालिक राहत देती है बल्कि दीर्घकालिक रोजगार सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है।

वित्तीय सहायता और प्रत्यक्ष हस्तांतरण

प्रत्येक लाभार्थी को ₹5,000 प्रति माह सीधे बैंक खाते में श्रम विभाग के माध्यम से जमा किया जाएगा। यह सहायता तब तक जारी रहेगी जब तक कि उसे स्थायी रोजगार या स्वरोजगार का अवसर प्राप्त नहीं हो जाता।
स्थैतिक जीके टिप: भारत में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली पहली बार 2013 में लागू की गई थी ताकि कल्याणकारी योजनाओं में लीकेज को कम किया जा सके।

जॉब कार्ड और ग्रामीण रोजगार

इस योजना के अंतर्गत लौटे हुए श्रमिकों को जॉब कार्ड जारी किए जाएंगे, जिनके माध्यम से उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध होगा। ये कार्ड राज्य द्वारा प्रायोजित कार्यक्रमों से श्रमिकों को जोड़ेंगे और अतिरिक्त सुरक्षा कवच का कार्य करेंगे।

कौशल प्रशिक्षण पहल

कौशल विकास श्रमश्री योजना की एक प्रमुख विशेषता है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से श्रमिकों की नियोजनीयता (employability) को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों में बढ़ाया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि श्रमिक केवल सहायता पर निर्भर न रहें बल्कि टिकाऊ करियर भी बना सकें।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की स्थापना 2014 में की गई थी ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रमों को एकीकृत किया जा सके।

स्वरोजगार और ऋण

नौकरी के साथ-साथ योजना स्वरोजगार को भी बढ़ावा देती है। लाभार्थियों को सरकार समर्थित ऋण और उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे वे छोटे व्यवसाय शुरू कर सकेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे।

पात्रता मानदंड

इस योजना का लाभ उन्हीं आवेदकों को मिलेगा जो अन्य राज्यों से लौटे हुए बंगाली प्रवासी श्रमिक हों। साथ ही उनके पास प्रत्यक्ष हस्तांतरण हेतु मान्य बैंक खाता होना आवश्यक है।
यह लक्षित पात्रता सुनिश्चित करती है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक लौटे हुए श्रमिकों को ही मिले और स्थानीय रोजगार मजबूत हो।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
योजना का नाम श्रमश्री योजना
प्रारंभकर्ता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
लाभार्थी लौटे हुए बंगाली प्रवासी श्रमिक
मासिक वित्तीय सहायता ₹5,000 (एक वर्ष तक)
कार्यान्वयन विभाग पश्चिम बंगाल श्रम विभाग
मुख्य विशेषताएँ वित्तीय सहायता, जॉब कार्ड, कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार ऋण
लाभ की पद्धति प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT)
पात्रता अन्य राज्यों से लौटे बंगाली प्रवासी श्रमिक
प्रारंभ वर्ष 2025
विशिष्ट पहलू लौटे प्रवासी श्रमिकों हेतु पहली राज्यस्तरीय योजना
Shramshree Scheme Empowering Returning Migrant Workers in West Bengal
  1. पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के लिए श्रमश्री योजना शुरू की।
  2. यह योजना 1 वर्ष तक ₹5,000/माह की सहायता प्रदान करती है।
  3. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई।
  4. विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों के लिए पहली राज्य-स्तरीय योजना।
  5. अन्य राज्यों में श्रमिकों को भाषाई भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
  6. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है।
  7. ग्रामीण रोजगार के अवसरों के लिए जॉब कार्ड जारी किए जाते हैं।
  8. रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
  9. यह योजना उद्यमिता और छोटे व्यवसायों को भी बढ़ावा देती है।
  10. सरकारी गारंटी द्वारा समर्थित ऋण।
  11. पात्रता: घर लौटने वाले बंगाली प्रवासी श्रमिक होने चाहिए।
  12. श्रम विभाग इस योजना को लागू करता है।
  13. दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए नकद राहत को कौशल प्रशिक्षण के साथ जोड़ता है।
  14. सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की नौकरियों का समर्थन करता है।
  15. मनरेगा मॉडल ने रोज़गार सुरक्षा उपायों को प्रेरित किया।
  16. योजना आर्थिक प्रवासन संकट को रोकती है।
  17. 2013 की डीबीटी प्रणाली भारत का पहला प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण मॉडल था।
  18. ग्रामीण युवाओं में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करता है।
  19. पश्चिम बंगाल ने पहले राज्य-स्तरीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी की शुरुआत की थी।
  20. कुशल प्रवासियों के पुनर्वास द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करता है।

Q1. पश्चिम बंगाल में श्रमश्री योजना किसने शुरू की?


Q2. इस योजना के तहत लाभार्थियों को मासिक सहायता कितनी दी जाती है?


Q3. योजना के वित्तीय हस्तांतरण की ज़िम्मेदारी किस विभाग की है?


Q4. भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस योजना में कौन-सी प्रणाली अपनाई गई है?


Q5. श्रमश्री योजना की एक अनोखी विशेषता क्या है?


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