ऐतिहासिक व्यापार मार्ग
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित शिपकी ला दर्रा लंबे समय से भारत-तिब्बत के पारंपरिक व्यापार मार्ग के रूप में जाना जाता है। इसे 1994 के भारत–चीन द्विपक्षीय समझौते के तहत आधिकारिक सीमा व्यापार मार्ग घोषित किया गया था। लेकिन 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते इस मार्ग पर व्यापार रोक दिया गया, जिससे सदियों पुराना सांस्कृतिक और वस्तु विनिमय बाधित हो गया।
स्थैटिक GK तथ्य: शिपकी ला भारत और चीन के बीच केवल तीन आधिकारिक व्यापार मार्गों में से एक है।
कूटनीतिक पहल
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दर्रे को खोलने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने चीन से बातचीत शुरू की। अगस्त 2025 में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान चीन ने सिद्धांततः इस मार्ग को खोलने पर सहमति जताई।
स्थैटिक GK तथ्य: अन्य दो व्यापारिक दर्रे लिपुलेख (उत्तराखंड) और नाथू ला (सिक्किम) हैं।
सीमा व्यापार बहाली की योजनाएँ
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पुष्टि की कि भारत-चीन के बीच तीनों व्यापार मार्गों को फिर से खोलने पर बातचीत चल रही है। यह कदम जटिल भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच आर्थिक संपर्कों के पुनर्जीवन की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। इससे भारत की क्षेत्रीय संपर्क नीति और संतुलित कूटनीति को बल मिलेगा।
आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व
शिपकी ला का पुनः खुलना हिमाचल प्रदेश की सीमा जिलों में ट्रांस–हिमालयन व्यापार को पुनर्जीवित करेगा। ऐतिहासिक रूप से यहाँ से ऊन, नमक और सूखे मेवे का आदान-प्रदान होता था। इसका पुनः प्रारंभ स्थानीय आजीविका को मजबूत करेगा और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाएगा।
स्थैटिक GK टिप: हिमाचल प्रदेश की चीन (तिब्बत) के साथ 260 किमी लंबी सीमा है, जिसमें शिपकी ला सबसे महत्वपूर्ण दर्रा है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा की संभावना
शिपकी ला को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भी विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। वर्तमान में यात्री लिपुलेख और नाथू ला मार्गों से जाते हैं। शिपकी ला से तिब्बत की ओर मार्ग छोटा है और भारत की ओर बेहतर सड़क कनेक्टिविटी उपलब्ध है। इससे यात्रा आसान होगी और अधिक यात्री आकर्षित होंगे। यह कदम धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से लाभकारी साबित होगा।
अवसंरचना और आगे की राह
हिमाचल प्रदेश सरकार केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के सहयोग से इस मार्ग को खोलने की तैयारियाँ कर रही है। इसके लिए सड़क उन्नयन, कस्टम सुविधाएँ और यात्री सेवाएँ विकसित की जा रही हैं। शिपकी ला का पुनः उद्घाटन न केवल प्राचीन व्यापार को जीवित करेगा बल्कि सांस्कृतिक और कूटनीतिक सद्भावना को भी बढ़ावा देगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| स्थान | हिमाचल प्रदेश, किन्नौर जिला |
| ऊँचाई | लगभग 4,720 मीटर |
| समझौता वर्ष | 1994 भारत-चीन सीमा व्यापार समझौता |
| बंद होने का वर्ष | 2020 (कोविड-19 महामारी) |
| अन्य दर्रे | लिपुलेख (उत्तराखंड), नाथू ला (सिक्किम) |
| संबंधित देश | चीन (तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र) |
| प्रमुख नेता | सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू |
| चीनी राजनयिक यात्रा | वांग यी, अगस्त 2025 |
| तीर्थ लिंक | कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए प्रस्तावित मार्ग |
| हिमाचल-तिब्बत सीमा लंबाई | 260 किमी |





