दूसरे महावत गाँव का उद्घाटन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने आनंदमलाई टाइगर रिजर्व के अंतर्गत स्थित कोझिकमुथी एलीफेंट कैम्प में राज्य का दूसरा महावत गाँव (Second Mahout Village) उद्घाटित किया।
यह पहल महावतों और पालतू हाथियों के कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
गाँव में बेहतर आवास, स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं ताकि महावतों और उनके परिवारों का जीवनस्तर सुधारा जा सके।
साथ ही यह परंपरागत हाथी प्रबंधन ज्ञान को संरक्षित करते हुए आधुनिक सुविधाओं का समावेश करता है।
स्थिर GK तथ्य: आनंदमलाई टाइगर रिजर्व (पूर्व नाम – इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य) पश्चिमी घाट में स्थित है और यह तमिलनाडु के सबसे बड़े संरक्षित क्षेत्रों में से एक है।
महावत गाँवों का महत्व
महावत गाँवों की स्थापना राज्य सरकार की वन्यजीव संरक्षण और मानव कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
महावतों को स्वच्छ और स्थिर वातावरण प्रदान कर, तमिलनाडु ने अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल पहल स्थापित की है।
भारत का पहला महावत गाँव 2025 में मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के थेप्पाकाडु (Theppakadu) में खोला गया था।
वह मॉडल परंपरागत हाथी देखभाल ज्ञान को आधुनिक विकास योजनाओं से जोड़ने का उदाहरण बना।
स्थिर GK टिप: मुदुमलाई टाइगर रिजर्व की सीमाएँ कर्नाटक के बांदीपुर और केरल के वायनाड वन्यजीव अभयारण्यों से जुड़ी हैं — ये तीनों मिलकर नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा बनाते हैं।
सौर ऊर्जा आधारित माइक्रोग्रिड से सतत ऊर्जा
परियोजना की मुख्य विशेषता है – राज्य योजना आयोग द्वारा स्थापित सौर ऊर्जा माइक्रोग्रिड।
₹3.5 करोड़ की लागत से विकसित यह व्यवस्था कैंप और गाँव को निर्बाध बिजली प्रदान करती है, जिससे वन पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचाए बिना ऊर्जा उपलब्ध रहती है।
यह पहल हरित ऊर्जा परिवर्तन (Green Energy Transition) और सतत वन विकास की दिशा में तमिलनाडु की दृष्टि के अनुरूप है।
सौर ऊर्जा के प्रयोग से डीजल जनरेटर पर निर्भरता घटेगी, कार्बन उत्सर्जन कम होगा, और संचालन लागत में बचत होगी।
स्थिर GK तथ्य: तमिलनाडु भारत के शीर्ष तीन नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल है — विशेष रूप से सौर और पवन ऊर्जा निवेश के लिए प्रसिद्ध है।
हाथी और महावत कल्याण की दिशा में कदम
यह गाँव प्रशिक्षण एवं कल्याण केंद्र के रूप में कार्य करेगा जहाँ महावतों के लिए
पशु चिकित्सा सेवाएँ, वैज्ञानिक हाथी प्रबंधन प्रशिक्षण, और परिवारों के लिए शैक्षिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।
इससे महावत समुदाय का सामाजिक सशक्तिकरण और हाथियों का संरक्षण दोनों सुनिश्चित होंगे।
यह पहल तमिलनाडु की हाथी संरक्षण और समुदाय आधारित वन प्रबंधन परंपरा को और मजबूत करती है — जिससे मानव और हाथियों के बीच सह-अस्तित्व का संतुलन बना रहे।
स्थिर “Usthadian” वर्तमान घटनाएँ सारणी
विषय | विवरण |
स्थान | कोझिकमुथी एलीफेंट कैम्प, आनंदमलाई टाइगर रिजर्व |
उद्घाटनकर्ता | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री |
उद्घाटन वर्ष | 2025 |
पहला महावत गाँव | थेप्पाकाडु, मुदुमलाई टाइगर रिजर्व |
सोलर माइक्रोग्रिड की लागत | ₹3.5 करोड़ |
कार्यान्वयन निकाय | राज्य योजना आयोग |
उद्देश्य | महावतों और पालतू हाथियों का कल्याण |
ऊर्जा स्रोत | सौर ऊर्जा आधारित माइक्रोग्रिड |
क्षेत्रीय महत्व | पश्चिमी घाट का हिस्सा, जैव विविधता हॉटस्पॉट |
संरक्षण फोकस | हाथी और वन पारिस्थितिकी तंत्र का सतत प्रबंधन |