ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
7 मई 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। हमले के पीछे लश्कर–ए–तैयबा का हाथ बताया गया। इस अभियान का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी शिविरों को ध्वस्त करना था।
इस सैन्य प्रतिक्रिया ने सीमा-पार आतंकी ढाँचे को कमजोर किया और नियंत्रण रेखा (LoC) पर सुरक्षा को और मजबूत किया।
स्टैटिक जीके तथ्य: LoC को औपचारिक रूप से 1972 के शिमला समझौते के बाद खींचा गया था।
सर्वोततम युद्ध सेवा पदक का महत्व
सर्वोततम युद्ध सेवा पदक (SYSM) भारत का सर्वोच्च युद्धकालीन विशिष्ट सेवा सम्मान है। इसे युद्ध, संघर्ष और शत्रुतापूर्ण परिस्थितियों में असाधारण नेतृत्व और कमान के लिए दिया जाता है।
इसकी प्रतिष्ठा परम विशिष्ट सेवा पदक के बराबर मानी जाती है, जो शांति कालीन उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दिया जाता है। 2025 से पहले यह केवल तीन अवसरों पर प्रदान किया गया था, जिनमें 1999 का कारगिल युद्ध शामिल है।
स्टैटिक जीके टिप: लेफ्टिनेंट जनरल प्रीमिंदर सिंह भगत 1980 में इस पदक के पहले प्राप्तकर्ता थे।
भारतीय वायुसेना की अहम भूमिका
2025 में सम्मान पाने वालों में सबसे अधिक अधिकारी भारतीय वायुसेना (IAF) से थे। एयर मार्शल नरमदेश्वर तिवारी, एयर मार्शल नगेश कपूर, एयर मार्शल जितेंद्र मिश्रा और एयर मार्शल ए.के. भारती को यह पदक दिया गया।
IAF ने:
- 9 आतंकी ठिकानों और कई पाकिस्तानी एयरबेस (नूर खान, रहीम यार खान सहित) पर प्रिसिजन स्ट्राइक की।
- Integrated Air Command and Control System (IACCS) के जरिये समन्वय सुनिश्चित किया।
- ड्रोन स्वॉर्म्स को निष्क्रिय करने के लिए आकाश मिसाइल प्रणाली और पारंपरिक हथियारों का प्रयोग किया।
इसने भारत की आधुनिक और परंपरागत दोनों रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन किया।
नौसेना की ऐतिहासिक उपलब्धि
पहली बार किसी नौसेना अधिकारी को SYSM से सम्मानित किया गया। वाइस एडमिरल संजय जसजित सिंह (सेवानिवृत्त), जो उस समय पश्चिमी नौसैनिक कमान का नेतृत्व कर रहे थे, को यह पदक प्रदान किया गया।
भारतीय नौसेना ने कैरीयर बैटल ग्रुप की तैनाती की, जिसमें MiG-29K लड़ाकू विमान, अर्ली–वॉर्निंग हेलीकॉप्टर और पनडुब्बियाँ शामिल थीं। इन अभियानों ने पाकिस्तान की हवाई गतिविधियों को सीमित किया और भारत की समुद्री युद्ध क्षमता को मज़बूत किया।
स्टैटिक जीके तथ्य: INS विक्रमादित्य और स्वदेशी INS विक्रांत भारत के एयरक्राफ्ट कैरियर फ्लीट की रीढ़ हैं।
रणनीतिक परिणाम
ऑपरेशन सिंदूर ने सीमा–पार आतंकी नेटवर्क को कमजोर किया और थल, नौसेना और वायुसेना के संयुक्त संचालन की सफलता को उजागर किया। पाकिस्तान ने पहले बातचीत से इनकार किया, लेकिन बाद में संघर्षविराम की इच्छा जताई, जो इस अभियान की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
2025 में SYSM का प्रदान किया जाना भारत की निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया की क्षमता और उत्कृष्ट नेतृत्व की मान्यता का प्रतीक है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
ऑपरेशन सिंदूर की तारीख | 7 मई 2025 |
कारण | पहलगाम आतंकी हमला, 26 नागरिकों की मौत |
मुख्य लक्ष्य | पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों का विनाश |
हमला करने वाला समूह | लश्कर-ए-तैयबा |
भारत का सर्वोच्च युद्धकालीन सेवा सम्मान | सर्वोततम युद्ध सेवा पदक (SYSM) |
समकक्ष शांति कालीन सम्मान | परम विशिष्ट सेवा पदक |
2025 के प्राप्तकर्ता | 7 अधिकारी |
IAF पुरस्कार विजेता | नरमदेश्वर तिवारी, नगेश कपूर, जितेंद्र मिश्रा, ए.के. भारती |
नौसेना के पहले सम्मानित अधिकारी | वाइस एडमिरल संजय जसजित सिंह (सेवानिवृत्त) |
IAF तकनीक | Integrated Air Command and Control System (IACCS) |