भारत में डिजिटल नेटवर्क का स्वदेशी क्रांति
सी–डॉट (C-DOT) द्वारा विकसित SAKSHAM-3000 नामक उच्च-प्रदर्शन वाला राउटर भारत की डिजिटल संप्रभुता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह डिवाइस विशेष रूप से डिजिटल डेटा ट्रैफिक को संभालने और एआई व टेलीकॉम नेटवर्क जैसे क्षेत्रों में दक्षता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
Static GK Fact: C-DOT की स्थापना 1984 में दूरसंचार विभाग के अधीन की गई थी, ताकि भारत में स्वदेशी टेलीकॉम टेक्नोलॉजी विकसित की जा सके।
सक्षम-3000 की तकनीकी खूबियाँ
यह राउटर 1G से 400G तक की ईथरनेट स्पीड को सपोर्ट करता है और इसमें 32 पोर्ट्स ऑफ 400G की क्षमता है। इसकी मॉड्यूलर संरचना इसे डेटा सेंटर, एआई एप्लिकेशन, और 5G–6G नेटवर्क जैसी तेज़ गति वाली डिजिटल प्रणालियों के लिए उपयुक्त बनाती है।
CROS ऑपरेटिंग सिस्टम की भूमिका
यह राउटर CROS (C-DOT Router Operating System) पर चलता है, जो अनुकूलित नेटवर्क नियंत्रण, स्केलेबिलिटी, और सुरक्षा प्रबंधन को सक्षम करता है। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के ज़रिए भारत आयातित तकनीक पर निर्भरता घटा रहा है और एक मजबूत डिजिटल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा
SAKSHAM-3000 भारत के डिजिटल इंडिया मिशन, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं, और एआई अधोसंरचना को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाएगा। यह तकनीक मेक इन इंडिया की सोच को भी साकार करती है।
Static GK Fact: भारत इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या के मामले में विश्व के शीर्ष पांच देशों में शामिल है, इसलिए नेटवर्क बुनियादी ढांचा राष्ट्रीय विकास के लिए अनिवार्य है।
साइबर सुरक्षा और रणनीतिक लाभ
SAKSHAM-3000 के स्वदेशी होने से भारत की डाटा संप्रभुता और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा मजबूत होती है। जैसे-जैसे क्लाउड कंप्यूटिंग, IoT, और डिजिटल गवर्नेंस की भूमिका बढ़ रही है, वैसे-वैसे ऐसे राउटर की आवश्यकता भी महत्वपूर्ण होती जा रही है।
Static Usthadian Current Affairs Table (हिंदी संस्करण)
विषय | विवरण |
पूर्ण नाम | सक्षम-3000 |
विकसित करने वाली संस्था | C-DOT (Centre for Development of Telematics) |
ऑपरेटिंग सिस्टम | CROS (C-DOT Router Operating System) |
ईथरनेट समर्थन | 1G से 400G तक, 32 पोर्ट्स ऑफ 400G |
प्रमुख उपयोग | डेटा सेंटर, AI, 5G, 6G |
लॉन्च वर्ष | 2025 |
संस्था का प्रकार | दूरसंचार विभाग के अधीन सरकारी अनुसंधान निकाय |
रणनीतिक भूमिका | डिजिटल इंडिया को समर्थन, स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा |
सुरक्षा भूमिका | साइबर सुरक्षा और डाटा नियंत्रण को सुदृढ़ करता है |
ऐतिहासिक तथ्य | C-DOT की स्थापना 1984 में स्वदेशी टेलीकॉम विकास हेतु हुई |