सभासार AI टूल का लॉन्च
पंचायती राज मंत्रालय ने 14 अगस्त, 2025 को ग्राम सभा और पंचायत बैठकों का सारांश बनाने के लिए एक AI-सक्षम प्लेटफॉर्म के रूप में सभासार लॉन्च किया। यह टूल वॉइस-टू-टेक्स्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके बोली गई चर्चाओं को संरचित टेक्स्ट सारांश में बदलता है।
इसका प्राथमिक उद्देश्य जमीनी स्तर की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और रिकॉर्ड-कीपिंग को बढ़ाना है। सभासार मौजूदा प्रशासनिक प्रथाओं को बाधित किए बिना नियमित बैठकों का समर्थन करता है।
स्टेटिक जीके तथ्य: पंचायती राज मंत्रालय का गठन 73वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम के तहत विकेन्द्रीकृत शासन को मजबूत करने के लिए 2004 में किया गया था।
पंचायत स्तर पर तेजी से अपनाया जाना
सभासार को लॉन्च होने के कुछ ही महीनों में देश भर में तेजी से अपनाया गया। त्रिपुरा में पायलट चरण के दौरान, सभी 1,194 ग्राम पंचायतों को 15 अगस्त, 2025 को विशेष ग्राम सभाओं के लिए प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इनमें से, 1,047 पंचायतों ने, जो 87% अपनाने का प्रतिनिधित्व करती हैं, उसी दिन सफलतापूर्वक टूल का उपयोग किया। इसने ग्रामीण और अर्ध-शहरी सेटिंग्स में भी इसकी परिचालन व्यवहार्यता का प्रदर्शन किया।
देश भर में उपयोग 15 अगस्त, 2025 को 12,667 ग्राम पंचायतों से बढ़कर 2 अक्टूबर, 2025 को 77,198 पंचायतों तक पहुंच गया, जो गांधी जयंती ग्राम सभाओं के साथ मेल खाता है।
3 दिसंबर, 2025 तक, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 92,376 ग्राम पंचायतों ने स्वचालित बैठक सारांश के लिए सभासार का उपयोग किया है।
स्टेटिक जीके टिप: 2 अक्टूबर का उपयोग आमतौर पर देश भर में ग्राम सभा की बैठकों के लिए किया जाता है क्योंकि यह सामुदायिक भागीदारी और सामाजिक सुधार से जुड़ा है।
क्षमता निर्माण और उपयोग में आसानी
मंत्रालय ने समान रूप से अपनाने को सुनिश्चित करने के लिए क्षमता निर्माण को प्राथमिकता दी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पंचायतों तक आगे प्रसार के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) परिचालित की गई।
राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों के लिए कई भौतिक और आभासी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन सेशन में लाइव डेमो, वर्कफ़्लो इंटीग्रेशन और ट्रबलशूटिंग पर फोकस किया गया।
राज्य सरकारों ने चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों और प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए स्थानीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित करके केंद्र के प्रयासों में सहयोग किया। यह टूल कम से कम तकनीकी दखल के साथ काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
AI इंफ्रास्ट्रक्चर और गवर्नेंस फ्रेमवर्क
सभासार इंडिया AI कंप्यूट पोर्टल के ज़रिए दिए गए AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करता है। यह पोर्टल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के इंडिया AI मिशन के तहत काम करता है।
इंडिया AI मिशन AI इंफ्रास्ट्रक्चर और प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए जेनरेट किए गए डेटा दोनों की गवर्नेंस के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करता है। सभी डेटा प्रोसेसिंग पूरी तरह से सरकारी इकोसिस्टम के अंदर होती है।
कोई भी मीटिंग डेटा या ऑडियो इनपुट बाहरी थर्ड-पार्टी सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ शेयर नहीं किया जाता है, जिससे संवेदनशील गवर्नेंस जानकारी पर संप्रभु नियंत्रण सुनिश्चित होता है।
स्टैटिक GK तथ्य: MeitY भारत के डिजिटल गवर्नेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स नीति और AI रणनीति के लिए ज़िम्मेदार केंद्रीय मंत्रालय है।
डेटा प्राइवेसी और कानूनी अनुपालन
सभासार से संबंधित डेटा प्राइवेसी और स्टोरेज डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियमों के तहत रेगुलेट होते हैं। इन नियमों को 13 नवंबर, 2025 को भारत के राजपत्र में आधिकारिक तौर पर नोटिफ़ाई किया गया था।
मंत्रालय ने साफ़ किया है कि सभासार मौजूदा कानूनी और नियामक फ्रेमवर्क का पूरी तरह से पालन करता है। नागरिकों के डेटा की सुरक्षित हैंडलिंग प्लेटफ़ॉर्म के डिज़ाइन का मुख्य हिस्सा है।
यह तालमेल स्थानीय स्व-शासन में डिजिटल परिवर्तन को सक्षम करते हुए विश्वास को मज़बूत करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| सभासार लॉन्च तिथि | 14 अगस्त 2025 |
| लॉन्च करने वाला मंत्रालय | पंचायती राज मंत्रालय |
| मुख्य कार्य | एआई-आधारित वॉयस-टू-टेक्स्ट बैठक सार-संक्षेपण |
| कवरेज | ग्राम सभा और पंचायत बैठकें |
| अंगीकरण का स्तर | 92,000 से अधिक ग्राम पंचायतें |
| एआई अवसंरचना | इंडिया एआई कंप्यूट पोर्टल |
| नोडल एजेंसी | इंडिया एआई मिशन |
| डेटा शासन कानून | डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम |
| राजपत्र अधिसूचना | 13 नवंबर 2025 |
| उद्देश्य | जमीनी स्तर के शासन में पारदर्शिता और दक्षता |





