नई फ्यूल डिलीवरी का रणनीतिक महत्व
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (KKNPP) में यूनिट 3 की शुरुआती लोडिंग के लिए रोसाटॉम द्वारा परमाणु ईंधन की डिलीवरी भारत की परमाणु क्षमता के विस्तार में एक बड़ा कदम है। यह यूनिट 3 के निर्माण से प्री-ऑपरेशनल चरण में संक्रमण का संकेत देता है। यह भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय तकनीकी सहयोग को भी मजबूत करता है, जो नागरिक परमाणु ऊर्जा में एक लंबे समय से भागीदार है।
स्टेटिक जीके तथ्य: कुडनकुलम भारत की सबसे बड़ी नागरिक परमाणु परियोजना है, जो तिरुनेलवेली जिले, तमिलनाडु में स्थित है।
कुडनकुलम इकाइयों की पृष्ठभूमि
KKNPP VVER-1000 रिएक्टरों का संचालन करता है, जो रूस में विकसित एक प्रेशराइज्ड वॉटर रिएक्टर डिजाइन है। यूनिट 1 और 2 पहले से ही दक्षिणी ग्रिड को स्थिर बेसलोड बिजली प्रदान कर रहे हैं। यूनिट 3, एक बार चालू होने के बाद, भारत की परमाणु क्षमता में 1,000 मेगावाट और जोड़ेगी, जिससे तमिलनाडु और पड़ोसी राज्यों में आपूर्ति विश्वसनीयता बढ़ेगी।
स्टेटिक जीके टिप: VVER श्रृंखला विश्व स्तर पर सबसे व्यापक रूप से तैनात रिएक्टर डिजाइनों में से एक है।
भारत के परमाणु कार्यक्रम में रोसाटॉम की भूमिका
रोसाटॉम, रूस की सरकारी परमाणु निगम, कुडनकुलम इकाइयों के लिए ईंधन आपूर्ति, रिएक्टर घटकों और तकनीकी सहायता के लिए जिम्मेदार है। इसकी डिलीवरी दीर्घकालिक समझौतों का पालन करती है जो निर्बाध परमाणु ईंधन उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं। नवीनतम खेप भारत के बढ़ते परमाणु बेड़े के लिए अनुमानित आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत के विश्वास को मजबूत करती है।
ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना
भारत जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और स्वच्छ और विश्वसनीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। यूनिट 3 के जुड़ने से ग्रिड स्थिरता बनाए रखते हुए बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। परमाणु ऊर्जा ऊर्जा विविधीकरण और जलवायु प्रतिबद्धताओं दोनों में योगदान करती है, विशेष रूप से भारत के नेट-जीरो विजन के तहत।
स्टेटिक जीके तथ्य: भारत का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र 1969 में तारापुर, महाराष्ट्र में स्थापित किया गया था।
आर्थिक और क्षेत्रीय लाभ
कुडनकुलम का विस्तार तमिलनाडु में औद्योगिक विकास का समर्थन करता है, जो सबसे अधिक बिजली खपत दर वाले राज्यों में से एक है। यह निर्माण, रखरखाव और सहायक सेवा अवसरों के माध्यम से स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा देता है। बढ़ी हुई बिजली उत्पादन क्षमता दक्षिणी क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को बेहतर बनाती है।
सुरक्षा और रेगुलेटरी निगरानी
एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (AERB) क्वालिटी, सुरक्षा और ऑपरेशनल अप्रूवल की निगरानी करता है। फ्यूल लोडिंग की अनुमति केवल विस्तृत निरीक्षण और सिस्टम की तैयारी की जांच के बाद ही दी जाती है। भारत का सुरक्षित परमाणु संचालन का रिकॉर्ड मजबूत रेगुलेटरी प्रोटोकॉल और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को रेखांकित करता है।
भविष्य की विस्तार योजनाएँ
KKNPP में आखिरकार छह रिएक्टर यूनिट होंगी, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा परिसरों में से एक बन जाएगा। यूनिट 4, 5 और 6 का काम भी उपकरण डिलीवरी और संरचनात्मक कार्य के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत की दीर्घकालिक रणनीति स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों और तकनीकी आत्मनिर्भरता का समर्थन करने के लिए परमाणु ऊर्जा को बढ़ाना है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| परियोजना | कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना |
| स्थान | तिरुनेलवेली ज़िला, तमिलनाडु |
| प्रौद्योगिकी | वीवीईआर-1000 दाबित जल रिएक्टर |
| विकासकर्ता | भारत और रूस का सहयोग |
| ईंधन आपूर्तिकर्ता | रोसाटॉम |
| वर्तमान प्रगति | इकाई 3 के लिए प्रारंभिक ईंधन आपूर्ति |
| क्षमता वृद्धि | 1,000 मेगावाट (इकाई 3) |
| नियामक | परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड |
| वर्तमान चालू इकाइयाँ | इकाई 1 और 2 |
| भविष्य विस्तार | कुल छह नियोजित इकाइयाँ |





