सितम्बर 12, 2025 9:05 अपराह्न

नाबालिगों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती चिंता

चालू घटनाएँ: तमिलनाडु, iRAD सिस्टम, किशोर अपराधी, घातक हादसे, बिहार चालान, राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, CCTNS, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, सड़क सुरक्षा

Rising Concern of Road Accidents Caused by Minors

नाबालिगों की बढ़ती संलिप्तता

भारत में नाबालिगों से जुड़े सड़क हादसे गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं। इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (iRAD) के अनुसार, 2023 और 2024 में 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 11,890 हादसे नाबालिगों से जुड़े थे। इसमें तमिलनाडु 2,063 मामलों के साथ शीर्ष पर रहा।
हालाँकि, तमिलनाडु पुलिस सत्यापन में केवल 473 मामले सामने आए, जिससे अपलोड किए गए आंकड़ों और वास्तविक मामलों में अंतर स्पष्ट होता है।
स्थैटिक GK तथ्य: iRAD प्रणाली को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने आईआईटी मद्रास के सहयोग से विकसित किया।

राज्यवार तुलना

iRAD रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश में 1,138 मामले और महाराष्ट्र में 1,067 मामले दर्ज हुए। यह दर्शाता है कि समस्या केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है।
तमिलनाडु में 2023 में 204 मामले और 2024 में 269 मामले दर्ज हुए। राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) का मानना है कि CCTNS सिस्टम के जरिए दर्ज डेटा अधिक सटीक है।
स्थैटिक GK टिप: CCTNS प्रोजेक्ट को 2009 में राष्ट्रीय गवर्नेंस योजना के तहत शुरू किया गया था।

नाबालिग ड्राइविंग पर प्रवर्तन

तमिलनाडु ने 2023 में 41 चालान और 2024 में 80 चालान नाबालिग चालकों के अभिभावकों पर लगाए। इसके विपरीत, बिहार ने सबसे अधिक 1,316 चालान जारी किए, जिससे ₹44.27 लाख राजस्व प्राप्त हुआ। इससे पता चलता है कि बिहार ने सख्त प्रवर्तन अपनाया है।
स्थैटिक GK तथ्य: मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 के तहत नाबालिगों द्वारा यातायात उल्लंघन की स्थिति में अभिभावकों पर ₹25,000 तक का जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है।

तमिलनाडु में सड़क सुरक्षा रुझान

2025 की शुरुआत में तमिलनाडु में घातक सड़क हादसों में 17% की गिरावट दर्ज हुई। जनवरी–फरवरी 2025 में 2,576 हादसों और 2,678 मौतों की सूचना मिली, जबकि 2024 में इसी अवधि में 3,110 हादसे और 3,253 मौतें हुई थीं।
अधिकारियों ने इसका श्रेय जागरूकता अभियानों, कड़े प्रवर्तन और iRAD के जरिए वास्तविक समय निगरानी को दिया। हालांकि, अंडरएज ड्राइविंग अभी भी राज्य की सड़क सुरक्षा में बड़ी चुनौती बनी हुई है।
स्थैटिक GK टिप: राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति, 2010 में असुरक्षित ड्राइविंग के खिलाफ जागरूकता और प्रवर्तन को सुदृढ़ करने का प्रावधान है।

बेहतर सत्यापन और जागरूकता की आवश्यकता

विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी प्रणालियों जैसे iRAD ने रिपोर्टिंग में सुधार किया है, लेकिन डेटा गुणवत्ता और राज्यस्तरीय सत्यापन अब भी चुनौतीपूर्ण हैं। साथ ही, मातापिता की जिम्मेदारी और जागरूकता अभियान ही नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने का सबसे कारगर तरीका है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
नाबालिग हादसों वाला शीर्ष राज्य (iRAD) तमिलनाडु – 2,063 मामले
तमिलनाडु सत्यापित डेटा 2023–24 में 473 हादसे
मध्यप्रदेश 1,138 मामले
महाराष्ट्र 1,067 मामले
बिहार चालान 1,316 चालान, ₹44.27 लाख राजस्व
तमिलनाडु चालान 2023 – 41, 2024 – 80
TN घातक हादसे (जन–फर 2025) 2,576 हादसे, 2,678 मौतें
TN घातक हादसे (जन–फर 2024) 3,110 हादसे, 3,253 मौतें
डेटा स्रोत iRAD प्रणाली
TN लागू एजेंसी SCRB, CCTNS सिस्टम के तहत
Rising Concern of Road Accidents Caused by Minors
  1. iRAD डेटा (2023-24) के अनुसार, देश भर में मामूली दुर्घटनाओं के 11,890 मामले सामने आए हैं।
  2. तमिलनाडु 2,063 मामलों के साथ शीर्ष पर है।
  3. तमिलनाडु सत्यापन में केवल 473 मामले पाए गए।
  4. मध्य प्रदेश में 1,138 मामले सामने आए।
  5. महाराष्ट्र में 1,067 मामले सामने आए।
  6. iRAD को MoRTH और IIT मद्रास द्वारा विकसित किया गया है।
  7. तमिलनाडु में चालान: 41 (2023), 80 (2024)।
  8. बिहार में 1,316 चालान जारी किए गए, जिनसे ₹44.27 लाख की कमाई हुई।
  9. मोटर वाहन अधिनियम 2019 के तहत अभिभावकों पर ₹25,000 तक का जुर्माना और जेल हो सकती है।
  10. ई-गवर्नेंस योजना के तहत 2009 में CCTNS शुरू किया गया।
  11. तमिलनाडु में 2025 में घातक दुर्घटनाओं में 17% की गिरावट देखी गई।
  12. तमिलनाडु जनवरी-फरवरी 2025: 2,576 दुर्घटनाएँ, 2,678 मौतें।
  13. तमिलनाडु जनवरी-फरवरी 2024: 3,110 दुर्घटनाएँ, 3,253 मौतें।
  14. सीसीटीएनएस के तहत एससीआरबी बेहतर सटीकता सुनिश्चित करता है।
  15. दुर्घटना रोकथाम में माता-पिता की ज़िम्मेदारी पर ज़ोर दिया गया।
  16. घातक दुर्घटनाओं में कमी का श्रेय जागरूकता और आईआरएडी निगरानी को दिया गया।
  17. यह मुद्दा बढ़ती कम उम्र में गाड़ी चलाने की संस्कृति को दर्शाता है।
  18. राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति 2010 में अपनाई गई।
  19. विशेषज्ञ राज्यों और केंद्र के बीच डेटा विसंगतियों को उजागर करते हैं।
  20. देश भर में जागरूकता और सख्त प्रवर्तन का आह्वान।

Q1. iRAD के अनुसार नाबालिगों से जुड़े सबसे अधिक दुर्घटनाएँ किस राज्य में दर्ज की गईं?


Q2. तमिलनाडु में सटीक डेटा सत्यापन सुनिश्चित करने के लिए कौन-सी प्रणाली का उपयोग किया जाता है?


Q3. नाबालिगों के अभिभावकों पर सबसे अधिक चालान किस राज्य में जारी किए गए?


Q4. नाबालिगों के अभिभावकों पर दंड लगाने वाला मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम किस वर्ष पारित हुआ?


Q5. 2025 की शुरुआत में तमिलनाडु में घातक दुर्घटनाओं में कितने प्रतिशत की कमी आई?


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Current Affairs PDF August 29

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