नाबालिगों की बढ़ती संलिप्तता
भारत में नाबालिगों से जुड़े सड़क हादसे गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं। इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (iRAD) के अनुसार, 2023 और 2024 में 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 11,890 हादसे नाबालिगों से जुड़े थे। इसमें तमिलनाडु 2,063 मामलों के साथ शीर्ष पर रहा।
हालाँकि, तमिलनाडु पुलिस सत्यापन में केवल 473 मामले सामने आए, जिससे अपलोड किए गए आंकड़ों और वास्तविक मामलों में अंतर स्पष्ट होता है।
स्थैटिक GK तथ्य: iRAD प्रणाली को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने आईआईटी मद्रास के सहयोग से विकसित किया।
राज्यवार तुलना
iRAD रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश में 1,138 मामले और महाराष्ट्र में 1,067 मामले दर्ज हुए। यह दर्शाता है कि समस्या केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है।
तमिलनाडु में 2023 में 204 मामले और 2024 में 269 मामले दर्ज हुए। राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) का मानना है कि CCTNS सिस्टम के जरिए दर्ज डेटा अधिक सटीक है।
स्थैटिक GK टिप: CCTNS प्रोजेक्ट को 2009 में राष्ट्रीय ई–गवर्नेंस योजना के तहत शुरू किया गया था।
नाबालिग ड्राइविंग पर प्रवर्तन
तमिलनाडु ने 2023 में 41 चालान और 2024 में 80 चालान नाबालिग चालकों के अभिभावकों पर लगाए। इसके विपरीत, बिहार ने सबसे अधिक 1,316 चालान जारी किए, जिससे ₹44.27 लाख राजस्व प्राप्त हुआ। इससे पता चलता है कि बिहार ने सख्त प्रवर्तन अपनाया है।
स्थैटिक GK तथ्य: मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 के तहत नाबालिगों द्वारा यातायात उल्लंघन की स्थिति में अभिभावकों पर ₹25,000 तक का जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है।
तमिलनाडु में सड़क सुरक्षा रुझान
2025 की शुरुआत में तमिलनाडु में घातक सड़क हादसों में 17% की गिरावट दर्ज हुई। जनवरी–फरवरी 2025 में 2,576 हादसों और 2,678 मौतों की सूचना मिली, जबकि 2024 में इसी अवधि में 3,110 हादसे और 3,253 मौतें हुई थीं।
अधिकारियों ने इसका श्रेय जागरूकता अभियानों, कड़े प्रवर्तन और iRAD के जरिए वास्तविक समय निगरानी को दिया। हालांकि, अंडरएज ड्राइविंग अभी भी राज्य की सड़क सुरक्षा में बड़ी चुनौती बनी हुई है।
स्थैटिक GK टिप: राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति, 2010 में असुरक्षित ड्राइविंग के खिलाफ जागरूकता और प्रवर्तन को सुदृढ़ करने का प्रावधान है।
बेहतर सत्यापन और जागरूकता की आवश्यकता
विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी प्रणालियों जैसे iRAD ने रिपोर्टिंग में सुधार किया है, लेकिन डेटा गुणवत्ता और राज्यस्तरीय सत्यापन अब भी चुनौतीपूर्ण हैं। साथ ही, माता–पिता की जिम्मेदारी और जागरूकता अभियान ही नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने का सबसे कारगर तरीका है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नाबालिग हादसों वाला शीर्ष राज्य (iRAD) | तमिलनाडु – 2,063 मामले |
तमिलनाडु सत्यापित डेटा | 2023–24 में 473 हादसे |
मध्यप्रदेश | 1,138 मामले |
महाराष्ट्र | 1,067 मामले |
बिहार चालान | 1,316 चालान, ₹44.27 लाख राजस्व |
तमिलनाडु चालान | 2023 – 41, 2024 – 80 |
TN घातक हादसे (जन–फर 2025) | 2,576 हादसे, 2,678 मौतें |
TN घातक हादसे (जन–फर 2024) | 3,110 हादसे, 3,253 मौतें |
डेटा स्रोत | iRAD प्रणाली |
TN लागू एजेंसी | SCRB, CCTNS सिस्टम के तहत |