गांधी मंडपम में नई प्रतिमा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने चेन्नई के गुइंडी स्थित गांधी मंडपम परिसर में वीरमांगई रानी वेलु नाचियार की एक जीवन आकार प्रतिमा का अनावरण किया।
यह प्रतिमा राज्य सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा ₹50 लाख की लागत से स्थापित की गई है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने उनकी प्रतिमा के पास रखे चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
रानी वेलु नाचियार की विरासत
- जन्म: 1730, पिता राजा चेल्लमुथु विजयरघुनाथ सेतुपति और माता मुथाथल नाचियार।
- तलवारबाज़ी, तीरंदाज़ी, भाला फेंकने और घुड़सवारी जैसी युद्ध कलाओं में निपुण।
- 1746 में शिवगंगा के शासक मुथु वडुगनाथ थेवर से विवाह।
- 1772 में ब्रिटिश आक्रमण में पति की मृत्यु के बाद निर्वासन में रहीं।
- 1780 में हैदर अली, टीपू सुल्तान और दिंडीगुल के गोपाल नायकर की सहायता से शिवगंगा पुनः प्राप्त किया।
- इसके बाद लगभग 16 वर्षों तक शासन किया।
- निधन: 25 दिसंबर 1796।
उनका शासन कल्याणकारी नीतियों, ब्रिटिश विस्तार का विरोध और महिला नेतृत्व का प्रतीक माना जाता है।
सरकारी मान्यता और अतिरिक्त कदम
- मुख्यमंत्री स्टालिन ने घोषणा की कि वेल्लोर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल का नाम बदलकर रानी वेलु नाचियार के नाम पर रखा जाएगा।
- यह अनावरण सरकार द्वारा पूर्व में किए गए वादे की पूर्ति है।
- राज्य सरकार ने उनके सम्मान में संगीत-नृत्य नाटक और 2023 गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकी भी प्रस्तुत की थी।
ऐतिहासिक तथ्य
- स्थैतिक तथ्य: रानी वेलु नाचियार को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष का नेतृत्व करने वाली भारत की पहली महिला रानी माना जाता है, जो रानी लक्ष्मीबाई से भी पहले थीं।
- स्थैतिक तथ्य: उन्होंने 1780 से 1796 तक शिवगंगा पर शासन किया और उनके बाद उनकी पुत्री वेल्लाची ने राज संभाला।
महत्व
यह प्रतिमा न केवल स्वतंत्रता संग्राम की एक अग्रणी महिला नेता को श्रद्धांजलि है, बल्कि सार्वजनिक स्मृति का साधन भी है।
संस्थानों का नामकरण इस विरासत को पीढ़ियों तक संस्थागत रूप से जीवित रखता है।
यह पहल भारतीय इतिहास में महिलाओं की भूमिका को व्यापक पहचान देने का संकेत है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
अनावरण की गई प्रतिमा | रानी वेलु नाचियार, गांधी मंडपम, गुइंडी, चेन्नई |
अनावरणकर्ता | मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन |
लागत | ₹50 लाख |
नामकरण | वेल्लोर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल का नाम रानी वेलु नाचियार पर |
जन्म–मृत्यु | 1730 – 25 दिसंबर 1796 |
सहयोगी | हैदर अली, टीपू सुल्तान, गोपाल नायकर |
शासनकाल | 1780 से लगभग 16 वर्ष |
उपाधि | वीरमांगई (भारत की प्रथम महिला स्वतंत्रता सेनानी) |