विकास लक्ष्यों के लिए नई समितियाँ
केंद्र ने राजीव गौबा, नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य और पूर्व कैबिनेट सचिव, की अध्यक्षता में दो उच्चस्तरीय समितियाँ गठित की हैं।
इनका उद्देश्य विकसित भारत विज़न 2047 को तेज़ी से आगे बढ़ाना और नेक्स्ट जेनरेशन सुधारों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है।
- एक समिति दीर्घकालिक नीतियों पर काम करेगी ताकि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल कर सके।
- दूसरी समिति गैर-वित्तीय नियामकीय सुधारों पर केंद्रित होगी, जिससे ढाँचे सरल हों और प्रतिस्पर्धा बढ़े।
स्थैतिक जीके तथ्य: नीति आयोग 2015 में स्थापित हुआ था, जिसने योजना आयोग की जगह ली।
समन्वित शासन ढांचा
गौबा के नेतृत्व वाले पैनल्स की कार्यप्रणाली का समन्वय केंद्रीय मंत्रिस्तरीय समितियों से होगा, जिनकी अध्यक्षता गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, संघीय ढांचे में अड़चनों को दूर करने के लिए कैबिनेट सचिव टीवीएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक राज्य–स्तरीय डिरेगुलेशन पैनल भी बनाया गया है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत एक अर्ध–संघीय शासन प्रणाली का पालन करता है, जिसमें एकात्मक पक्ष की प्रधानता है।
समावेशी समिति संरचना
इन समितियों में नीतिनिर्माताओं और निजी क्षेत्र के नेताओं का संतुलित मिश्रण है।
- इसमें DPIIT, व्यय, MSME और ऊर्जा मंत्रालय के सचिव शामिल हैं।
- प्रमुख उद्योग विशेषज्ञ जैसे पवन गोयनका, मनीष सबरवाल और जनमेजय सिन्हा (BCG इंडिया चेयरपर्सन) को भी जोड़ा गया है।
- इसके अलावा, CII, FICCI और असोचैम के महासचिव भी सदस्य हैं।
स्थैतिक जीके तथ्य: CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) की स्थापना 1895 में हुई थी, जो भारत के सबसे पुराने उद्योग संगठनों में से एक है।
विकसित भारत विज़न की पृष्ठभूमि
इन पैनलों का गठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस 2025 भाषण के बाद हुआ, जिसमें उन्होंने संरचनात्मक सुधारों और भविष्य उन्मुख नीतियों पर जोर दिया था।
विकसित भारत विज़न के प्रमुख लक्ष्य हैं—
- $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का निर्माण
- शासन दक्षता में वृद्धि
- औद्योगिक नवाचार को बढ़ावा
- डिजिटल अवसंरचना का विस्तार
- केंद्र–राज्य सहयोग को मजबूत करना
स्थैतिक जीके टिप: भारत ने 2022 में ब्रिटेन को पीछे छोड़कर विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा प्राप्त किया।
नीति सुधारों का आगे का मार्ग
इन समितियों से अपेक्षा है कि वे—
- नियामकीय अड़चनों को हटाने
- निवेश को प्रोत्साहित करने
- और संस्थागत क्षमता बढ़ाने पर ठोस सिफारिशें देंगी।
राजनीतिक नेतृत्व और विशेषज्ञ इनपुट्स के साथ यह कदम तेज़ सुधार–उन्मुख शासन की ओर संकेत करता है।
संघीय समन्वय और उद्योग सहभागिता पर दोहरा ध्यान इस बात को दर्शाता है कि सरकार ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस, नीति की स्पष्टता और समावेशी आर्थिक विकास सुनिश्चित करना चाहती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
समिति अध्यक्ष | राजीव गौबा |
मातृ संस्था | नीति आयोग |
लक्ष्य वर्ष | 2047 (विकसित भारत) |
मंत्रिस्तरीय समन्वय | अमित शाह और राजनाथ सिंह |
राज्य-स्तरीय समिति प्रमुख | टीवीएस स्वामीनाथन |
शामिल मंत्रालय | DPIIT, व्यय, MSME, ऊर्जा |
उद्योग नेता | पवन गोयनका, मनीष सबरवाल, जनमेजय सिन्हा |
उद्योग संगठन | CII, FICCI, असोचैम |
विज़न लक्ष्य | $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था और आगे |
नीति आयोग गठन वर्ष | 2015 |